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एक सदस्य और अध्यक्ष के भरोसे चल रहा JPSC, 2 महीने में सदस्य विहीन हो जाएगा आयोग

झारखंड लोक सेवा आयोग में फिलहाल सदस्यों की कमी है. ऐसे में अब जेपीएससी में एक सदस्य और अध्यक्ष ही रह गए हैं. फिलहाल सदस्य मनोनीत करने को लेकर कोई प्रक्रिया संचालित नहीं हो रही है.

lack of members in jharkhand public service commission in ranchi
झारखंड लोक सेवा आयोग
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Published : May 3, 2021, 1:32 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच झारखंड लोक सेवा आयोग में अगले 2 माह के अंदर सदस्यों का टोटा हो जाएगा. दरअसल जेपीएससी में एक अध्यक्ष और 8 सदस्यों की व्यवस्था का प्रावधान है लेकिन फिलहाल जेपीएससी में सदस्यों की कमी है.

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्टः झारखंड स्टेट बार काउंसिल का निर्देश, 9 मई तक न्यायिक कार्य में भाग न लें अधिवक्ता


2 महीने में कई लोगों का कार्यकाल समाप्त
प्रावधान के बावजूद जेपीएससी में कुल 4 सदस्यों में अब सिर्फ दो ही सदस्य थे, जिनमें से एक सदस्य आईएएस भगवान दास का कार्यकाल 26 अप्रैल को समाप्त हो गया तो दूसरे सदस्य डॉ. एके चट्टोराज का कार्यकाल भी 26 जुलाई को समाप्त होगा. सदस्य के न रहने से यहां सिर्फ अध्यक्ष ही अब रह जाएंगे.

जेपीएससी की नियमावली के अनुसार किसी भी नीतिगत निर्णय लेने के लिए कम से कम एक सदस्य का होना आवश्यक है. आयोग में 4 सदस्य में एक सदस्य श्रवण साय का कार्यकाल दिसंबर में ही समाप्त हो गया है, जबकि एक और सदस्य टीए साहू ने जनवरी में इस्तीफा देकर वापस रांची विश्वविद्यालय में योगदान दिया है.

अध्यक्ष के अलावा एक सदस्य ही बचा
झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के अलावा एक ही सदस्य बचा है और उनका भी कार्यकाल 2 महीने के अंदर समाप्त हो रहा है. फिलहाल सदस्य मनोनीत करने को लेकर कोई प्रक्रिया संचालित नहीं हो रही है. कोरोना महामारी का प्रकोप झारखंड लोक सेवा आयोग पर भी पड़ा है. कई परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं हैं. नीतिगत निर्णय भी नहीं लिया जा रहा है. अगले 2 महीने में यह आयोग सदस्य विहीन हो जाएगा और यहां के अभ्यर्थियों के लिए यह चिंता का विषय है. इसके साथ ही राजभवन को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

कैबिनेट से लेनी पड़ती है स्वीकृति
आयोग में सदस्य का कार्यकाल 5 साल या फिर उम्र सीमा 62 साल के आधार पर है. विश्वविद्यालय के एक शिक्षक की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 65 साल निर्धारित है. ऐसे में डॉक्टर चट्टोराज रांची विश्वविद्यालय में योगदान कर सकते हैं. आयोग में सदस्य की नियुक्ति राज्य सरकार की तरफ से की जाती है. इसके लिए कैबिनेट से स्वीकृति लेने के बाद अंतिम स्वीकृति राज्यपाल से ली जाती है.

रांची: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच झारखंड लोक सेवा आयोग में अगले 2 माह के अंदर सदस्यों का टोटा हो जाएगा. दरअसल जेपीएससी में एक अध्यक्ष और 8 सदस्यों की व्यवस्था का प्रावधान है लेकिन फिलहाल जेपीएससी में सदस्यों की कमी है.

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2 महीने में कई लोगों का कार्यकाल समाप्त
प्रावधान के बावजूद जेपीएससी में कुल 4 सदस्यों में अब सिर्फ दो ही सदस्य थे, जिनमें से एक सदस्य आईएएस भगवान दास का कार्यकाल 26 अप्रैल को समाप्त हो गया तो दूसरे सदस्य डॉ. एके चट्टोराज का कार्यकाल भी 26 जुलाई को समाप्त होगा. सदस्य के न रहने से यहां सिर्फ अध्यक्ष ही अब रह जाएंगे.

जेपीएससी की नियमावली के अनुसार किसी भी नीतिगत निर्णय लेने के लिए कम से कम एक सदस्य का होना आवश्यक है. आयोग में 4 सदस्य में एक सदस्य श्रवण साय का कार्यकाल दिसंबर में ही समाप्त हो गया है, जबकि एक और सदस्य टीए साहू ने जनवरी में इस्तीफा देकर वापस रांची विश्वविद्यालय में योगदान दिया है.

अध्यक्ष के अलावा एक सदस्य ही बचा
झारखंड लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के अलावा एक ही सदस्य बचा है और उनका भी कार्यकाल 2 महीने के अंदर समाप्त हो रहा है. फिलहाल सदस्य मनोनीत करने को लेकर कोई प्रक्रिया संचालित नहीं हो रही है. कोरोना महामारी का प्रकोप झारखंड लोक सेवा आयोग पर भी पड़ा है. कई परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं हैं. नीतिगत निर्णय भी नहीं लिया जा रहा है. अगले 2 महीने में यह आयोग सदस्य विहीन हो जाएगा और यहां के अभ्यर्थियों के लिए यह चिंता का विषय है. इसके साथ ही राजभवन को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

कैबिनेट से लेनी पड़ती है स्वीकृति
आयोग में सदस्य का कार्यकाल 5 साल या फिर उम्र सीमा 62 साल के आधार पर है. विश्वविद्यालय के एक शिक्षक की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 65 साल निर्धारित है. ऐसे में डॉक्टर चट्टोराज रांची विश्वविद्यालय में योगदान कर सकते हैं. आयोग में सदस्य की नियुक्ति राज्य सरकार की तरफ से की जाती है. इसके लिए कैबिनेट से स्वीकृति लेने के बाद अंतिम स्वीकृति राज्यपाल से ली जाती है.

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