रांची: झारखंड के शीर्ष नक्सलियों के पैसे निवेश करने वाले मनोज चौधरी को एनआईए की टीम ने कोलकाता के हुगली से गिरफ्तार कर लिया है. मनोज चौधरी झारखंड के पतिराम मांझी, अजय महतो, दुर्योधन महतो जैसे बड़े नक्सल नेताओं के पैसे को बाजार में निवेश कर उनको मुनाफा देता था. एनआईए की टीम ने शनिवार की सुबह मनोज चौधरी को पश्चिम बंगाल के हुगली से गिरफ्तार कर लिया है.
5 दिन की रिमांड पर मनोज
झारखंड के गिरिडीह के पीरटांड़ का रहने वाला मनोज झारखंड के कई बड़े नक्सलियों के संपर्क में था. एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद हुगली में मनोज के ठिकाने पर सर्च भी किया गया. जहां से चल अचल संपत्तियों से जुड़े अहम कागजात और बैंक के खाते बरामद किए गए हैं. गिरफ्तारी के बाद मनोज को रांची लाया गया है, जहां एनआईए ने उसे 5 दिनों की रिमांड पर लिया है. एनआईए मनोज चौधरी के निवेश संबंधी अन्य जानकारियां जुटाने में लगी है.
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पहले बेचता था तोता, 2008 में आया नक्सलियों के संपर्क में
एनआईए के कब्जे में आया मनोज चौधरी पूर्व में तोता बेचने का काम किया करता था. साल 2008 में वह नक्सलियों के संपर्क में आया. इसके बाद उसने नक्सलियों की रंगदारी से अर्जित पैसों का चल और अचल संपत्तियों में निवेश करना शुरू किया. मनोज चौधरी ने लेवी के पैसे से गिरिडीह शहर के प्रमुख क्षेत्रों में करोड़ों की जमीन खरीदी है. मनोज की 3 साल से झारखंड पुलिस भी तलाश कर रही थी, लेकिन वह फरार था. बाद में झारखंड पुलिस के दर्ज मामले को एनआईए ने टेकओवर किया था.
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15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था
बता दें कि 6 मार्च 2018 को गिरिडीह के पीरडांड़ में माओवादियो के सैक सदस्य सुनील मांझी समेत 15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था. डुमरी थाने में दर्ज केस को 9 मई 2018 को एनआईए ने टेकओवर कर लिया था. इस मामले में 31 अगस्त 2018 और 8 जनवरी 2019 को मनोज चौधरी समेत 17 आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दायर किया था. बाद की तफ्तीश और छापेमारी में गिरिडीह के लागू पहाड़ से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस समेत अन्य चीजें भी बरामद की गई थी.