रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर बात हुई जिसके बाद झामुमो ने साफ कर दिया है कि उम्मीदवार उन्ही का होगा. राज्यसभा उम्मीदवार के नाम की घोषणा के लिए शिबू सोरेन अधिकृत किया गया है. माना जा रहा है कि झामुमो के इस फैसले से कांग्रेस को झटका लग सकता है. कहा जा रहा है झामुमो ने जो फैसला लिया है उसकी जानकारी सोनिया गांधी को खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली जाकर देंगे. झामुमो के फार्मूले के तहत राज्यसभा में झामुमो का उम्मीदवार होगा. उसके बदले में झामुमो मांडर उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगी.
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झामुमो ने साफ कर दिया है कि झारखंड के राज्यसभा चुनाव में उनका ही उम्मीदवार होगा. उनके इस फैसले से दोनों दलों के बीच खटास भी आ सकती है. इससे पहले झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली गए थे वहां ये फैसला किया था कि किसी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया जाएगा. अब उन नेताओं की कवायद को झटका लगा है. पार्टी की ओर से कौन राज्यसभा का उम्मीदवार होगा इसके लिए शिबू सोरेन अधिकृत किया गया है. माना जा रहा है कि पुराने नेता सुप्रियो भट्टाचार्या का नाम भी चर्चा में है तो अन्य नामों के साथ इस नाम पर भी चर्चा होगी. अंतिम फैसला दिशोम गुरु शिबू सोरेन को लेना है.
सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में हेमन्त सोरेन, सीता सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम, चंपई सोरेन, मथुरा महतो, जगरनाथ महतो, मिथलेश ठाकुर सहित सभी विधायकों ने भाग लिया. बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि अलग सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झामुमो का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति भवन जाएगा. झामुमो के नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल जून महीने में राष्ट्रपति से मुलाकात कर अलग सरना धर्म कोड की मांग करेंगे.
राज्य को अस्थिर करने की हो रही है कोशिश: सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि राज्य में केंद्रिय एजेंसियों का दुरुपयोग कर राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में अगर यह नहीं रुका तो झामुमो आंदोलन करेगा.
कंफर्ट जोन में है जेएमएम: राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव में जीत के लिए पहली प्राथमिकता का 27 मत जरूरी होगा. ऐसे में 30 विधायकों वाली पार्टी जेएमएम के लिए एक सीट पक्का है. कांग्रेस की बात करें तो बंधु तिर्की की सदस्यता चले जाने के बाद प्रदीप यादव को मिलाकर विधायकों की संख्या 17 है, भाजपा के विधायकों की संख्या बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 है. आजसू के दो विधायक है. ऐसे में बीजेपी भी अपना एक सीट पक्का मान रही है.दूसरे दलों में एनसीपी के एक, माले के एक, आरजेडी का एक और दो निर्दलीय विधायक हैं. इस तरह झारखंड विधानसभा में अभी विधायकों की कुल संख्या 80 है.
कांग्रेस अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजना चाहती हैः वर्ष 2020 में शिबू सोरेन महागठबंधन के पहले उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर दिल्ली गए थे. अब राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की बारी का हवाला देकर झामुमो से बड़ा दिल दिखाने की उम्मीद कर रहा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीद है कि बड़ा दिल दिखाते हुए झामुमो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देकर राज्यसभा भेजेगी.