रांची: पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा झारखंड में जोर पकड़ रहा है. आरक्षण की मांग को लेकर झारखंड वैश्य मोर्चा ने मोरहाबादी में गांधी प्रतिमा के पास एक दिवसीय धरना दिया. न्याय करो न्याय दो कार्यक्रम के तहत दिए गए धरने में पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण और कोरोना से प्रभावित व्यवसायियो के 10 लाख तक की ऋण माफी की राज्य सरकार से मांग की गई है.
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पिछड़ा समाज को क्षति
धरना कार्यक्रम में बोलते हुए झारखंड वैश्य मोर्चा के महासचिव आदित्य नारायण प्रसाद ने बताया कि एकीकृत बिहार राज्य में पिछड़ों को 27% का आरक्षण प्राप्त था, जिसे झारखंड बनने के बाद घटाकर 14 फीसदी कर दिया गया है. उन्होंने कहा इससे समाज को बड़ी क्षति हुई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहले आरक्षण बढ़ाया जाए फिर नई निुयक्तियां निकाली जाए.
सरकार के खिलाफ जनाक्रोश
झारखंड वैश्य मोर्चा के महासचिव आदित्य नारायण प्रसाद ने कहा कि आरक्षण को लेकर कई बार सीएम हेमंत सोरेन और राज्यपाल समेत कई मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया है. लेकिन उसका नतीजा नहीं निकल रहा है. उन्होंने कहा कि ये लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है. इससे सरकार के खिलाफ जन मानस में आक्रोश पैदा हो रहा है.
![Jharkhand Vaish Morcha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-03-vyshay-morcha-pkg-jh10015_31082021161243_3108f_1630406563_736.jpg)
हेहल अंचल में रोकी जाए जमीन की लूट
वहीं आरक्षण के लिए धरना दे रहे वैश्य मोर्चा के अश्विनी कुमार साहू ने सरकार से हेहल अंचल के बजरा में पूर्वजों की जमीन की लूट और उस पर अवैध निर्माण को रोकने की मांग की है. उन्होंने रांची के डीसी को हटा कर एक कमेटी से जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि वर्तमान उपायुक्त के पद पर रहते हुए मूल खतियानी रैयतों को न्याय नहीं मिल सकता है.