रांचीः मौसम केंद्र ने वर्ष 2022 में झारखंड में सामान्य मानसूनी बारिश की उम्मीद जतायी थी. परंतु झारखंड में जैसे जैसे दिन बीत रहा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के उलट राज्य के ज्यादातर जिलों में कम बारिश की वजह से स्थिति विकट होती जा रही है. मौसम केंद्र, रांची द्वारा 13 जुलाई की दोपहर में जारी मौसम अपडेट के अनुसार राज्य में सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.
सबसे खराब हालत इन जिलों की हैः चतरा- सामान्य से 73% कम बारिश, गढ़वा में सामान्य से 69% कम बारिश, गोड्डा में सामान्य से 66% कम बारिश, जामताड़ा में सामान्य से 66% कम बारिश, पाकुड़ में सामान्य से 72% कम बारिश, साहिबगंज में सामान्य से 80 % कम बारिश, पलामू में सामान्य से 62% कम बारिश हुई है. पूरे राज्य की बात करें तो 13 जुलाई तक राज्य में 316.7MM की जगह महज 164.3 MM बारिश हुई है जो सामान्य वर्षापात से 48 प्रतिशत कम है.
जिले का नाम | सामान्य वर्षा(mm) | वर्षा हुई | कितने प्रतिशत कम बारिश हुई |
बोकारो | 278.5 | 154.3 | 45% |
चतरा | 281.2 | 77.3 | 73% |
देवघर | 317.2 | 145 | 54% |
धनबाद | 333.1 | 205.5 | 38% |
दुमका | 332.7 | 173.8 | 48% |
पूर्वी सिंहभूम | 356.4 | 331.3 | 7% |
गढ़वा | 255.2 | 79.7 | 69% |
गिरिडीह | 311.9 | 156.8 | 50% |
गोड्डा | 291.4 | 100.1 | 66% |
गुमला | 334.5 | 143.4 | 57% |
हजारीबाग | 323.3 | 141.2 | 56% |
जामताड़ा | 351.1 | 119.5 | 66% |
खूंटी | 335.9 | 154.7 | 54% |
कोडरमा | 283.2 | 119.1 | 58% |
लातेहार | 302.8 | 134.5 | 56% |
लोहरदगा | 316 | 149.2 | 56% |
पाकुड़ | 387.9 | 106.9 | 72% |
पलामू | 225.1 | 84.9 | 62% |
रामगढ़ | 131.5 | 314.7 | 58% |
रांची- | 327.6 | 188.7 | 42% |
साहिबगंज | 397.8 | 78.6 | 80% |
सरायकेला खरसावां | 317.3 | 224.4 | 29% |
सिमडेगा | 401.9 | 184.8 | 54% |
पश्चिम सिंहभूम | 266.6 | 314.3 | 15% |
अभी 15 दिन और इंतजार करेगा कृषि विभागः कृषि विभाग के सहायक निदेशक मुकेश सिन्हा ने माना कि राज्य में अभी तक सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. परंतु अभी भी विभाग को अगले 15 दिन में अच्छी बारिश की उम्मीद है. संयुक्त निदेशक ने बताया कि कम बारिश होने के हालात में क्या कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है इसके लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि निदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. कृषि निदेशक ने कहा कि 28 जुलाई तक अगर हालात नहीं सुधरे तब किसानों को कम दिन में और कम बारिश में तैयार होने वाली धान की वैरायटी को लेकर अनुशंसा की जा सकती है.