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जेवीएम ने सरकार से की नए मोटर व्हीकल एक्ट वापस लेने की मांग, 11 सितंबर को करेगा विरोध प्रदर्शन - Motor Vehicle Act in ranchi

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सरकार से मोटर व्हीकल एक्ट हटाने की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर कहा है कि सरकार आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है.

मोटर व्हीकल एक्ट
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Published : Sep 7, 2019, 8:20 PM IST

रांची: झारखंड विकास मोर्चा ने सरकार से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लेने की मांग की है. जेवीएम ने चेतावनी दी है कि अगर सरकारी इसे वापस नहीं लेगी तो राज्य भर में जेवीएम 11 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करेगा.

देखें पूरी खबर

झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर कहा है कि सरकार आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है. पहले नोटबंदी, जीएसटी और अब आम जनता से भारी-भरकम फाइन वसूल कर करप्शन को बढ़ावा दे रही है. जिससे आम लोग परेशान हैं.

बाबूलाल मरांडी ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर सरकार को सुझाव भी देते हुए कहा है कि अगर जनता में अनुशासन लाना है तो उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए. जिस तरह से चौक-चौराहों पर फाइन की बड़ी राशि वसूली जा रही है, उसके बजाए वाहन के जिन कागजातों की जरूरत है. उसके लिए पहल की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: रांची में बुजुर्ग दंपति की गला रेतकर हत्या से मचा हड़कंप, मामले की जांच में जुटी पुलिस

फाइन की राशि कम करते हुए कानून के पालन के लिए उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन सुझावों को मानती है तो इसमें जेवीएम भी सहयोग करेगा. मरांडी ने कहा है कि पूरे देश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के माध्यम से आतंक का माहौल कायम कर दिया गया है, जो कहीं से वाजिब नहीं है. उन्होंने कहा है कि जब प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में इसे लागू नहीं किया गया है तो फिर झारखंड तो एक गरीब राज्य है.

रांची: झारखंड विकास मोर्चा ने सरकार से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लेने की मांग की है. जेवीएम ने चेतावनी दी है कि अगर सरकारी इसे वापस नहीं लेगी तो राज्य भर में जेवीएम 11 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करेगा.

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झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर कहा है कि सरकार आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है. पहले नोटबंदी, जीएसटी और अब आम जनता से भारी-भरकम फाइन वसूल कर करप्शन को बढ़ावा दे रही है. जिससे आम लोग परेशान हैं.

बाबूलाल मरांडी ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर सरकार को सुझाव भी देते हुए कहा है कि अगर जनता में अनुशासन लाना है तो उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए. जिस तरह से चौक-चौराहों पर फाइन की बड़ी राशि वसूली जा रही है, उसके बजाए वाहन के जिन कागजातों की जरूरत है. उसके लिए पहल की जानी चाहिए.

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फाइन की राशि कम करते हुए कानून के पालन के लिए उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन सुझावों को मानती है तो इसमें जेवीएम भी सहयोग करेगा. मरांडी ने कहा है कि पूरे देश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के माध्यम से आतंक का माहौल कायम कर दिया गया है, जो कहीं से वाजिब नहीं है. उन्होंने कहा है कि जब प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में इसे लागू नहीं किया गया है तो फिर झारखंड तो एक गरीब राज्य है.

Intro:रांची.झारखंड विकास मोर्चा ने सरकार से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर सरकारी इसे वापस नहीं लेगी। तो राज्य भर में जेवीएम 11 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करेगा।


Body:झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर कहा है कि सरकार आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है। पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और अब आम जनता से भारी-भरकम फाइन वसूल कर करप्शन को बढ़ावा दे रही है।जिससे आम लोग परेशान हैं।उन्होंने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर सरकार को सुझाव भी देते हुए कहा है कि अगर जनता में अनुशासन लाना है।तो उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए और जिस तरह से चौक चौराहों पर फाइन की बड़ी राशि वसूली जा रही है। उसके बजाए वाहन के जिन कागजातों की जरूरत है। उसके लिए पहल की जानी चाहिए और फाइन की राशि कम करते हुए कानून के पालन के लिए उन्हें मौका दिया जाना चाहिए।उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इन सुझावों को मानती है। तो इसमें जेवीएम भी सहयोग करेगा।





Conclusion:मरांडी ने कहा है कि पूरे देश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के माध्यम से आतंक का माहौल कायम कर दिया गया है। जो कहीं से वाजिब नहीं है।उन्होंने कहा है कि जब प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में इसे लागू नहीं किया गया है। तो फिर झारखंड तो एक गरीब राज्य है। ऐसे में सरकार को इस एक्ट को वापस लेना चाहिए।
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