रांची: झारखंड प्रदेश मुखिया संघ ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि पंचायतों का पुनर्गठन होने तक जनहित में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. झारखंड में मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की तर्ज पर प्रशासकीय समिति का गठन किया जाए ताकि पंचायतों के कार्यकलाप का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे.
प्रशासकीय समिति के गठन की मांग
प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष विकास कुमार महतो ने अपने पत्र में लिखा है कि पंचायत चुनाव के कारण यहां के लोगों को पंचायत सचिवालय के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा था. अगर यह व्यवस्था जल्द बहाल नहीं हुई तो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिला से लेकर प्रखंडस्तर के कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे.
विकास का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौर में सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में मुखिया ने अहम भूमिका निभाई थी. चूंकि, अब झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था कार्यशील नहीं है, ऐसे में ग्रामीण व्यवस्था पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासकीय समिति का गठन बेहद जरूरी है.
मध्य प्रदेश में प्रशासकीय समिति का गठन
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की अवधि समाप्त होने के बाद जिस प्रशासकीय समिति का गठन किया गया है, उसमें ग्राम पंचायत के सभी पूर्व सदस्यों को सदस्य बनाया गया है. पूर्व सरपंच को प्रशासकीय समिति का प्रधान बनाया गया है. इस व्यवस्था के तहत प्रधान और ग्राम पंचायत के सचिव पूर्व की तरह ग्राम पंचायत के खातों से योजना मद में राशि की निकासी कर सकेंगे.