रांची: पत्नी की हत्या कर शव को बक्से में छिपाने के आरोप में आरोपी पति पूर्व फौजी महेंद्र महतो को राजीव आनंद की अदालत ने जघन्य अपराध मानते हुए महेंद्र महतो को दोषी करार दिया है. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों की गवाही की गई. वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही की गई. न्यायालय ने उनके दोनों बच्चों को विक्टिम कंपनसेशन के तहत मिलने वाले लाभ को दिलाने के लिए आवेदन डालसा में देने का आदेश दिया है.
2015 का मामला
बता दें कि मामला साल 2015 मेसरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है. 3 जुलाई 2015 को महेंद्र महतो ने इलाहाबाद जाने की बात कही और ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकला. लेकिन रास्ते से ही लौट गया और अपनी पत्नी शीला देवी को फोन कर कहा घर में कुछ सामान रह गया है जिसे लेने के लिए लौट रहा हूं.
बंद बक्से में मिला शव
वहीं, रात लगभग 9 बजे वह घर पहुंचा और रात में ही अपनी पत्नी की हाथ पांव काटकर हत्या कर दिया और शव को ट्रंक में बंद कर दिया. जब सुबह उसका बेटा शिवम उठा तो घर में कोई नहीं था. जिसकी जानकारी उसने अपने बड़े पिता को दी. जिसके बाद खोजबीन में शव बंद बक्से से बरामद हुआ.
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हत्या की वजह
शीला देवी की शादी आरोपी के बड़े भाई के साथ हुई थी, लेकिन शादी के छह माह के बाद ही उसकी पति की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिवारवालों ने आरोपी महेंद्र महतो के साथ उसकी शादी कर दी. जिससे वो नाखुश था. इसको लेकर अक्सर पति पत्नी में झगड़ा होता था. यही कारण है कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी.