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झारखंड पुलिस ने जीता लोगों का दिल, चुनौतियों के बीच कोरोना काल में मसीहा बनकर उभरा पुलिस-प्रशासन

आने वाले वक्त में झारखंड पुलिस के सामने चुनौतियों का पहाड़ है. संघर्षोंं के साथ वो आगे और बेहतर काम कर लोगों के दिल में भरोसा जगाएगी. महामारी और विधि-व्यवस्था की चुनौतियों के साथ झारखंड पुलिस ने अपना फर्ज निभाया. हर मोर्चे पर पुलिसकर्मियों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया. कोरोना से पुलिसकर्मियों की मौत हुई, फिर भी वो साहस के साथ डटे रहे. इस दौरान झारखंड पुलिस की कार्यशैली भी काफी सराही गयी.

jharkhand police doing good in crime control during corona period
झारखंड पुलिस
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Published : Jan 2, 2022, 7:34 AM IST

Updated : Jan 2, 2022, 9:46 AM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण काल के दौरान फ्रंट लाइन वारियर के तौर पर झारखंड पुलिस ने पहले और दूसरे लहर दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सड़क से लेकर अस्पताल तक, चाहे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की बात हो या फिर बुजुर्गों और महिलाओं के घरों तक दवा उपलब्ध करवाने की. इन सभी कार्यों में पुलिसकर्मियों की भूमिका बेहद सराहनीय रही. कोविड काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है.

इसे भी पढ़ें- डीएसपी की पाठशाला: खुद हैं DSP पर गरीब बच्चों को दे रहे हैं IAS-IPS बनने के टिप्स

कोविड काल में झारखंड पुलिस ने फ्रंटलाइन वारियर के रूप में अपनी भूमिका निभाने का दुखद परिणाम भी पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है. कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक झारखंड में 44 पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं. कुल मिलाकर कहें तो महामारी के दौरान कोरोना काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है. कोविड काल में झारखंड पुलिस आम जनता के लिए किसी मसीहा की तरह उभरकर सामने आई. संक्रमण काम जिसका कोई नहीं था पुलिस वाले उसके साथ खड़े दिखाई दिए. कोरोना काल के दौरान चाहे अपने सामुदायिक किचन के जरिए गरीबों को भरपेट खाना खिलाने का काम हो या फिर बुजर्गो को दवाइयां पहुचाने का काम, झारखंड पुलिस ने बड़े ही जिम्मेवारी के साथ अपनी ड्यूटी की. डायल 100 या फिर थानेदार के फोन पर जैसे ही सूचना मिलती कि किसी को दवाई या फिर किसी दूसरे तरह की जरूरत है, पुलिस की टीम तुरंत वहां कूच कर जाती थी. इस दौरान 7 हजार 500 पुलिसकर्मी भी कोविड-19 संक्रमण के चपेट में आए जिसमें से 44 को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. कोरोना की दूसरी लहर के बीच जब लोगों को ऑक्सीजन बेड नहीं मिल रहा था, उस समय भी पुलिस की भूमिका बेहद सराहनीय रही.

देखें पूरी खबर

अपराध और नक्सल फ्रंट पर भी कसी गयी नकेल

कोविड काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है. कोविड19 संक्रमण के दौरान झारखंड में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया था. जिसका पालन करवाने के लिए पुलिस वाले दिन-रात सड़कों पर मुस्तैद रहे. इस दौरान सड़क पर बिना मास्क निकलने वाले लोगों को समझाने के साथ-साथ उनसे कड़ाई कर फाइन भी काटा गया. इसके अलावा नक्सल और आपराधिक वारदातों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने दोनों फ्रंट पर बेहतर काम करने की कोशिश की.

झारखंड पुलिस में 99 फीसदी से अधिक वैक्सीनेशन

झारखंड पुलिस में संपूर्ण वैक्सीनेश हुआ है. करीब 99 फीसदी से अधिक पुलिसकर्मियों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सभी 24 जिलों समेत वाहनियों में 69 हजार 462 पुलिसकर्मी तैनात हैं. इनमें से 68 हजार 006 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं 64 हजार 269 पुलिसकर्मी वैक्सीन का दूसरा डोज ले चुके हैं. 3 हजार 737 पुलिसकर्मियों ने दूसरा डोज नहीं लिया है, वहीं 1 हजार 456 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया है.

इसे भी पढ़ें- जहां कभी था नक्सलियों का आतंक आज वहां खनक रही है चूड़ियां, लाह की खेती ने बदली महिलाओं की किस्मत

झारखंड पुलिस में संपूर्ण वैक्सीनेशन की बात कही गयी है. कई पुलिस ईकाईयों में पूर्ण वैक्सीनेशन हुआ है. राज्य पुलिस की कई ईकाईयों में पूर्ण वैक्सीनेशन हो चुका है. पुलिस मुख्यालय रांची, ट्रैफिक ट्रेनिंग स्कूल जमशेदपुर, एचक्यूआरटी रांची, सीटीसी मुसाबनी, एटीएस रांची, सैप 2 में सभी पुलिसकर्मियों का वैक्सीनेशन हो चुका है. रांची में 384, खूंटी में 19, गुमला में 19, सिमडेगा में 12, लोहरदगा में 20, जमशेदपुर में 36, चाइबासा में 41, सरायकेला में 8, पलामू में 146, गढ़वा में 9, लातेहार में 32, हजारीबाग में 40, रामगढ़ में 17, चतरा में 14, कोडरमा में 63, गिरिडीह में 5, धनबाद में 100, बोकारो में 16, देवघर में 30, दुमका में 6, जामताड़ा में 21, गोड्डा में 12, पाकुड़ में 8, साहिबगंज में 10, रेल जमशेदपुर में 5, रेल धनबाद में 11, जैप-1 में 8, जैप-2 में 35, जैप-3 में 5, जैप-4 में 1, जैप-5 में 3, जैप-6 में 4, जैप-7 में 6, जैप-8 में 7, जैप-9 में 3, जैप-10 महिला बटालियन में 95, आईआरबी-1 में 1, आईआरबी-2 में 5, आईआरबी-3 में 3, आईआरबी-4 में 4, आईआरबी-5 में 2, एसआईआरबी-1 में 24, एसआईआरबी-2 में 37, आईआरबी-8 में 5, आईआरबी-9 में 5, आईआरबी-10 में 8, राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल बोकारो में 7, सैप-1 टाटीसिल्वे में 5, वायरलेस रांची में 15, जगुआर में 2, विशेष शाखा में 39, पदमा प्रशिक्षण केंद्र में 1, एसीबी में 1, सीआईडी में 16, आईटीएस रांची में 3, जेपीए हजारीबाग में 4, जंगलवार फेयर स्कूल में 3 पुलिसकर्मियों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.

कोरोना से पुलिसकर्मियों की मौत

44 पुलिसकर्मियों को कोविड के कारण गंवानी पड़ी जानकोविड-19 संक्रमण की पहली लहर जितनी घातक नहीं थी उससे ज्यादा घातक दूसरी लहर साबित हुई थी. इस दौरान 7 हजार 500 से अधिक पुलिस वाले संक्रमण की चपेट में आ गए, जिनमें से 44 को अपनी जान गंवानी पड़ी.साल 2020 में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले पुलिसकर्मीकिशोर कुमार ,आरक्षी एसटीएफ, नरेंद्र चौबे, दरोगा जैप 2, बंधु मिंज चालक आरक्षी गुमला जिला बल, आरक्षी वीरेंद्र डुंगडुंग, जफर जमा, धनबाद रेल पुलिस, हरिश्चंद्र सवैया, आरक्षी, आईआरबी, मोहम्मद एजाज, चालक हवलदार, सुरेश पासवान, इंस्पेक्टर जैप 4, लवकुश सिंह, हवलदार रांची जिला बल, अरविंद कुमार सिन्हा, आरक्षी एसीबी, विजय शंकर सिंह, एसआई जमशेदपुर, शैलेश कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर सीआईडी, रोबिन मुंडा, हवलदार एसटीएफ, संदीप पीटर खलखो, आरक्षी स्पेसल ब्रांच और फूल चरण मुखी, हवलदार गुमला जिला बल.

2021 में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले पुलिसकर्मी इश्तियाक अहमद, एएसआई, रांची पुलिस, सिरिल हेंब्रम, आरक्षी देवघर जिला बल, जगदेव भगत, इंस्पेक्टर स्पेशल ब्रांच, संतोष कुमार साहू रसोईया विशेष शाखा, रविकांत भूषण डीएसपी स्पेशल ब्रांच, रंजीत कुमार हवलदार जैप 6, सुषमा टोप्पो महिला आरक्षी रांची जिला बल, अनिल कुमार यादव, एसआई जमशेदपुर, विजय टोपनो, इंस्पेक्टर कोडरमा, रमाशंकर यादव, नायक सूबेदार सैप, धर्मेंद्र कुमार, आरक्षी रांची जिला बल, सुशांत कुमार झा, आरक्षी एसीबी और चक्रपाणि पूर्ति, एएसआई जमशेदपुर.

रांचीः कोरोना संक्रमण काल के दौरान फ्रंट लाइन वारियर के तौर पर झारखंड पुलिस ने पहले और दूसरे लहर दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सड़क से लेकर अस्पताल तक, चाहे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की बात हो या फिर बुजुर्गों और महिलाओं के घरों तक दवा उपलब्ध करवाने की. इन सभी कार्यों में पुलिसकर्मियों की भूमिका बेहद सराहनीय रही. कोविड काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है.

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कोविड काल में झारखंड पुलिस ने फ्रंटलाइन वारियर के रूप में अपनी भूमिका निभाने का दुखद परिणाम भी पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है. कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक झारखंड में 44 पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं. कुल मिलाकर कहें तो महामारी के दौरान कोरोना काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है. कोविड काल में झारखंड पुलिस आम जनता के लिए किसी मसीहा की तरह उभरकर सामने आई. संक्रमण काम जिसका कोई नहीं था पुलिस वाले उसके साथ खड़े दिखाई दिए. कोरोना काल के दौरान चाहे अपने सामुदायिक किचन के जरिए गरीबों को भरपेट खाना खिलाने का काम हो या फिर बुजर्गो को दवाइयां पहुचाने का काम, झारखंड पुलिस ने बड़े ही जिम्मेवारी के साथ अपनी ड्यूटी की. डायल 100 या फिर थानेदार के फोन पर जैसे ही सूचना मिलती कि किसी को दवाई या फिर किसी दूसरे तरह की जरूरत है, पुलिस की टीम तुरंत वहां कूच कर जाती थी. इस दौरान 7 हजार 500 पुलिसकर्मी भी कोविड-19 संक्रमण के चपेट में आए जिसमें से 44 को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. कोरोना की दूसरी लहर के बीच जब लोगों को ऑक्सीजन बेड नहीं मिल रहा था, उस समय भी पुलिस की भूमिका बेहद सराहनीय रही.

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अपराध और नक्सल फ्रंट पर भी कसी गयी नकेल

कोविड काल में झारखंड पुलिस ने अच्छा काम किया है. कोविड19 संक्रमण के दौरान झारखंड में आंशिक लॉकडाउन लगाया गया था. जिसका पालन करवाने के लिए पुलिस वाले दिन-रात सड़कों पर मुस्तैद रहे. इस दौरान सड़क पर बिना मास्क निकलने वाले लोगों को समझाने के साथ-साथ उनसे कड़ाई कर फाइन भी काटा गया. इसके अलावा नक्सल और आपराधिक वारदातों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने दोनों फ्रंट पर बेहतर काम करने की कोशिश की.

झारखंड पुलिस में 99 फीसदी से अधिक वैक्सीनेशन

झारखंड पुलिस में संपूर्ण वैक्सीनेश हुआ है. करीब 99 फीसदी से अधिक पुलिसकर्मियों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सभी 24 जिलों समेत वाहनियों में 69 हजार 462 पुलिसकर्मी तैनात हैं. इनमें से 68 हजार 006 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं 64 हजार 269 पुलिसकर्मी वैक्सीन का दूसरा डोज ले चुके हैं. 3 हजार 737 पुलिसकर्मियों ने दूसरा डोज नहीं लिया है, वहीं 1 हजार 456 पुलिसकर्मियों ने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया है.

इसे भी पढ़ें- जहां कभी था नक्सलियों का आतंक आज वहां खनक रही है चूड़ियां, लाह की खेती ने बदली महिलाओं की किस्मत

झारखंड पुलिस में संपूर्ण वैक्सीनेशन की बात कही गयी है. कई पुलिस ईकाईयों में पूर्ण वैक्सीनेशन हुआ है. राज्य पुलिस की कई ईकाईयों में पूर्ण वैक्सीनेशन हो चुका है. पुलिस मुख्यालय रांची, ट्रैफिक ट्रेनिंग स्कूल जमशेदपुर, एचक्यूआरटी रांची, सीटीसी मुसाबनी, एटीएस रांची, सैप 2 में सभी पुलिसकर्मियों का वैक्सीनेशन हो चुका है. रांची में 384, खूंटी में 19, गुमला में 19, सिमडेगा में 12, लोहरदगा में 20, जमशेदपुर में 36, चाइबासा में 41, सरायकेला में 8, पलामू में 146, गढ़वा में 9, लातेहार में 32, हजारीबाग में 40, रामगढ़ में 17, चतरा में 14, कोडरमा में 63, गिरिडीह में 5, धनबाद में 100, बोकारो में 16, देवघर में 30, दुमका में 6, जामताड़ा में 21, गोड्डा में 12, पाकुड़ में 8, साहिबगंज में 10, रेल जमशेदपुर में 5, रेल धनबाद में 11, जैप-1 में 8, जैप-2 में 35, जैप-3 में 5, जैप-4 में 1, जैप-5 में 3, जैप-6 में 4, जैप-7 में 6, जैप-8 में 7, जैप-9 में 3, जैप-10 महिला बटालियन में 95, आईआरबी-1 में 1, आईआरबी-2 में 5, आईआरबी-3 में 3, आईआरबी-4 में 4, आईआरबी-5 में 2, एसआईआरबी-1 में 24, एसआईआरबी-2 में 37, आईआरबी-8 में 5, आईआरबी-9 में 5, आईआरबी-10 में 8, राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल बोकारो में 7, सैप-1 टाटीसिल्वे में 5, वायरलेस रांची में 15, जगुआर में 2, विशेष शाखा में 39, पदमा प्रशिक्षण केंद्र में 1, एसीबी में 1, सीआईडी में 16, आईटीएस रांची में 3, जेपीए हजारीबाग में 4, जंगलवार फेयर स्कूल में 3 पुलिसकर्मियों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है.

कोरोना से पुलिसकर्मियों की मौत

44 पुलिसकर्मियों को कोविड के कारण गंवानी पड़ी जानकोविड-19 संक्रमण की पहली लहर जितनी घातक नहीं थी उससे ज्यादा घातक दूसरी लहर साबित हुई थी. इस दौरान 7 हजार 500 से अधिक पुलिस वाले संक्रमण की चपेट में आ गए, जिनमें से 44 को अपनी जान गंवानी पड़ी.साल 2020 में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले पुलिसकर्मीकिशोर कुमार ,आरक्षी एसटीएफ, नरेंद्र चौबे, दरोगा जैप 2, बंधु मिंज चालक आरक्षी गुमला जिला बल, आरक्षी वीरेंद्र डुंगडुंग, जफर जमा, धनबाद रेल पुलिस, हरिश्चंद्र सवैया, आरक्षी, आईआरबी, मोहम्मद एजाज, चालक हवलदार, सुरेश पासवान, इंस्पेक्टर जैप 4, लवकुश सिंह, हवलदार रांची जिला बल, अरविंद कुमार सिन्हा, आरक्षी एसीबी, विजय शंकर सिंह, एसआई जमशेदपुर, शैलेश कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर सीआईडी, रोबिन मुंडा, हवलदार एसटीएफ, संदीप पीटर खलखो, आरक्षी स्पेसल ब्रांच और फूल चरण मुखी, हवलदार गुमला जिला बल.

2021 में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले पुलिसकर्मी इश्तियाक अहमद, एएसआई, रांची पुलिस, सिरिल हेंब्रम, आरक्षी देवघर जिला बल, जगदेव भगत, इंस्पेक्टर स्पेशल ब्रांच, संतोष कुमार साहू रसोईया विशेष शाखा, रविकांत भूषण डीएसपी स्पेशल ब्रांच, रंजीत कुमार हवलदार जैप 6, सुषमा टोप्पो महिला आरक्षी रांची जिला बल, अनिल कुमार यादव, एसआई जमशेदपुर, विजय टोपनो, इंस्पेक्टर कोडरमा, रमाशंकर यादव, नायक सूबेदार सैप, धर्मेंद्र कुमार, आरक्षी रांची जिला बल, सुशांत कुमार झा, आरक्षी एसीबी और चक्रपाणि पूर्ति, एएसआई जमशेदपुर.

Last Updated : Jan 2, 2022, 9:46 AM IST
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