रांची: जेपीएससी का नाता हमेशा से ही विवादों में रहा है. एक बार फिर जेपीएससी ने एक बड़ी गलती कर दी है. जेपीएससी की ओर से कहा गया है कि गलती सुधार कर लिया गया है लेकिन अभ्यर्थियों ने जेपीएससी प्रबंधन पर विश्वविद्यालय अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
जेपीएससी की ओर से विश्वविद्यालय अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. आयोग की ओर से कुल सचिव, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और सहायक कुलसचिव के पदों के लिए अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है लेकिन अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि आयोग ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी की ओर से जारी शर्तों का ख्याल नहीं रखा गया है. ज्यादा अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट किए जाने से योग्य अभ्यर्थी सूची से बाहर हो गए हैं. प्रभावित अभ्यर्थियों ने इस संबंध में अपने स्तर से मुख्यमंत्री को भी लिखित शिकायत की है. इस मामले को लेकर जल्द से जल्द संज्ञान लेने की अपील की गई है.
नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर विवाद
जेपीएससी की ओर से बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय के अलावे डीएसपीएमयू में कुल सचिव, वित्त पदाधिकारी, एग्जामिनेशन कंट्रोलर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया संचालित की जा रही है. अब इस पर भी विवाद गहरा गया है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि आयोग की ओर से अभ्यर्थियों से शैक्षणिक योग्यता निर्धारित अनुभव के आधार पर आवेदन आमंत्रित किया गया था, जो कि विज्ञापन में भी अंकित है लेकिन इसकी भी अनदेखी की गई है. कागजात सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है. इसमें भी कई गड़बड़ियां है और इसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है.
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संशोधित विज्ञापन के आधार पर होगी नियुक्ति
आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गलती सुधार कर ली गई है. संशोधित विज्ञापन निकालकर साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों की उम्र की गणना और विभिन्न पहलुओं को सुधारा गया है. संशोधित विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति होगी.