रांची: झारखंड में महागठबंधन के नेता के रूप में सरकार का नेतृत्व कर रहे हेमंत सोरेन ने 1000 दिन पूरे कर लिए हैं (Completion Of 1000 Days Of Hemant Sarkar). रघुवर दास के बाद हेमंत सोरेन ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने निरंतरता में 1000 दिन मुख्यमंत्री के रूप में पूरा किया है. हेमंत सोरेन सरकार के 1000 दिन पूरा होने को जहां विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और आजसू पार्टी हर मोर्चे पर नाकाम सरकार बताती है, तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सरकार के 1000 दिन को बेमिसाल बता रही है.
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झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि इन 1000 दिनों में अगर हेमंत सरकार की उपलब्धियां बताई जाए तो उसमें घंटों लगेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रघुवर सरकार द्वारा छोड़ी गई जीर्ण शीर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच पेंडेमिक कोरोना महामारी से निपटने की बात हो या सर्वजन पेंशन स्कीम, ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण, शिक्षक नियुक्ति,अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के मेधावी बच्चों को विदेश में शिक्षा, कृषि ऋण माफी, 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, आपकी सरकार आपके द्वार सरीखे कई उपलब्धियां हैं जो साबित करता है कि युवा हेमंत के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार ने जो जो वादे किए उसे अभी तक पूरा किया है और आगे भी बाकी बचे कार्य पूरे किए जाएंगे.
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि समाज के हर वर्ग का ख्याल रखकर हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य की जनता का दिल जीता है और यही वजह है कि भाजपा न सिर्फ मुद्दाविहीन हो गयी है बल्कि बौखला गयी है. 15 लाख जरुरतमंदों को हरा कार्ड, निजी क्षेत्र में स्थानीय को 75% नौकरी आरक्षित, ओपन यूनिवर्सिटी, ट्राइबल यूनिवर्सिटी, ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने तथा जेपीएससी-जेएसएससी को पटरी पर लाकर समय से परीक्षा और रिजल्ट देकर कई युवाओं की भविष्य को सुनहरा किया है.
कांग्रेस ने महागठबंधन की सरकार के 1000 दिन को सफलता के 1000 दिन बताते हुए कहा कि जनता की सभी चिरपरिचित मांगों को महागठबंधन की सरकार ने पूरा किया है. इसलिए भाजपा के नेता सरकार को नाकाम बता रहे हैं जबकि जनता में इस सरकार की लोकप्रियता चरम पर है. वहीं रांची के आम लोगों ने हेमंत सरकार के 1000 दिन को मिला जुला बताया है, कुछ ने वर्तमान सरकार में चल रहे जनउपयोगी कार्यों में तेजी लाने की जरूरत बताई तो कुछ ने छात्रों के स्टाइपेंड में 1000 रुपये की बढ़ोतरी को सरकार का अच्छा कदम बताया. वहीं, कुछ रांचीवासियों ने कहा कि आम लोगों को जो सर्विस के मामले हैं जैसे जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया इन सबों को सुलभ बनाने की जरूरत है.