रांची: मिलावटी खाद्य पदार्थ को लेकर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचसी मिश्रा और न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. अदालत ने खाद्य पदार्थ में मिलावट की गंभीरता को देखते हुए सरकार को इसकी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार आम लोगों से जुड़े इस मामले को गंभीरता से ले.
सब्जी से लेकर सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट और हानिकारक रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा देखा गया है कि मिलावट का धंधा करने वालों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि जब भी कोई अधिकारी इसके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाता है तो उसका तबादला कर दिया जाता है. अदालत ने सरकार से मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है. साथ ही सरकार को रोकथाम करने की कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
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सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अभी 24 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त हैं. 53 पद स्वीकृत किए जाने के बाद इसकी नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजा गया है. राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी एक ही प्रयोगशाला है. दुमका में भवन बनकर तैयार है उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है, जल्दी दुमका में प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नियमित तौर पर प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लेती है और उसकी जांच करा रही है. दुर्गा पूजा में भी सैंपल लिया गया था.