रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. झामुमो ने कहा कि यह सत्र केवल सप्लीमेंट्री बजट को पास कराने के लिए आयोजित किया जा रहा है. 22 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सेशन में कुल 5 कार्य दिवस होंगे.
बजट सत्र को लेकर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि सत्र शुरू होने के पहले दिन ही सप्लीमेंट्री बजट सदन में रखा जाए. उन्होंने कहा कि 5 दिन के शेड्यूल को गौर से देखें तो यह स्पष्ट होता है कि सत्र के पहले दिन सप्लीमेंट्री बजट रखा जाएगा और दूसरे दिन उसे पास करा लिया जाएगा. वहीं, तीसरे दिन बाकी जो गैर राजकीय काम है उनको किया जाना है. भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार में 2 दिन का ही सत्र बुलाया है. बाकी के 3 दिन तो सरकार खुद नहीं चाहती है कि सत्र चले, क्योंकि बिजनेस का जो शेड्यूल बना है वह इसी बात की तरफ इशारा करता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी है.
सदन में उठेगा मॉब लिंचिंग और सुखाड़ का मुद्दा
झामुमो ने साफ तौर पर कहा कि कम बारिश की वजह से सूखे की स्थिति को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाएगा. इसके साथ ही पलायन और अन्य स्थानीय मुद्दे भी इस सत्र में मजबूती से रखे जाएंगे. इसके अलावा मॉब लिंचिंग और किसानों की समस्या को लेकर विपक्ष एकजुट होकर आवाज उठाएगा.
5 दिन के कार्य दिवस में होंगे ये काम
झारखंड विधान सभा सचिवालय की तरफ से जारी किए गए मॉनसून सेशन के शेड्यूल के अनुसार 22 से 26 जुलाई तक मॉनसून सेशन चलेगा. इसमें पहले दिन ही वित्त वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण को हाउस में रखा जाएगा. जबकि 23 जुलाई को उस पर डिबेट होगी और वोटिंग होनी है. वहीं, 23 जुलाई से लेकर 26 जुलाई तक चार दिनों तक प्रश्नकाल का समय भी तय है. इस दौरान राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य भी होने की संभावना है.