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अग्रवाल ब्रदर्स मर्डर केस: लोकेश और एमके सिंह भगोड़ा घोषित

रांची में अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमपी सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है. दोनों आरोपियों की फोटो और डिटेल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भेजा गया है. दोनों को पूरे देश में कहीं भी देखे जाने पर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश मिला है.

लोकेश चौधरी (फाइल फोटो)
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Published : Jul 31, 2019, 7:48 AM IST

रांची: चर्चित अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमपी सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय के जारी आदेश में कहा गया है कि लोकेश चौधरी और एमपी सिंह देश भर में कहीं भी दिखे तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

अरगोड़ा थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल ने बताया कि लोकेश और एमके को भगोड़ा घोषित करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था. भगोड़ा घोषित होने के बाद दोनों आरोपियों की फोटो और डिटेल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भेजा गया है. दोनों को पूरे देश में कहीं भी देखे जाने पर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश मिला है.

ये भी पढ़ें-रांची रेल मंडल में चला RPF का डंडा, ई-टिकट के कई दलालों को किया गिरफ्तार

घर की कुर्की हो चुकी है
अग्रवाल प्रदेश हत्याकांड के आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह के घर में 7 अप्रैल 2019 को कुर्की जब्ती की गई थी. लोकेश के घर से लगभग 10 लाख का सामान जब्त किया गया था, जबकि एमके सिंह के घर से भी पुलिस ने लाखों रुपए के सामान जब्त किए थे.

क्या है मामला
7 मार्च 2019 को लोकेश चौधरी ने अपने दफ्तर में रांची के दो व्यवसाई भाई महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में लोकेश के साथ-साथ उसके दो बॉडीगार्ड और उसका खास सहयोगी एमके सिंह भी शामिल था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोकेश के बॉडीगार्ड्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन लोकेश और एमके अब तक फरार चल रहे हैं.

रसूख के बल पर फरार है लोकेश
शहर के पॉश अशोकनगर इलाके में न्यूज चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से थी. पहुंच और पैरवी का इस्तेमाल कर 2018 में लोकेश चौधरी ने झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड लिया था, लेकिन बाद में रांची डीआईजी अमोल वी होमकर ने रांची एसएसपी अनीश गुप्ता से लोकेश चौधरी के सुरक्षा की समीक्षा कराई थी. जिसके बाद सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे.

बॉडीगार्ड वापस लिए जाने के बाद लोकेश चौधरी ने एक निजी गनर अपनी सुरक्षा में रखा था. बॉडीगार्ड वापस होने के बाद लोकेश चौधरी ने रांची के अफसरों पर सुरक्षा के लिए दबाव भी डाला था. लोकेश आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी संपर्क में था. रांची के रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव से उसने कई दफे मुलाकात कर बिहार से विधानसभा का टिकट की मांग की थी. अपने पॉलिटिकल पहुंच की वजह से ही लोकेश अब तक फरार चल रहा है.

रांची: चर्चित अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमपी सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय के जारी आदेश में कहा गया है कि लोकेश चौधरी और एमपी सिंह देश भर में कहीं भी दिखे तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

अरगोड़ा थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल ने बताया कि लोकेश और एमके को भगोड़ा घोषित करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था. भगोड़ा घोषित होने के बाद दोनों आरोपियों की फोटो और डिटेल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भेजा गया है. दोनों को पूरे देश में कहीं भी देखे जाने पर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश मिला है.

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घर की कुर्की हो चुकी है
अग्रवाल प्रदेश हत्याकांड के आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह के घर में 7 अप्रैल 2019 को कुर्की जब्ती की गई थी. लोकेश के घर से लगभग 10 लाख का सामान जब्त किया गया था, जबकि एमके सिंह के घर से भी पुलिस ने लाखों रुपए के सामान जब्त किए थे.

क्या है मामला
7 मार्च 2019 को लोकेश चौधरी ने अपने दफ्तर में रांची के दो व्यवसाई भाई महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में लोकेश के साथ-साथ उसके दो बॉडीगार्ड और उसका खास सहयोगी एमके सिंह भी शामिल था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोकेश के बॉडीगार्ड्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन लोकेश और एमके अब तक फरार चल रहे हैं.

रसूख के बल पर फरार है लोकेश
शहर के पॉश अशोकनगर इलाके में न्यूज चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से थी. पहुंच और पैरवी का इस्तेमाल कर 2018 में लोकेश चौधरी ने झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड लिया था, लेकिन बाद में रांची डीआईजी अमोल वी होमकर ने रांची एसएसपी अनीश गुप्ता से लोकेश चौधरी के सुरक्षा की समीक्षा कराई थी. जिसके बाद सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे.

बॉडीगार्ड वापस लिए जाने के बाद लोकेश चौधरी ने एक निजी गनर अपनी सुरक्षा में रखा था. बॉडीगार्ड वापस होने के बाद लोकेश चौधरी ने रांची के अफसरों पर सुरक्षा के लिए दबाव भी डाला था. लोकेश आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी संपर्क में था. रांची के रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव से उसने कई दफे मुलाकात कर बिहार से विधानसभा का टिकट की मांग की थी. अपने पॉलिटिकल पहुंच की वजह से ही लोकेश अब तक फरार चल रहा है.

Intro:रांची के चर्चित अग्रवाल ब्रदर्स के हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमपी सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि  लोकेश चौधरी और एमपी से देश भर में कहीं भी दिखे तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

अरगोड़ा थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल ने बताया कि लोकेश और एमके को भगोड़ा घोषित करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था। भगोड़ा घोषित होने के बाद दोनों आरोपियों का फोटो और डिटेल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर भेजा गया है ।दोनों को पूरे देश में कहीं भी देखे जाने पर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश मिला है।


घर की कुर्की हो चुकी है


अग्रवाल प्रदेश हत्याकांड के आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह के घर में 7 अप्रैल 2019 को कुर्की जब्ती की गई थी लोकेश के घर से लगभग 10 लाख का सामान जब्त किया गया था, जबकि एमके के घर से भी पुलिस ने लाखों रुपए का सामान जब्त किया था।


क्या है मामला


7 मार्च 2019 को लोकेश चौधरी ने अपने दफ्तर में रांची के दो व्यवसाई भाई महेंद्र अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में लोकेश के साथ साथ उसके दो बॉडीगार्ड और उसका खास सहयोगी एमके सिंह भी शामिल था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोकेश के बॉडीगार्ड्स को गिरफ्तार कर तो जेल भेज दिया लेकिन लोकेश और उनके अपने ऊंची पहुंच के बल पर अब तक फरार चल रहे हैं।

रसूख के बल पर फरार है लोकेश

शहर के पॉश अशोकनगर इलाके में न्यूज चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से थी। पहुंच व पैरवी का इस्तेमाल कर 2018 में लोकेश चौधरी ने झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड लिया था। लेकिन बाद में रांची डीआईजी अमोल वी होमकर ने रांची एसएसपी अनीश गुप्ता से लोकेश चौधरी के सुरक्षा की समीक्षा करायी थी, जिसके बाद सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे। बॉडीगार्ड वापस लिए जाने के बाद लोकेश चौधरी ने एक निजी गनर अपनी सुरक्षा में रखा था। बॉडीगार्ड वापस होने के बाद लोकेश चौधरी ने रांची के अफसरों पर सुरक्षा के लिए दबाव भी डाला था। लोकेश आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी संपर्क में था रांची के रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव से उसने कई दफे मुलाकात कर बिहार से विधानसभा का टिकट की मांग की थी। अपने पॉलिटिकल पहुंच की वजह से ही लोकेश अब तक फरार चल रहा है।

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