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नक्सल हमले के बाद एक्शन में पुलिस मुख्यालय, 24 घंटे के अंदर जिलों के एसपी को देनी होगी गुप्तचरों की रिपोर्ट - नक्सली हमला

लातेहार और पलामू में नक्सल हमले के बाद एक्शन में पुलिस मुख्यालय. 24 घंटे के अंदर जिलों के एसपी को गुप्तचरों की रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है. बता दें कि राज्य में 5 हजार से अधिक गुप्तचर हैं.

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झारखंड पुलिस
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Published : Nov 26, 2019, 11:41 PM IST

रांची: लातेहार में नक्सल हमले में चार सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस मुख्यालय एक्शन में है. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी से उनके यहां काम कर रहे सारे गुप्तचरों के बारे में रिपोर्ट मांगी है. जिलों के एसपी से 24 घंटे में पूछा गया है कि वह यह बताएं कि उनके यहां कौन-कौन से गुप्तचर हैं, गुप्तचरों ने कौन-कौन सी सूचनाएं दी. सूचनाएं कितनी सही और कितनी गलत साबित हुई.

नक्सल हमले के बाद अलर्ट
बता दें कि 22 नवंबर की घटना के बाद यह बात सामने आयी थी कि खुफिया सूचनाओं को लेकर बड़ी चूक हुई है. इस वारदात के पूर्व नक्सलियों की योजना को लेकर कोई सूचना नहीं आयी थी. जिलों के एसपी के रिपोर्ट के आधार पर गुप्तचरों को रखा या हटाया जाएगा. साथ ही निष्क्रिय रहे गुप्तचरों को हटाया जाएगा. बता दें कि राज्य में 5 हजार से अधिक गुप्तचर हैं.

ये भी पढ़ें- दूसरे चरण के लिए राज्य सशस्त्र बलों की 47 कंपनी तैनात, जैप आईजी ने जारी किया आदेश

खुफिया रिपोर्ट: नक्सली कर रहे क्लस्टरों की रेकी
राज्य पुलिस की एसआईबी ने पलामू पुलिस को एक रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रथम चरण के लिए बाहर से आए बलों के लिए जो क्लस्टर बनाए गए हैं, वहां की रेकी माओवादी सादे लिबास में कर रहे. हरिहरगंज, पिपरा, छत्तरपुर, पांकी, नौडीहा बाजार, पांकी, पिपराटांड़, मनातू, तरहसी, चैनपुर, रामगढ़, पांडू, विश्रामपुर, मोहम्मदगंज में क्लस्टरों के आसपास माओवादी रेकी कर रहे हैं. इन इलाकों में बाहर से आए जवानों के आसपास निकलकर चाय पानी करने पर पाबंदी लगाने को कहा गया है.

घटना के बाद ये एहतियात भी किए गए जारी

  • क्लस्टर से बूथ और बूथ से क्लस्टर तक पैदल जाना है. आईईडी के कारण गाड़ी का प्रयोग खतरनाक है. उन्हीं पक्की सड़कों पर वाहन से जाना है जहां रोड ओपनिंग पार्टी लगी हो.
  • ड्यूटी से लौटते समय खतरा अधिक होता है, इसलिए ड्यूटी से लौटने के वक्त अधिक सतर्क रहें. लौटने की जल्दबाजी में असावधानी नहीं बरतें.
  • नक्सली सादे लिबास में कंबल, चादर ओढ़कर, झोला- बैग में हथियार छिपाकर हमला कर सकते हैं. इस लिए हर जगह पर सतर्क रहें.
  • एक ही रास्ते से एक ही स्थान पर बार-बार आना जाना नहीं करना है. नक्सली रास्तों पर रेकी कर हमला कर सकते हैं.
  • बूथ और क्लस्टर पर एलईडी लगा हो सकता है, इसलिए वहां प्रवेश के पहले जांच करें. आस पास के कुएं, सड़क, हैंडपंप, चबूतरा की भी जांच करें.
  • किसी भी सूचना मसलन सड़क दुर्घटना, वाहन खराबी, बहकावे में जल्दबाजी का कोई काम न करें. इसकी सूचना पहले वरीय अधिकारियों को दें.

रांची: लातेहार में नक्सल हमले में चार सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस मुख्यालय एक्शन में है. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी से उनके यहां काम कर रहे सारे गुप्तचरों के बारे में रिपोर्ट मांगी है. जिलों के एसपी से 24 घंटे में पूछा गया है कि वह यह बताएं कि उनके यहां कौन-कौन से गुप्तचर हैं, गुप्तचरों ने कौन-कौन सी सूचनाएं दी. सूचनाएं कितनी सही और कितनी गलत साबित हुई.

नक्सल हमले के बाद अलर्ट
बता दें कि 22 नवंबर की घटना के बाद यह बात सामने आयी थी कि खुफिया सूचनाओं को लेकर बड़ी चूक हुई है. इस वारदात के पूर्व नक्सलियों की योजना को लेकर कोई सूचना नहीं आयी थी. जिलों के एसपी के रिपोर्ट के आधार पर गुप्तचरों को रखा या हटाया जाएगा. साथ ही निष्क्रिय रहे गुप्तचरों को हटाया जाएगा. बता दें कि राज्य में 5 हजार से अधिक गुप्तचर हैं.

ये भी पढ़ें- दूसरे चरण के लिए राज्य सशस्त्र बलों की 47 कंपनी तैनात, जैप आईजी ने जारी किया आदेश

खुफिया रिपोर्ट: नक्सली कर रहे क्लस्टरों की रेकी
राज्य पुलिस की एसआईबी ने पलामू पुलिस को एक रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रथम चरण के लिए बाहर से आए बलों के लिए जो क्लस्टर बनाए गए हैं, वहां की रेकी माओवादी सादे लिबास में कर रहे. हरिहरगंज, पिपरा, छत्तरपुर, पांकी, नौडीहा बाजार, पांकी, पिपराटांड़, मनातू, तरहसी, चैनपुर, रामगढ़, पांडू, विश्रामपुर, मोहम्मदगंज में क्लस्टरों के आसपास माओवादी रेकी कर रहे हैं. इन इलाकों में बाहर से आए जवानों के आसपास निकलकर चाय पानी करने पर पाबंदी लगाने को कहा गया है.

घटना के बाद ये एहतियात भी किए गए जारी

  • क्लस्टर से बूथ और बूथ से क्लस्टर तक पैदल जाना है. आईईडी के कारण गाड़ी का प्रयोग खतरनाक है. उन्हीं पक्की सड़कों पर वाहन से जाना है जहां रोड ओपनिंग पार्टी लगी हो.
  • ड्यूटी से लौटते समय खतरा अधिक होता है, इसलिए ड्यूटी से लौटने के वक्त अधिक सतर्क रहें. लौटने की जल्दबाजी में असावधानी नहीं बरतें.
  • नक्सली सादे लिबास में कंबल, चादर ओढ़कर, झोला- बैग में हथियार छिपाकर हमला कर सकते हैं. इस लिए हर जगह पर सतर्क रहें.
  • एक ही रास्ते से एक ही स्थान पर बार-बार आना जाना नहीं करना है. नक्सली रास्तों पर रेकी कर हमला कर सकते हैं.
  • बूथ और क्लस्टर पर एलईडी लगा हो सकता है, इसलिए वहां प्रवेश के पहले जांच करें. आस पास के कुएं, सड़क, हैंडपंप, चबूतरा की भी जांच करें.
  • किसी भी सूचना मसलन सड़क दुर्घटना, वाहन खराबी, बहकावे में जल्दबाजी का कोई काम न करें. इसकी सूचना पहले वरीय अधिकारियों को दें.
Intro:नक्सल हमले के  बाद एक्शन में पुलिस मुख्यालय , 24 घंटे के भीतर जिलों के एसपी को देनी होगी गुप्तचरों की रिपोर्ट

रांची।
लातेहार में नक्सल हमले में चार सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस मुख्यालय एक्शन में है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी से उनके यहां काम कर रहे सारे गुप्तचरों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। जिलों के एसपी से 24 घंटे में पूछा गया है कि वह यह बताएं कि उनके यहां कौन कौन से गुप्तचर हैं, गुप्तचरों ने कौन कौन सी सूचनाएं दी। सूचनाएं कितनी सही व कितनी गलत साबित हुई।

नक्सल हमले के बाद अलर्ट
गौरतलब है कि 22 नवंबर की घटना के बाद यह बात सामने आयी थी कि खुफिया सूचनाओं को लेकर बड़ी चूक हुई है। इस वारदात के पूर्व नक्सलियों की योजना को लेकर कोई सूचना नहीं आयी थी। जिलों के एसपी के रिपोर्ट के आधार पर गुप्तचरों को रखा या हटाया जाएगा। निष्क्रिय रहे गुप्तचरों को हटाया जाएगा। राज्य में 5 हजार से अधिक गुप्तचर हैं।

खुफिया रिपोर्ट- नक्सली कर रहे कल्सटरों की रेकी

राज्य पुलिस की एसआईबी ने पलामू पुलिस को एक रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में जिक्र है कि प्रथम चरण के लिए बाहर से आए बलों के लिए जो कल्स्टर बनाए गए हैं, वहां की रेकी माओवादियों के द्वारा सादे लिबास में की जा रही है। हरिहरगंज, पिपरा, छतरपुर, पांकी, नौडीहा बाजार, पांकी, पिपराटांड, मनातू, तरहसी, चैनपुर, रामगढ़, पांडू, विश्रामपुर, मोहम्मदगंज में कल्स्टरों के आसपास माओवादी रेकी कर रहे हैं। इन इलाकों में बाहर से आए जवानों के आसपास निकलकर चायपानी करने पर पाबंदी लगाने को कहा गया है।

घटना के बाद ये एहतियात भी किए गए जारी

- कल्स्टर से बूथ और बूथ से कल्स्टर तक पैदल जाना है। आईइडी के कारण गाड़ी का प्रयोग खतरनाक है। उन्हीं पक्की सड़कों पर वाहन से जाना है जहां रोड ओपनिंग पार्टी लगी हो।
-ड्यूटी से लौटते समय खतरा अधिक होता है, इसलिए ड्यूटी से लौटने के वक्त अधिक सतर्क रहें। लौटने की जल्दबाजी में असावधानी नहीं बरतें।
- नक्सली सादे लिबास में कंबल, चादर ओढ़कर, झोला- बैग में हथियार छिपाकर हमला कर सकते हैं। इसलिए हर जगह पर सतर्क रहें।
- एक ही रास्ते से एक ही स्थान पर बार बार आना जाना नहीं करना है। नक्सली रास्तों पर रेकी कर हमला कर सकते हैं।
- बूथ व कल्स्टर पर एलइडी लगा हो सकता है, इसलिए वहां प्रवेश के पहले जांच करें। आसपास के कुंआ, सड़क, हैंडपंप, चबूतरा की भी जांच करें।
- किसी भी सूचना मसलन सड़क दुर्घटना, वाहन खराबी, बहकावे में जल्दबाजी का कोई काम न करें। इसकी सूचना पहले वरीय अधिकारियों को दें।Body:1Conclusion:2
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