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मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त झारखंड हाई कोर्ट, कहा- सरकार आम लोगों से जुड़े इस मसले को गंभीरता से ले

झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर मिलावटी खाद्य पदार्थ पर सख्त रुख अख्तियार किया है. हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार को आदेश दिया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दें. साथ ही सरकार को रोकथाम करने की कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Oct 26, 2019, 3:41 AM IST

रांची: मिलावटी खाद्य पदार्थ को लेकर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचसी मिश्रा और न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. अदालत ने खाद्य पदार्थ में मिलावट की गंभीरता को देखते हुए सरकार को इसकी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार आम लोगों से जुड़े इस मामले को गंभीरता से ले.

मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त झारखंड हाई कोर्ट
वीडियो में देखें पूरी खबर

सब्जी से लेकर सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट और हानिकारक रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा देखा गया है कि मिलावट का धंधा करने वालों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि जब भी कोई अधिकारी इसके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाता है तो उसका तबादला कर दिया जाता है. अदालत ने सरकार से मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है. साथ ही सरकार को रोकथाम करने की कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ें- धनबाद: जिला परिवहन कार्यालय के जनरेटर में लगी आग, दमकल ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अभी 24 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त हैं. 53 पद स्वीकृत किए जाने के बाद इसकी नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजा गया है. राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी एक ही प्रयोगशाला है. दुमका में भवन बनकर तैयार है उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है, जल्दी दुमका में प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नियमित तौर पर प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लेती है और उसकी जांच करा रही है. दुर्गा पूजा में भी सैंपल लिया गया था.

रांची: मिलावटी खाद्य पदार्थ को लेकर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचसी मिश्रा और न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. अदालत ने खाद्य पदार्थ में मिलावट की गंभीरता को देखते हुए सरकार को इसकी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार आम लोगों से जुड़े इस मामले को गंभीरता से ले.

मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त झारखंड हाई कोर्ट
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सब्जी से लेकर सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट और हानिकारक रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा देखा गया है कि मिलावट का धंधा करने वालों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि जब भी कोई अधिकारी इसके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाता है तो उसका तबादला कर दिया जाता है. अदालत ने सरकार से मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है. साथ ही सरकार को रोकथाम करने की कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

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सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अभी 24 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त हैं. 53 पद स्वीकृत किए जाने के बाद इसकी नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजा गया है. राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी एक ही प्रयोगशाला है. दुमका में भवन बनकर तैयार है उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है, जल्दी दुमका में प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नियमित तौर पर प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लेती है और उसकी जांच करा रही है. दुर्गा पूजा में भी सैंपल लिया गया था.

Intro:रांची

मिलावटी खाद्य पदार्थ को लेकर स्वतः संज्ञान मामले पर सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचसी मिश्रा एवं न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई। अदालत ने खाद्य पदार्थ में मिलावट की गंभीरता को देखते हुए सरकार इसके रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार आम लोगों से जुड़े इस मामले को गंभीरता से लें और इसके रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए।


Body:सब्जी से लेकर सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट और हानिकारक रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसा देखा गया है कि मिलावट का धंधा करने वालों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि जब भी कोई अधिकारी इसके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाता है तो उसका तबादला कर दिया जाता है अदालत ने सरकार से मिलावट करने वालों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया है साथ ही सरकार को रोकथाम करने की कार्य योजना तैयार कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अभी 24 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त है 53 पद स्वीकृत किए जाने के बाद इसकी नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजा गया है राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी एक ही प्रयोगशाला है दुमका में भवन बनकर तैयार है उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है जल्दी दुमका में प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी


Conclusion:सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार नियमित तौर पर प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों का सैंपल लेती है और उसकी जांच करा रही है दुर्गा पूजा में भी सैंपल लिया गया था इसके लिए मोबाइल ले भी है मिलावट पाए जाने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है

आपको बता दें कि मिलावटी खाद्य पदार्थ को लेकर अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वता संज्ञान लिया था और इसकी रोकथाम के लिए सरकार को निर्देश दिया है
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