ETV Bharat / city

झारखंड में माननीयों के बीच सरकारी बंगले को लेकर मची है होड़, 39 पूर्व माननीय नहीं छोड़ पा रहे मोह

झारखंड में किस मंत्री को कौन सा बंगला मिलेगा, इसको लेकर भवन निर्माण विभाग ने मंत्रियों के चॉइस की सूची तैयार कर ली है. 5 फरवरी को सीएम हेमंत सोरेन बैठक भी करने वाले हैं. इससे पहले विधानसभा के उप सचिव की ओर से 39 माननीय को पत्र भेजा गया और 10 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया है.

author img

By

Published : Feb 4, 2020, 6:16 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 6:31 PM IST

विधायक आवास रांची
विधायक आवास रांची

रांची: झारखंड में माननीयों के बीच सरकारी बंगले की होड़ मची है. सबसे ज्यादा उन माननीय को परेशानी हो रही है जो पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं. कुछ ऐसे माननीय भी हैं, जो विधायक बनने के बाद हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन चुके हैं और उन्हें भी मंत्री वाला बंगला नहीं मिल पाया है. दरअसल, रघुवर सरकार में मंत्री रहे कई माननीय अभी भी अपने बंगले का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

पूर्ववर्ती सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा ही एकमात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपना बंगला छोड़ दिया है. उनका बंगला हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बने और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को आवंटित हुआ है. दूसरे भाग्यशाली मंत्री हैं झारखंड में राजद के इकलौते विधायक और मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता, जिन्हें रातू रोड स्थित बंगला आवंटित हो गया है. अन्य माननीयों को एडजस्ट कराने के लिए भवन निर्माण विभाग जोड़ घटाव में जुटा हुआ है. इस बीच विधानसभा के उप सचिव की ओर से ऐसे उन 39 माननीय को पत्र भेजा गया था, जिन्होंने चुनाव हारने के बाद भी अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है. 7 जनवरी को हस्ताक्षरित और 8 जनवरी को जारी पत्र के मुताबिक इन तमाम माननीयों को 10 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया था, लेकिन नतीजा सिफर निकला.

ये भी पढ़ें- पत्नी कल्पना संग प्रोजेक्ट बिल्डिंग पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुस्कुराकर लोगों से की मुलाकात

इन माननीयों को खाली करना है आवास

ताला मरांडी, साइमन मरांडी, अशोक कुमार, जानकी प्रसाद यादव, मनोज कुमार यादव, निर्मला देवी, गणेश गंझू, जयप्रकाश सिंह भोक्ता, राजकुमार यादव, नागेंद्र महतो, जयप्रकाश वर्मा, निर्भय कुमार शाहाबादी, बबीता देवी, योगेश्वर महतो, फूलचंद मंडल, अरूप चटर्जी, संजीव सिंह, राजकिशोर महतो, कुणाल षाडंगी, लक्ष्मण टुडू, मेनका सरदार, रामचंद्र सहिस, साधु चरण महतो, शशि भूषण समद, सीमा देवी, रघुवर दास, रामकुमार पाहन, जीतू चरण राम, गंगोत्री कुजूर, पौलुस सुरीन, शिव शंकर उरांव, विमला प्रधान, सुखदेव भगत, हरि कृष्ण सिंह, प्रकाश राम, देवेंद्र कुमार सिंह, राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन मेहता और सत्येंद्र नाथ तिवारी.

पूर्व सीएम रघुवर दास का एचईसी में है आवास

खास बात है कि 2014 के चुनाव के बाद झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने रघुवर दास को भी बंगला खाली करने को कहा गया है. चुनाव हारने के बाद उन्होंने सीएम आवास खाली कर दिया था लेकिन एचईसी में विधायक रहते उनके नाम जो आवास आवंटित हुआ था उस पर उनका कब्जा अभी भी बरकरार है.

मंत्रियों के लिए पहले से चिन्हित है बंगला

भवन निर्माण विभाग की तरफ से सरकार में शामिल मंत्रियों के लिए पहले से ही कुछ बंगले चिन्हित हैं. अब तक सिर्फ दो मंत्रियों को बंगला मिला है और शेष मंत्रियों ने अपना चॉइस दिया है. लेकिन उन्हें तब तक इंतजार करना होगा जब तक पूर्व माननीय अपने बंगले को नहीं खाली नहीं करते.

अब मुख्यमंत्री लेंगे फैसला

किस मंत्री को कौन सा बंगला मिले इसका फैसला मुख्यमंत्री को करना है. जानकारी के मुताबिक भवन निर्माण विभाग ने मंत्रियों के चॉइस की सूची तैयार कर ली है. इसको लेकर 5 फरवरी को सीएम बैठक करेंगे. दरअसल 18 जनवरी को ही बैठक होनी थी लेकिन मंत्रियों का नाम तय नहीं होने के कारण बैठक टल गई थी.

रांची: झारखंड में माननीयों के बीच सरकारी बंगले की होड़ मची है. सबसे ज्यादा उन माननीय को परेशानी हो रही है जो पहली बार चुनाव जीत कर आए हैं. कुछ ऐसे माननीय भी हैं, जो विधायक बनने के बाद हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन चुके हैं और उन्हें भी मंत्री वाला बंगला नहीं मिल पाया है. दरअसल, रघुवर सरकार में मंत्री रहे कई माननीय अभी भी अपने बंगले का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

पूर्ववर्ती सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा ही एकमात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपना बंगला छोड़ दिया है. उनका बंगला हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बने और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को आवंटित हुआ है. दूसरे भाग्यशाली मंत्री हैं झारखंड में राजद के इकलौते विधायक और मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता, जिन्हें रातू रोड स्थित बंगला आवंटित हो गया है. अन्य माननीयों को एडजस्ट कराने के लिए भवन निर्माण विभाग जोड़ घटाव में जुटा हुआ है. इस बीच विधानसभा के उप सचिव की ओर से ऐसे उन 39 माननीय को पत्र भेजा गया था, जिन्होंने चुनाव हारने के बाद भी अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है. 7 जनवरी को हस्ताक्षरित और 8 जनवरी को जारी पत्र के मुताबिक इन तमाम माननीयों को 10 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने को कहा गया था, लेकिन नतीजा सिफर निकला.

ये भी पढ़ें- पत्नी कल्पना संग प्रोजेक्ट बिल्डिंग पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुस्कुराकर लोगों से की मुलाकात

इन माननीयों को खाली करना है आवास

ताला मरांडी, साइमन मरांडी, अशोक कुमार, जानकी प्रसाद यादव, मनोज कुमार यादव, निर्मला देवी, गणेश गंझू, जयप्रकाश सिंह भोक्ता, राजकुमार यादव, नागेंद्र महतो, जयप्रकाश वर्मा, निर्भय कुमार शाहाबादी, बबीता देवी, योगेश्वर महतो, फूलचंद मंडल, अरूप चटर्जी, संजीव सिंह, राजकिशोर महतो, कुणाल षाडंगी, लक्ष्मण टुडू, मेनका सरदार, रामचंद्र सहिस, साधु चरण महतो, शशि भूषण समद, सीमा देवी, रघुवर दास, रामकुमार पाहन, जीतू चरण राम, गंगोत्री कुजूर, पौलुस सुरीन, शिव शंकर उरांव, विमला प्रधान, सुखदेव भगत, हरि कृष्ण सिंह, प्रकाश राम, देवेंद्र कुमार सिंह, राधाकृष्ण किशोर, कुशवाहा शिवपूजन मेहता और सत्येंद्र नाथ तिवारी.

पूर्व सीएम रघुवर दास का एचईसी में है आवास

खास बात है कि 2014 के चुनाव के बाद झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने रघुवर दास को भी बंगला खाली करने को कहा गया है. चुनाव हारने के बाद उन्होंने सीएम आवास खाली कर दिया था लेकिन एचईसी में विधायक रहते उनके नाम जो आवास आवंटित हुआ था उस पर उनका कब्जा अभी भी बरकरार है.

मंत्रियों के लिए पहले से चिन्हित है बंगला

भवन निर्माण विभाग की तरफ से सरकार में शामिल मंत्रियों के लिए पहले से ही कुछ बंगले चिन्हित हैं. अब तक सिर्फ दो मंत्रियों को बंगला मिला है और शेष मंत्रियों ने अपना चॉइस दिया है. लेकिन उन्हें तब तक इंतजार करना होगा जब तक पूर्व माननीय अपने बंगले को नहीं खाली नहीं करते.

अब मुख्यमंत्री लेंगे फैसला

किस मंत्री को कौन सा बंगला मिले इसका फैसला मुख्यमंत्री को करना है. जानकारी के मुताबिक भवन निर्माण विभाग ने मंत्रियों के चॉइस की सूची तैयार कर ली है. इसको लेकर 5 फरवरी को सीएम बैठक करेंगे. दरअसल 18 जनवरी को ही बैठक होनी थी लेकिन मंत्रियों का नाम तय नहीं होने के कारण बैठक टल गई थी.

Last Updated : Feb 4, 2020, 6:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.