रांचीः झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में नक्शा स्वीकृति से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत रांची नगर निगम के आयुक्त(Ranchi Municipal Corporation commissioner ) को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 17 अगस्त को आयुक्त को हाजिर होने को कहा है.
अदालत ने यह जानना चाहा है कि गिफ्ट डीड बिल्डर या आम व्यक्ति से कैसे सरकार के फेवर में ली जाती है. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. डॉ राजेश कुमार के नक्शा विचलन मामले में दायर नक्शा स्वीकृति से संबंधित राधिका शाहदेव एवं लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है. हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव ने पैरवी की.
मामले में हस्तक्षेपकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव जो रांची व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता हैं. उनसे भवन का नक्शा स्वीकृति के लिए 75000 रुपया जमा कर बिल्डर के रूप में निबंधित करते हुए नक्शा जमा करने को कहा था, जो अधिवक्ता अधिनियम के विरुद्ध था. रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने सड़क चौड़ीकरण के लिए निबंधित गिफ्ट डीड जमा करने, नाली निर्माण के लिए 160075 रुपया जमा करने सहित अन्य शर्त पूरा करने के बाद ही नक्शा स्वीकृति करने की बात कही थी.
बता दें कि पूर्व की सुनवाई में खंडपीठ ने इसे संविधान के नियम विरुद्ध बताते हुए राज्य सरकार एवं नगर आयुक्त (Ranchi Municipal Corporation commissioner)को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था. लेकिन नगर आयुक्त ने कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया था.