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पुलिस के राडार पर पशु तस्कर, रात 12 से सुबह सात तक होगी विशेष चेकिंग

झारखंड पुलिस पशु तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करने के मूड में हैं. इसके लिए पशु तस्कर जिस रूट का प्रयोग करते हैं वहां गहन चेकिंग अभियान चलाने और ज्यादा चौकसी बरतने के निर्देश दिये गए हैं.

jharkhand police strict on animal smugglers
jharkhand police strict on animal smugglers
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Published : Jul 22, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 10:16 PM IST

रांची: झारखंड में पशु तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है, पशु तस्करों के द्वारा रांची में महिला सब इंस्पेक्टर संध्या को वाहन से कुचल कर मार डालने की घटना के बाद पुलिस मुख्यालय बेहद गंभीर है. मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कड़े आदेश जारी किए हैं. झारखंड के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पशु तस्करों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.

ये भी पढ़ें: संध्या टोपनो हत्याकांड: 20 जुलाई की रात क्या हुआ था तुपुदाना में, क्यों सवालों के घेरे में है रांची पुलिस, पढ़ें रिपोर्ट

कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम बनाई है: झारखंड के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि पशु तस्करों की वजह से उन्हें अपने एक जांबाज सब इंस्पेक्टर को खोना पड़ा है. इसे लेकर झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा बेहद गंभीर है. राज्य में पशु तस्करी को रोकने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. राज्य के वैसे रूट जिनसे पशु तस्करी की जाती है उन पर विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है. पशु तस्कर जिस रूट का प्रयोग करते हैं वहां गहन चेकिंग अभियान चलाने के साथ ही चेक नाका बनाकर औचक निरीक्षण करने की हिदायत दी गई है. आईजी अभियान के अनुसार पशु तस्कर केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है ऐसे में झारखंड से जुड़ने वाली दूसरे राज्यों की सीमा पर भी विशेष चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है.

देखें पूरी खबर
पशु तस्करी के रूट किए जा रहे हैं चिन्हित: मिली जानकारी के अनुसार पशु तस्कर रांची के ओरमांझी, मांडर, पिठोरिया या खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा से पैदल या हांककर रांची से सटे पुरुलिया में बंगाल सीमा पर पहुंचाया जाता है. सूचना है कि पशु तस्करी के मामले में बंगाल में झारखंड जितनी सख्ती नहीं है. यही वजह है कि तस्कर इस कोशिश में रहते हैं कि किसी तरह झारखंड की सीमा से पशुओं को बंगाल में प्रवेश करा दिया जाए. दूसरा रूट संताल के क्षेत्र से है, पाकुड़ और साहिबगंज रूट से भी पशुओं की तस्करी होती है. पाकुड़ में महेशपुर से होकर बंगाल के मालदा के रास्ते बांग्लादेश तक भी पशुओं की तस्करी होती है. इन सभी रूटों पर रात के 12 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश पुलिस मुख्यालय के द्वारा दिया गया है.

सीआईडी भी जुटा रही जानकारी: वहीं, दूसरी तरफ झारखंड सीआईडी ने सभी जिलों से वैसे पशु तस्करों की सूची मांगी है, जिनकी सक्रियता साल 2016 से अब तक रही है. इन मामलों में कहां- कहां एफआईआर दर्ज हुआ, आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई समेत 12 बिंदुओं पर सीआईडी मुख्यालय ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है. राज्य में उन जगहों की सूची भी मांगी गई है, जहां अवैध वधशालाएं चल रही हैं. सीआईडी को जानकारी मिली है कि संगठित तरीके से कई लोग पशुओं की तस्करी में शामिल हैं. पशु तस्करों का नेटवर्क बांग्लादेश तक फैला है. अवैध तरीके से संताल परगना के रास्ते वाहनों को भेजा जाता है. जिसके बाद सीआईडी ने सभी जिलों से तस्करों के गैंग को चिन्हित करने के लक्ष्य से जानकारी मांगी है.

झारखंड से सीआईडी के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 से मई 2022 तक झारखंड में पशु तस्करी के लगभग 2200 मामले दर्ज किए गए थे, इनमें से 1307 मामलों में अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया है. पशु तस्करी के सबसे ज्यादा मामले रांची और हजारीबाग में दर्ज है. पशु तस्करी के पिछले 2 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य भर में कुल 871 केस दर्ज हुए हैं जिनमें 1643 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है इनमें से सिर्फ रांची में 65 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 129 लोग गिरफ्तार हुए हैं.

रांची: झारखंड में पशु तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है, पशु तस्करों के द्वारा रांची में महिला सब इंस्पेक्टर संध्या को वाहन से कुचल कर मार डालने की घटना के बाद पुलिस मुख्यालय बेहद गंभीर है. मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कड़े आदेश जारी किए हैं. झारखंड के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पशु तस्करों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.

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कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम बनाई है: झारखंड के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि पशु तस्करों की वजह से उन्हें अपने एक जांबाज सब इंस्पेक्टर को खोना पड़ा है. इसे लेकर झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा बेहद गंभीर है. राज्य में पशु तस्करी को रोकने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. राज्य के वैसे रूट जिनसे पशु तस्करी की जाती है उन पर विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है. पशु तस्कर जिस रूट का प्रयोग करते हैं वहां गहन चेकिंग अभियान चलाने के साथ ही चेक नाका बनाकर औचक निरीक्षण करने की हिदायत दी गई है. आईजी अभियान के अनुसार पशु तस्कर केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है ऐसे में झारखंड से जुड़ने वाली दूसरे राज्यों की सीमा पर भी विशेष चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है.

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पशु तस्करी के रूट किए जा रहे हैं चिन्हित: मिली जानकारी के अनुसार पशु तस्कर रांची के ओरमांझी, मांडर, पिठोरिया या खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा से पैदल या हांककर रांची से सटे पुरुलिया में बंगाल सीमा पर पहुंचाया जाता है. सूचना है कि पशु तस्करी के मामले में बंगाल में झारखंड जितनी सख्ती नहीं है. यही वजह है कि तस्कर इस कोशिश में रहते हैं कि किसी तरह झारखंड की सीमा से पशुओं को बंगाल में प्रवेश करा दिया जाए. दूसरा रूट संताल के क्षेत्र से है, पाकुड़ और साहिबगंज रूट से भी पशुओं की तस्करी होती है. पाकुड़ में महेशपुर से होकर बंगाल के मालदा के रास्ते बांग्लादेश तक भी पशुओं की तस्करी होती है. इन सभी रूटों पर रात के 12 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक विशेष चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश पुलिस मुख्यालय के द्वारा दिया गया है.

सीआईडी भी जुटा रही जानकारी: वहीं, दूसरी तरफ झारखंड सीआईडी ने सभी जिलों से वैसे पशु तस्करों की सूची मांगी है, जिनकी सक्रियता साल 2016 से अब तक रही है. इन मामलों में कहां- कहां एफआईआर दर्ज हुआ, आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई समेत 12 बिंदुओं पर सीआईडी मुख्यालय ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है. राज्य में उन जगहों की सूची भी मांगी गई है, जहां अवैध वधशालाएं चल रही हैं. सीआईडी को जानकारी मिली है कि संगठित तरीके से कई लोग पशुओं की तस्करी में शामिल हैं. पशु तस्करों का नेटवर्क बांग्लादेश तक फैला है. अवैध तरीके से संताल परगना के रास्ते वाहनों को भेजा जाता है. जिसके बाद सीआईडी ने सभी जिलों से तस्करों के गैंग को चिन्हित करने के लक्ष्य से जानकारी मांगी है.

झारखंड से सीआईडी के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 से मई 2022 तक झारखंड में पशु तस्करी के लगभग 2200 मामले दर्ज किए गए थे, इनमें से 1307 मामलों में अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया है. पशु तस्करी के सबसे ज्यादा मामले रांची और हजारीबाग में दर्ज है. पशु तस्करी के पिछले 2 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य भर में कुल 871 केस दर्ज हुए हैं जिनमें 1643 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है इनमें से सिर्फ रांची में 65 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 129 लोग गिरफ्तार हुए हैं.

Last Updated : Jul 22, 2022, 10:16 PM IST
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