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सौर ऊर्जा की तरफ झारखंड के बढ़ते कदम, किसान भी बेच सकेंगे बिजली

केंद्र शासित प्रदेश दादर-नगर हवेली का दीव ऐसा पहला शहर है जो दिन के वक्त ऊर्जा की शत प्रतिशत जरूरत को सौर ऊर्जा से पूरा कर रहा है. इस दिशा में कई राज्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस मामले में झारखंड की वर्तमान स्थिति और आगे की कार्ययोजना की जानकारी के लिए आगे पढ़ें.

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Published : Jan 9, 2021, 7:11 AM IST

झारखंड में सौर ऊर्जा
झारखंड में सौर ऊर्जा

रांची: केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक राज्यों को परंपरागत ऊर्जा के इस्तेमाल की तुलना में 4 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन गैर परंपरागत ऊर्जा झारखंड में यह जिम्मेदारी झारखंड रिन्यूयेबल एनर्जी डेवलंपमेंट एजेंसी यानी जरेडा की है. ईटीवी भारत की टीम ने बात की जरेडा के निदेशक केके वर्मा से खास बात की.

जरेडा के निदेशक केके वर्मा से खास बातचीत

सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में झारखंड का 15वां स्थान

केके वर्मा ने बताया कि झारखंड के सरकारी भवनों में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना साल 2017-18 में हुई थी. अबतक 1400 में से 892 सरकारी भवन सोलर एनर्जी पर शिफ्ट हो चुके हैं. सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में देश में झारखंड का 15वां स्थान है. झारखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई गांवों में आजतक बिजली नहीं पहुंची है. संघन जंगल क्षेत्र होने के कारण बिजली का लाइन ले जाने की अनुमति भी नहीं है. ऐसे करीब 250 से 300 गांव है. वहीं करीब 4700 गांव ऐसे हैं जहां सही तरीके से बिजली नहीं पहुंच पाती है. ऐसे जगहों पर ऑफग्रिड बैट्री-पैनल से बिजली पहुंचाने पर फोकस किया जा रहा है. इसपर प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत निविदा भी आमंत्रित की गई है. गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को बना रहे शिकार, जानिए बचाव के तरीके

उपभोक्ता को देनी पड़ती है सिर्फ 30 फीसदी राशि

जरेडा के निदेशक केके वर्मा ने बताया कि सोलर पावर प्लांट लगाने के कई फायदे हैं. जैक के ऑफिस में सोलर पावर प्लांट लगने के बाद वहां का बिजली बिल 40 प्रतिशत कम हो गया. प्राइवेट घरों में सब्सिडी के आधार पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने की पहल जारी है. इस दिशा में प्रचार प्रसार तेज करने की जरूरत है. निजी घरों में लोग 3 किलोवाट से कम या 3 किलोवाट से ज्यादा के खपत के आधार पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगा सकते हैं. 3 किलोवाट का प्लांट लगाने पर करीब 1 लाख की लागत आती है. इसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकारी देती है. 30 प्रतिशत कंज्यूमर को देने होते हैं और शेष राशि केंद्र सरकार देती है. हालांकि कंज्यूमर को करीब 30 हजार रुपए देने पड़ते हैं इसलिए लोग ज्यादा इंटरेस्ट नहीं ले पा रहे हैं. अब ऋण के जरिए भी इस राशि को मुहैया कराने की तैयारी चल रही है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
सोलर पैनल

किसान और आमलोग भी बेच सकेंगे बिजली

पीएम कुसुम योजना पर जोर दिया जा रहा है. इसके तहत आमलोग हों या किसान, अगर उनके पास बंजर जमीन है तो वह सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं और सरकार को बिजली बेच सकते हैं. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग रेट तय करने की कवायद में जुटा है. टैरिफ तय होने के बाद यह व्यवसाय का रूप ले लेगा. इससे न सिर्फ प्रकृति की रक्षा होगी बल्कि लोगों की कमाई भी होगी.

झारखंड में सौर ऊर्जा
खूंटी कोर्ट में सौर उर्जा प्लांट के उद्घाटन की फाइल फोटो

चार जिलों में लगेगा सोलर पावर प्लांट

झारखंड के चार जिलों में सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है. जरेडा के निदेशक ने बताया कि रांची, पलामू, सिमडेगा और देवघर के उपायुक्त ने 100-100 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है. बहुत जल्द टेंडर निकालकर चारों जिलों में सोलर पावर प्लांट स्थापित कर दिया जाएगा. एमएनआरई की तरफ से भी इस बाबत पत्र आया है. 2021 में इन चार जिलों में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
खूंटी कोर्ट में सोलर पैनल

गेतलसूद और हटिया डैम में कब लगेगा प्लोटिंग प्लांट

पूर्वर्ती रघुवर सरकार ने गेतलसूद और हटिया डैम में प्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने की बात की थी लेकिन यह धरातल पर उतरा. जरेडा के निदेशक ने बताया कि इसपर वर्तमान सरकार गंभीर है. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार और जलसंसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार खुद इसकी समीक्षा कर रहे हैं. कुछ कागजी कार्य पूरे होने पर इससे जुड़ा टेंडर भी निकाला जाएगा.

सोलर वाटर पंप के एवज में सबसे ज्यादा सब्सिडी

झारखंड सरकार अपने किसानों को सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर वाटर पंप के एवज में पूरे देश में सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है. अबतक सिंचाई की अलग अलग क्षमता के 1649 सोलर पंपसेट वितरित किए जा चुके हैं. पीएम कुसुम योजना के तहत सिंचाई कार्य के लिए 130 पंपसेट बांटे जा चुके हैं. फिलहाल 3271 सोलर पंप लगाने की दिशा में काम चल रहा है. इस वर्ष कुल 10 हजार सोलर वाटर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
सोलर पावर पंप

जरेडा के निदेशक ने बताया कि दिन के वक्त ज्यादा लोड होने के कारण ग्रामीण इलाकों में रात के समय बिजली दी जाती है. इसकी वजह से किसान भाईयों को रात के वक्त सिंचाई करना पड़ता है. इसकी वजह से उन्हें कई दिक्कतें होती हैं. लिहाजा, सोलर वाटर प्लांट लगने से किसानों की परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. यह पूछे जाने पर कि झारखंड कबतक सोलर स्टेट के रूप में पहचान बना लेगा. इसके जवाब में जरेडा के निदेशक ने कहा कि सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रही है. आने वाले समय उज्ज्वल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरोन खुद सोलर एनर्जी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के पक्षधर हैं. इसलिए जरेडा इस दिशा में जोरशोर से कार्य करने में जुटी है. एक साल के भीतर धरातल पर बदलाव दिखने का दावा किया जा रहा है.

रांची: केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक राज्यों को परंपरागत ऊर्जा के इस्तेमाल की तुलना में 4 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन गैर परंपरागत ऊर्जा झारखंड में यह जिम्मेदारी झारखंड रिन्यूयेबल एनर्जी डेवलंपमेंट एजेंसी यानी जरेडा की है. ईटीवी भारत की टीम ने बात की जरेडा के निदेशक केके वर्मा से खास बात की.

जरेडा के निदेशक केके वर्मा से खास बातचीत

सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में झारखंड का 15वां स्थान

केके वर्मा ने बताया कि झारखंड के सरकारी भवनों में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना साल 2017-18 में हुई थी. अबतक 1400 में से 892 सरकारी भवन सोलर एनर्जी पर शिफ्ट हो चुके हैं. सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में देश में झारखंड का 15वां स्थान है. झारखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई गांवों में आजतक बिजली नहीं पहुंची है. संघन जंगल क्षेत्र होने के कारण बिजली का लाइन ले जाने की अनुमति भी नहीं है. ऐसे करीब 250 से 300 गांव है. वहीं करीब 4700 गांव ऐसे हैं जहां सही तरीके से बिजली नहीं पहुंच पाती है. ऐसे जगहों पर ऑफग्रिड बैट्री-पैनल से बिजली पहुंचाने पर फोकस किया जा रहा है. इसपर प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत निविदा भी आमंत्रित की गई है. गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जा रहा है.

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उपभोक्ता को देनी पड़ती है सिर्फ 30 फीसदी राशि

जरेडा के निदेशक केके वर्मा ने बताया कि सोलर पावर प्लांट लगाने के कई फायदे हैं. जैक के ऑफिस में सोलर पावर प्लांट लगने के बाद वहां का बिजली बिल 40 प्रतिशत कम हो गया. प्राइवेट घरों में सब्सिडी के आधार पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने की पहल जारी है. इस दिशा में प्रचार प्रसार तेज करने की जरूरत है. निजी घरों में लोग 3 किलोवाट से कम या 3 किलोवाट से ज्यादा के खपत के आधार पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगा सकते हैं. 3 किलोवाट का प्लांट लगाने पर करीब 1 लाख की लागत आती है. इसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकारी देती है. 30 प्रतिशत कंज्यूमर को देने होते हैं और शेष राशि केंद्र सरकार देती है. हालांकि कंज्यूमर को करीब 30 हजार रुपए देने पड़ते हैं इसलिए लोग ज्यादा इंटरेस्ट नहीं ले पा रहे हैं. अब ऋण के जरिए भी इस राशि को मुहैया कराने की तैयारी चल रही है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
सोलर पैनल

किसान और आमलोग भी बेच सकेंगे बिजली

पीएम कुसुम योजना पर जोर दिया जा रहा है. इसके तहत आमलोग हों या किसान, अगर उनके पास बंजर जमीन है तो वह सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं और सरकार को बिजली बेच सकते हैं. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग रेट तय करने की कवायद में जुटा है. टैरिफ तय होने के बाद यह व्यवसाय का रूप ले लेगा. इससे न सिर्फ प्रकृति की रक्षा होगी बल्कि लोगों की कमाई भी होगी.

झारखंड में सौर ऊर्जा
खूंटी कोर्ट में सौर उर्जा प्लांट के उद्घाटन की फाइल फोटो

चार जिलों में लगेगा सोलर पावर प्लांट

झारखंड के चार जिलों में सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है. जरेडा के निदेशक ने बताया कि रांची, पलामू, सिमडेगा और देवघर के उपायुक्त ने 100-100 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है. बहुत जल्द टेंडर निकालकर चारों जिलों में सोलर पावर प्लांट स्थापित कर दिया जाएगा. एमएनआरई की तरफ से भी इस बाबत पत्र आया है. 2021 में इन चार जिलों में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
खूंटी कोर्ट में सोलर पैनल

गेतलसूद और हटिया डैम में कब लगेगा प्लोटिंग प्लांट

पूर्वर्ती रघुवर सरकार ने गेतलसूद और हटिया डैम में प्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने की बात की थी लेकिन यह धरातल पर उतरा. जरेडा के निदेशक ने बताया कि इसपर वर्तमान सरकार गंभीर है. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार और जलसंसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार खुद इसकी समीक्षा कर रहे हैं. कुछ कागजी कार्य पूरे होने पर इससे जुड़ा टेंडर भी निकाला जाएगा.

सोलर वाटर पंप के एवज में सबसे ज्यादा सब्सिडी

झारखंड सरकार अपने किसानों को सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर वाटर पंप के एवज में पूरे देश में सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है. अबतक सिंचाई की अलग अलग क्षमता के 1649 सोलर पंपसेट वितरित किए जा चुके हैं. पीएम कुसुम योजना के तहत सिंचाई कार्य के लिए 130 पंपसेट बांटे जा चुके हैं. फिलहाल 3271 सोलर पंप लगाने की दिशा में काम चल रहा है. इस वर्ष कुल 10 हजार सोलर वाटर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है.

झारखंड में सौर ऊर्जा
सोलर पावर पंप

जरेडा के निदेशक ने बताया कि दिन के वक्त ज्यादा लोड होने के कारण ग्रामीण इलाकों में रात के समय बिजली दी जाती है. इसकी वजह से किसान भाईयों को रात के वक्त सिंचाई करना पड़ता है. इसकी वजह से उन्हें कई दिक्कतें होती हैं. लिहाजा, सोलर वाटर प्लांट लगने से किसानों की परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. यह पूछे जाने पर कि झारखंड कबतक सोलर स्टेट के रूप में पहचान बना लेगा. इसके जवाब में जरेडा के निदेशक ने कहा कि सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रही है. आने वाले समय उज्ज्वल है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरोन खुद सोलर एनर्जी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के पक्षधर हैं. इसलिए जरेडा इस दिशा में जोरशोर से कार्य करने में जुटी है. एक साल के भीतर धरातल पर बदलाव दिखने का दावा किया जा रहा है.

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