रांचीः राजधानी के कांके प्रखंड के जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में दायर अवमानना वाद याचिका पर Jharkhand High Court के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने और अधिकारी की ओर से संतोषप्रद जवाब नहीं दिए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की.
इसे भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने रांची डीसी और सीओ के आदेश को किया निरस्त, जमीन को सरकारी बता कर अतिक्रण हटाने की कही थी बात
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की और कहा कि अधिकारी अक्षम हैं, ऐसे अधिकारी सही से काम नहीं कर सकते हैं. अदालत ने झारखंड सरकार के राजस्व सचिव को निर्देश दिया है कि कांके प्रखंड के राजस्व पदाधिकारी का स्थानांतरण करें. इससे अदालत को अवगत कराने को भी कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
याचिकाकर्ता श्रेय कुमार ने कांके प्रखंड के सुगनू मौजा में 12 एकड़ जमीन की Mutation Rent Receipt बहाल करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को सीओ के पास अपना रिप्रेजेंटेशन देने को कहा था. सीओ को उनके रिप्रेजेंटेशन पर उनका पक्ष सुनते हुए उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया था. उसके बाद याचिकाकर्ता ने कांके प्रखंड के सीओ के पास रिप्रेजेंटेशन दिया. अंचलाधिकारी ने रिप्रेजेंटेशन पर बिना सुनवाई किए हुए रिजेक्ट कर दिया. उसके बाद श्रेय कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में अवमानना बाद याचिका दायर की. उसी अवमानना वाद याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने ट्रांसफर करने का आदेश दिया है.
इस जमीन का म्यूटेशन रसीद वर्ष 1996 तक श्रेय कुमार के पिता के नाम से कटता था. उसके बाद उनके पिता का निधन हो गया, तब से रसीद कटना बंद हो गया. उस समय श्रेय कुमार नाबालिग थे. जब वह बालिग हुए और रसीद कटाना चाहा तो ऐसा संभव नहीं हो पाया. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सीओ को रिप्रेजेंटेशन देने का आदेश दिया था.