रांची: कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई लंबी खींचती जा रही है. अब करीब-करीब स्पष्ट हो चुका है कि 18 मई से लॉकडाउन 4 शुरू हो जाएगा. इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार भी राजस्व वसूली की तैयारी में जुट चुकी है. पिछले दिनों पेट्रोल और डीजल पर ढाई-ढाई रुपए की पूर्व में मिली छूट को वापस ले लिया गया था. अब झारखंड में शराब की दुकानें खोलने की तैयारी शुरू हो गई है.
राजधानी में शराब की दुकानों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग की मार्किंग की जा रही है. दरअसल, झारखंड सरकार को शराब की बिक्री से मोटी कमाई होती है लेकिन लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री पर रोक लगी हुई थी. लॉकडाउन 3 के दौरान ही हेमंत सरकार के कई मंत्री इस बात की ओर इशारा कर चुके थे कि अब समय आ गया है कि शराब की बिक्री कर राजस्व उगाही का रास्ता खोला जाए ,अब उसी का असर दिखने लगा है.
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झारखंड में शराब की बिक्री से हर साल औसतन एक हजार से 12 सौ करोड़ की राजस्व वसूली होती थी. इस वित्तीय वर्ष में करीब 14 सौ करोड़ की राजस्व वसूली का अनुमान लगाया गया था लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले 2 माह में राज्य सरकार को करीब ढाई सौ करोड़ का घाटा हो चुका है. चुंकि लॉकडाउन 3 के दौरान ही दिल्ली समेत कई अन्य राज्य सरकारों ने अतिरिक्त टैक्स लगाकर शराब की बिक्री शुरू कर दी थी लेकिन हेमंत सरकार ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस व्यवस्था को बहाल करने से इंकार कर दिया था.
अब लॉकडाउन 4 को ध्यान में रखकर झारखंड सरकार भी शराब की बिक्री कर राजस्व वसूली की तैयारी में जुट गई है. रांची में वाइन शॉप के एक संचालक रमाशंकर ने बताया कि शराब की बिक्री बंद होने से व्यवसायियों को भी भारी नुकसान हो रहा था. अब व्यवस्था के शुरू होने से न सिर्फ सरकार को राजस्व मिलने लगेगा बल्कि शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी.
आपको बता दें कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने अपने स्तर से शराब बेचने का फैसला लिया था जिसको लेकर सरकार की बहुत खिंचाई भी हुई थी. पूर्ववर्ती सरकार के उस फैसले के कारण राजस्व का भारी नुकसान हुआ था. जब पूर्ववर्ती सरकार शराब बेच रही थी तब करीब 450 करोड़ की कमाई हुई थी जो पुरानी व्यवस्था से करीब 600 करोड़ कम थी. बाद में रघुवर सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बहाल कर शराब की दुकानों की नीलामी की थी.
वाइन शॉप संचालक ने बातचीत के दौरान बताया कि संभव है कि 15 मई से ही झारखंड में शराब की बिक्री शुरू हो जाए. अगर कल ऐसा संभव नहीं हो पाया तो 18 मई से यह व्यवस्था लागू होनी तय है.