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पत्नी की हत्या कर शव को कर दिया था बक्से में बंद, अब मिली उम्रकैद की सजा

मेसरा थाना क्षेत्र साल 2015 में पत्नी की हत्या में दोषी पाते हुए पूर्व फौजी पति को राजीव आनंद की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों की गवाही की गई. वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही की गई.

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Published : Jun 7, 2019, 8:03 PM IST

पत्नी की हत्या के आरोप में सजा

रांची: पत्नी की हत्या कर शव को बक्से में छिपाने के आरोप में आरोपी पति पूर्व फौजी महेंद्र महतो को राजीव आनंद की अदालत ने जघन्य अपराध मानते हुए महेंद्र महतो को दोषी करार दिया है. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

पत्नी की हत्या के आरोप में सजा

बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों की गवाही की गई. वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही की गई. न्यायालय ने उनके दोनों बच्चों को विक्टिम कंपनसेशन के तहत मिलने वाले लाभ को दिलाने के लिए आवेदन डालसा में देने का आदेश दिया है.

2015 का मामला
बता दें कि मामला साल 2015 मेसरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है. 3 जुलाई 2015 को महेंद्र महतो ने इलाहाबाद जाने की बात कही और ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकला. लेकिन रास्ते से ही लौट गया और अपनी पत्नी शीला देवी को फोन कर कहा घर में कुछ सामान रह गया है जिसे लेने के लिए लौट रहा हूं.

बंद बक्से में मिला शव
वहीं, रात लगभग 9 बजे वह घर पहुंचा और रात में ही अपनी पत्नी की हाथ पांव काटकर हत्या कर दिया और शव को ट्रंक में बंद कर दिया. जब सुबह उसका बेटा शिवम उठा तो घर में कोई नहीं था. जिसकी जानकारी उसने अपने बड़े पिता को दी. जिसके बाद खोजबीन में शव बंद बक्से से बरामद हुआ.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में 16 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म, दोनों आरोपी भी नाबालिग

हत्या की वजह
शीला देवी की शादी आरोपी के बड़े भाई के साथ हुई थी, लेकिन शादी के छह माह के बाद ही उसकी पति की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिवारवालों ने आरोपी महेंद्र महतो के साथ उसकी शादी कर दी. जिससे वो नाखुश था. इसको लेकर अक्सर पति पत्नी में झगड़ा होता था. यही कारण है कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी.

रांची: पत्नी की हत्या कर शव को बक्से में छिपाने के आरोप में आरोपी पति पूर्व फौजी महेंद्र महतो को राजीव आनंद की अदालत ने जघन्य अपराध मानते हुए महेंद्र महतो को दोषी करार दिया है. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

पत्नी की हत्या के आरोप में सजा

बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों की गवाही की गई. वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही की गई. न्यायालय ने उनके दोनों बच्चों को विक्टिम कंपनसेशन के तहत मिलने वाले लाभ को दिलाने के लिए आवेदन डालसा में देने का आदेश दिया है.

2015 का मामला
बता दें कि मामला साल 2015 मेसरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है. 3 जुलाई 2015 को महेंद्र महतो ने इलाहाबाद जाने की बात कही और ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकला. लेकिन रास्ते से ही लौट गया और अपनी पत्नी शीला देवी को फोन कर कहा घर में कुछ सामान रह गया है जिसे लेने के लिए लौट रहा हूं.

बंद बक्से में मिला शव
वहीं, रात लगभग 9 बजे वह घर पहुंचा और रात में ही अपनी पत्नी की हाथ पांव काटकर हत्या कर दिया और शव को ट्रंक में बंद कर दिया. जब सुबह उसका बेटा शिवम उठा तो घर में कोई नहीं था. जिसकी जानकारी उसने अपने बड़े पिता को दी. जिसके बाद खोजबीन में शव बंद बक्से से बरामद हुआ.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा में 16 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म, दोनों आरोपी भी नाबालिग

हत्या की वजह
शीला देवी की शादी आरोपी के बड़े भाई के साथ हुई थी, लेकिन शादी के छह माह के बाद ही उसकी पति की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिवारवालों ने आरोपी महेंद्र महतो के साथ उसकी शादी कर दी. जिससे वो नाखुश था. इसको लेकर अक्सर पति पत्नी में झगड़ा होता था. यही कारण है कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी.

Intro:रांची
बाइट--- अवधेश कुमार अपर लोक अभियोजक

पत्नी की हत्या कर छुपाने के आरोप में आरोपी पति फौजी महेंद्र महतो को एजेंसी के जज राजीव आनंद की अदालत ने जघन्य अपराध मानते हुए महेंद्र महतो को दोषी करार देते हुए ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों की गवाही की गई वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही की गई न्यायालय ने उनके दोनों बच्चों को विक्टिम कंपनसेशन के तहत मिलने वाले लाभ दिलाने के लिए आवेदन डाल सा में देने का आदेश दिया है।


Body:यह मामला साल 2015 का सदर मिश्रा थाना से जुड़ा है 3 जुलाई 2015 को महेंद्र महतो ने इलाहाबाद जाने की बात कही और ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकला था लेकिन रास्ते से ही लौट गया और अपनी पत्नी शीला देवी को फोन कर कहा घर में कुछ सामान रह गया है जिसे लेने के लिए लौट रहा हूं रात लगभग 9 बजे वह घर पहुंचा और रात में ही अपनी पत्नी की हाथ पांव काटकर हत्या कर दीया और शव को ट्रंक में बंद कर दिया। जब सुबह उसका बेटा शिवम उठा तो घर में कोई नहीं था जिसकी जानकारी अपने बड़े पिताजी को दे दिया जिसके बाद खोजबीन में शव बरामद हुई और मामला सामने आया जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया


Conclusion:हत्या की वजह शीला देवी की शादी आरोपी के बड़े भाई के साथ हुआ था लेकिन शादी के 6 माह के बाद ही उसकी पति की मृत्यु हो गई जिसके बाद परिवार वालों ने आरोपी महेंद्र महतो के साथ उसकी कर दी गई जिससे नाखुश था इसको लेकर अक्सर पति पत्नी में झगड़ा होता था यही कारण है कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी
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