रांचीः लाइट हाउस प्रोजेक्ट (Light house project) के तहत गरीबों के लिए बन रहे फ्लैट्स के खरीददार नहीं मिल रहे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद रांची के धुर्वा में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत 1008 फ्लैट बन रहे हैं. जिसके लिए रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) ने आवेदन मांगा है.
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लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बन रहे फ्लैट्स खरीदने के लिए 1 जुलाई से शुरू हुई आवेदन की प्रक्रिया में 17 जुलाई तक मात्र 140 लोगों ने आवेदन खरीदा. जिसमें से मात्र 35 आवेदन नगर निगम कार्यालय में जमा हुआ है. नगर निगम ने तीन लाख से कम आय के लोगों से 31 जुलाई तक आवेदन मांगा है. मेयर आशा लकड़ा (Mayor Asha Lakra) ने आवेदन कम मिलने का कारण कोरोना और लोगों की आय में कमी होना बताया है. मेयर ने उम्मीद जताई है कि फ्लैट्स की संख्या का दोगुना जरूर आवेदन निगम को मिल जाएगा.
क्या कहते हैं लोग
स्थानीय लोगों का मानना है कि फ्लैट का दाम अधिक होने के कारण गरीब खरीदने में सक्षम नहीं हैं. झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले वन बीएचके (1BHK) फ्लैट में रहने के लिए 6.79 लाख रुपया कहां से लाएंगे. एक फ्लैट में एक रूम, एक हॉल, एक बाथरूम और एक बालकनी होगी, जो कुल एरिया 319 वर्ग फीट में होगा. झारखंड में काफी देर से शुरू हुआ इस प्रोजेक्ट के साथ दुखद पहलू यह है कि झारखंड की अपेक्षा अन्य 5 राज्यों में गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में यह प्रोजेक्ट काफी आगे है. साल 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के एक फ्लैट की लागत
आवास की लागत - 13.29 लाख रुपया
केंद्र का अंश दान - 5.50 लाख
राज्य का अंश दान - 1 लाख
लाभुक का अंशदान - 6.79 लाख
आवेदक इस तरह जमा करेंगे पैसा
सिक्युरिटी मनी 5000 रुपया- आवास आवास आवंटन के बाद
पहली किश्त - 20000 - आवंटन पत्र जारी होने के 30 दिन के अंदर
दूसरी किस्त - 25000 - आवासीय ब्लॉक के निर्माण का 25% कार्य पूरा होने पर
तीसरी किश्त - 25000 - ब्लॉक के निर्माण का 50% कार्य पूरा होने पर
चौथी किश्त - 25000 - ब्लॉक के निर्माण का 75% कार्य पूरा होने पर
पांचवा और अंतिम किश्त - 25000 रुपया - लाभुक के आवासीय ब्लॉक के निर्माण का 90% कार्य पूर्ण होने पर
किसे मिलेगा लाइट हाउस के तहत फ्लैट
आर्थिक रूप से पिछड़ा - वार्षिक आय 3 लाख या तीन लाख से कम
लाभुकों की पात्रता - कट ऑफ डेट मिशन के शुभारंभ की तिथि अर्थात 17/06/2015 है
लाभुक के परिवार में पति पत्नी एवं अविवाहित बच्चे शामिल होंगे
लाभार्थी का स्थानीय निकाय क्षेत्र का वोटर कार्ड होना अनिवार्य
लाभुक का आधार कार्ड और बैंक अकाउंट संख्या होना जरूरी
लाभार्थी का देश के किसी भाग में उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम अपना पक्का घर नहीं है, वही इस योजना के पात्र होंगे
भारत या राज्य सरकार की किसी आवासीय योजना में अनुदान या छूट का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थी इस योजना के पात्र नहीं होंगे
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पीएम मोदी ने ड्रोन कैमरा से किया था निरीक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 3 जुलाई को झारखंड सहित देश के 6 राज्यों में चल रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा की है. इस दौरान विवादों के बीच झारखंड में देर से शुरू हुए लाइट हाउस प्रोजेक्ट के प्रगति के बारे में पीएम मोदी को ड्रोन कैमरे से जमीनी हकीकत की जानकारी दी गई थी. राजधानी रांची के धुर्वा में बन रहे इस प्रोजेक्ट के तहत 1008 गरीबों का बन रहे आशियाना के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी थी.
धुर्वा सेक्टर-1 पंचमुखी मंदिर के पास निर्माणाधीन इस परियोजना के ऑनलाइन समीक्षा के दौरान एक साल के अंदर फ्लैट्स तैयार करने के अलावा परियोजना स्थल के आसपास रह रहे लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए खेलकूद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित फुटबॉल ग्राउंड तथा सामाजिक कार्यों, विवाह और अन्य सार्वजनिक समारोह के लिए करीब 500 लोगों की क्षमता वाला सामुदायिक भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया था.
प्रोजेक्ट शुरू होने में हो चुका है विलंब
गरीबों के लिए सस्ती दर पर आवास देने की लाइट हाउस योजना झारखंड में तय वक्त पर शुरु नहीं हो पाया था. केंद्र के सहयोग से झारखंड में यह योजना शुरू किया जाना था. इस आवासीय परियोजना के एक आवास की लागत 13.29 लाख रुपया है. इस लागत राशि में से केंद्र सरकार की ओर से 5.5 लाख की राशि और राज्य सरकार की ओर से 1 लाख की राशि अनुदान में दी जाएगी.
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लाभुक को रांची शहर के बीचोंबीच अपने सपनों के आशियाने के लिए केवल 6.79 लाख का राशि का वहन करना होगा. जिसके लिए निर्माण कार्य शुरू होते ही रांची नगर निगम के माध्यम से बुकिंग शुरू हो गई है. अत्याधुनिक तरीके से कम समय में तैयार होनेवाले फ्लैट एक मॉडल के रुप में बनाने की योजना है. जिसके तहत प्रारंभ में एक हजार आठ घर बनने हैं. मगर लाभुकों की बेरुखी से नगर निगम सकते में हैं.
रांची के लाइट हाउस प्रजेक्ट का निर्माण 3D Volumetric Pre-cast construction की नवीनतम तकनीक से किया जा रहा है. इस तकनीक से पूरी आवासीय ईकाई का ढांचा एक साथ तैयार होता है. जिससे ईंट और अन्य कंक्रीट सामग्री की बर्बादी कम होती है. रांची के लाइट हाउस परियोजना में 1008 आवासों के निर्माण के लिए एक साल के समय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेकिन भारी भरकम राशि से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के प्रति लाभुकों की उपेक्षा ने नगर निगम की चिंता जरूर बढा दी है.