रांचीः लड़कियों की शादी की उम्र सीमा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किए जाने के केंद्र के फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. झारखंड सरकार के कई मंत्री इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं तो कई मंत्री केंद्र के इस फैसले को स्वागत योग्य बता रहे हैं.
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लड़कियों शादी की उम्र सीमा को लेकर झारखंड सरकार के हफीजुल हसन और जगरनाथ महतो इस फैसले को बेबुनियाद बताया है. दोनों मंत्रियों का कहना है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लड़कियों की शादी को लेकर अलग-अलग धारणा है. इसलिए लड़की की शादी के लिए 18 साल की आयु बिल्कुल सही है.
दूसरी तरफ मंत्री सह कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव और पूर्णिमा सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह ने कहा कि 18 साल की उम्र में लड़की मानसिक रूप से विवाह के लिए तैयार नहीं हो पाती है. ऐसे में उम्र की सीमा बढ़ाकर 21 वर्ष करना स्वागत योग्य है. इस उम्र में लड़की शारीरिक और मानसिक दोनों तौर पर परिपक्व हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि यह निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए था.
बीजेपी विधायक समरी लाल ने जेएमएम पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र के किसी भी फैसले का विरोध करना झारखंड मुक्ति मोर्चा का काम बन गया है, चाहे वह पेट्रोल डीजल की कीमत कम करने का हो या फिर जन कल्याणकारी कोई भी मुद्दा हो.
वहीं विधायक भानु प्रताप सिंह ने मंत्री हफीजुल हसन को करारा जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला सभी तत्वों को जानने और एक्सपर्ट की राय लेने के बाद यह फैसला लिया गया है. लेकिन जेएमएम की आदत है कि वो केंद्र के हर फैसले की निंदा या विरोध करने से बाज नहीं आते हैं.
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बुधवार को लड़कियों की शादी की उम्र 21 करने को लेकर केंद्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वर्तमान समय में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है जबकि लड़कों की शादी की उम्र 21 साल है. सरकार के इस फैसले के बाद हर तरफ चर्चा शुरू हो गयी है. महिलाएं सरकार के इस फैसले को सराहा रही हैं.