रांची: कोरोना महामारी की वजह सभी वर्ग परेशान हैं. इसमें मंदिरों के पुजारी पुरोहित व अन्य लोग भी परेशान हैं. वास्तव में मंंदिरों के सहारे जीवन यापन करने वालों के सामने उदर निर्वाह की समस्या खड़ी हो गई है. मंदिरों के पुजारी की परेशानी भी बढ़ती ही जा रही है. लोग जहां लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में रह रहे हैं तो वही मंदिरों पर भी लॉकडाउन के कारण प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसको लेकर भक्त मंदिरों में पूजा करने नहीं पहुंच पा रहे हैं.
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पंडित समाज ने सरकार से की मांग
मंदिर के पुजारियों की बात करें तो देवस्थानों से अपनी जीविका चलाने वाले पंडित अरविंद पांडे बताते हैं कि मंदिर के बंद होने की वजह से पंडितों और उनके परिवारों का जीवनयापन करना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में पंडित समाज ने सरकार से उनके लिए विशेष या वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करने की मांग की है, ताकि पंडित समाज भी अपने जीवन को सुचारू रूप से चला सकें.
वहीं, मंदिर के बंद होने की वजह से भक्त नीरज कुमार बताते हैं कि जिस तरह से महामारी का प्रकोप चल रहा है. ऐसे में कहीं ना कहीं घरों से निकलना खतरे से खाली नहीं है. इसलिए भगवान की पूजा घरों में रहकर करना भक्तों की मजबूरी है और हम भी आग्रह करते हैं कि जब तक महामारी का प्रकोप है तब तक सरकार की गाइडलाइन का पालन अवश्य करें.
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मनोचिकित्सक डॉक्टर अशोक प्रसाद बताते हैं कि महामारी के दौर में लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में वे लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं जो पूजा पाठ पर विशेष ध्यान देते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे लोग एक सोच के साथ घरों में पूजा करने पर ध्यान केंद्रित करें ताकि डिप्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न ना हो सके.
जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से मंदिरों के पुजारियों की स्थिति कहीं ना कहीं खराब हुई है, लेकिन वहीं कई पुजारियों ने एक स्वर में कहा कि अगर महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए लॉकडाउन कारगर साबित हो रहा है तो हम लोग इसका समर्थन करते हैं. हालांकि, सरकार को गरीब पंडित और पुजारियों की जीविका के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान अवश्य देना चाहिए.