रांची: लातेहार में जेजेएमपी नक्सली विनोद सिंह के यहां छापेमारी के दौरान तीन वर्षीय बच्ची की मौत के मामले में गृह विभाग बेहद गंभीर है. गृह विभाग ने छापेमारी के दौरान हुई घटना और बच्ची की मौत पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग झारखंड पुलिस मुख्यालय से की है.
पुलिसकर्मियों पर बच्ची को मार डालने का आरोप
मामले को लेकर मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने पलामू के एसपी अजय लिंडा को पत्र लिखा है. पूरे मामले में पलामू की मलिका पुलिस और सीआरपीएफ की भूमिका संदेह के घेरे में है. विनोद सिंह को पकड़ने गए पुलिसकर्मियों पर बच्ची को घर में पटक कर मार डालने का आरोप लगा था.
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पलामू एसपी से मांगी गई रिपोर्ट
पूरे मामले में गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से विनोद सिंह की तीन वर्षीय बच्ची की मौत से जुड़ी वारदात की विस्तृत जांच का प्रतिवेदन एफआईआर की कॉपी सीजर का मेमो मेडिकल बोर्ड के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और जीडी इंट्री की मांग की है. पुलिस मुख्यालय ने पलामू के एसपी को निर्देश दिया है कि पूरे मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजें. इस मामले में पुलिस मुख्यालय की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला
यह मामला भी पलामू के बकोरिया से जुड़ा हुआ है. दरअसल, 23 और 24 अगस्त 2019 को बकोरिया गांव में पुलिस और सीआरपीएफ में नक्सली विनोद सिंह की तलाश में छापेमारी की, लेकिन वह फरार हो गया. उसी दौरान विनोद सिंह की बच्ची कि संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी. विनोद सिंह की पत्नी बबीता देवी ने आरोप लगाया था कि सीआरपीएफ और मनिका पुलिस के लोग छत से कूदकर कमरे में दाखिल हुए थे. इसके बाद छीना झपटी में उनके बच्ची को जमीन पर पटक दिया गया. इससे बच्ची की मौत हो गई. इस मामले में सुजीत साहू ने अदालत में भी मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है.