रांची: जिले के सभी थानेदार अब राजधानी की निगरानी अपने-अपने थानों में बैठ कर भी कर सकेंगे. शहर को सुरक्षित और अपराध मुक्त बनाने की दिशा में कार्रवाई करते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से अब सभी थानों में एलईडी स्क्रीन दे दिया गया है. इस स्क्रीन को कंट्रोल रूप की लाइव फीड व्यवस्था से जोड़ा गया है. इस व्यवस्था के आने के बाद थानेदार अब एक क्लिक पर जहां के कैमरे देखना चाहें देख पाएंगे.
हाइटेक हुए थाने
शहर के सभी थाने हाइटेक हो गए हैं. अब हर थानेदार अपने थाना क्षेत्र के अलावा पूरे शहर में एक एलईडी स्क्रीन के जरिए नजर रख सकेंगे. शहर में लगे 170 स्थानों के सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड को कंट्रोल रूम के साथ थानों से भी जोड़ दिया गया है. रांची के अरगोड़ा थाने से इस एलईडी स्क्रीन के जोड़े जाने और इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है. सुखदेवनगर, डोरंडा, जगन्नाथपुर के साथ पूरे शहर में इसकी शुरुआत की जानी है. सभी थानों को एलईडी स्क्रीन दे दिया गया है. थानों में एक स्क्रीन थानेदार के चैंबर में, दूसरी स्क्रीन मुंशी के कक्ष में लगाया गया है. इसकी स्क्रीन को कंट्रोल रूप की लाइव फीड व्यवस्था से जोड़ा गया है. इस व्यवस्था के आने के बाद थानेदार अब एक क्लिक पर जहां के कैमरे देखना चाहें देख पाएंगे.
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मूविंग कैमरा के जरिए देख सकेंगे गतिविधियां
शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहों पर मूविंग कैमरे भी लगाए गए हैं. इन मूविंग कैमरों के जरिए शहर की गतिविधियों पर थानेदार और मुंश्री नजर रख सकेंगे. इन कैमरों के अलावा हाई डेफिनिशन कैमरे से भी हर पल देखने की सुविधा अब थानों में ही उपलब्ध हो गई है. इसके अलावा इस स्क्रीन पर पीसीआर और टाइगर जवानों के लोकेशन भी थानेदार जान सकेंगे जो जीपीएस से कनेक्टेड हैं.
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि अब थानेदार भी अपने-अपने क्षेत्रों में थानों में बैठे ही नजर तो रखी पाएंगे. इसके साथ ही वे शहर के दूसरे स्थानों पर की गतिविधियों को भी अपने थाने से ही देख पाएंगे. ऐसे में अगर कोई संदेश दिया किसी दूसरे तरह की गतिविधि जो राजधानी के लिए ठीक नहीं दिखती है तो तुरंत वायरलेस पर सूचना देकर पुलिस को अलर्ट करेंगे.
शहर में लगे हैं 649 कैमरे
गृह विभाग की ओर से शहर में 51 करोड़ की लागत से सिटी सर्विलांस सिस्टम के तहत 170 स्थान पर 649 कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों की जरिए अबतक कंट्रोल रूम में लाइव मॉनिटरिंग हो रही है. गृह विभाग की ओर से बीते 20 जनवरी 2017 को सीसीटीवी के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी थी. पहले चरण में 115 और दूसरे चरण में 55 स्थलों पर सीसीटीवी लगाए गए थे. पांच वर्षों तक इनकी मरम्मत, रखरखाव का जिम्मा टेक्नोसिस कंपनी की है.
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शहर में लगाए गए फेस डिटेक्शन कैमरे
शहर में सुरक्षा के लिहाज से 50 फेस डिटेक्शन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. इन कैमरों से पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों और संदिग्ध लोगों के चेहरे की पहचान करेगी, जिनकी डेटा पहले से पुलिस के पास मौजूद है. कैमरे की खसियत है कि कोई भी संदिग्ध सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह की सिग्नल अलर्ट बजेगी. इसके आधार पर पुलिस को संदिग्ध को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी.
सीसीटीवी में अब लगे है उच्च क्वालिटी के कैमरे
पहले शहर के कई इलाकों में ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगे थे जिनकी क्वालिटी बेहतर नहीं थी, लेकिन अब राजधानी के अधिकांश चौक-चौराहों पर उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जो अंधेरे में भी स्पष्ट तस्वीरें देते हैं. हाल के दिनों में रांची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है.
दरअसल पुलिस की योजना है कि थानों के काम में व्यस्त रहने वाले थानेदार भी कम से कम अपने थाना क्षेत्र में स्थित चौक-चौराहों पर विशेष नजर रखें ताकि किसी तरह की वारदात होने पर उन्हें कंट्रोल रूम से मैसेज आने का इंतजार नहीं करना पड़े. थानेदार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर खुद ही एक्टिव होकर घटनास्थल पर जल्द पहुंच पाएंगे.