रांची: कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन में राजधानी रांची से डीसी की ओर से दूसरे जिले में मजदूर को भेजने के मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दिए गए जवाब पर झारखंड हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताई है.
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि रांची डीसी की ओर से दिए गए जवाब को राज्य सरकार अपने जवाब में क्यों नहीं बताया है? उन्होंने फिर से विस्तृत जवाब 12 मई तक पेश करने का आदेश दिया. अदालत ने पूछा कि लाॅकडाउन में भेजे गए मजदूर कहां भेजे गए? यह कहां हैं? इस पर सरकार स्पष्ट जवाब दें.
हाई कोर्ट ने जताई असंतुष्टि
रांची में लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई पूरी किए. वही केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल राजीव सिन्हा, महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और अन्य ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान अदालत में सरकार की ओर से पेश किए गए रिपोर्ट पर अदालत ने असंतुष्टि जाहिर की. उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि इसमें कई बिंदु पर अस्पष्ट जवाब क्यों हैं? उन्होंने पूछा कि लॉकडाउन उल्लंघन कर रांची से जो डीसी के आदेश पर मजदूरों को भेजा गया वह मजदूर अभी कहां है? उसकी जांच हुई या नहीं? वह कहां कहां गए? इस पर स्पष्ट जवाब क्यों नहीं है? उन्होंने पूछा कि रांची डीसी की ओर से जो जवाब दिया गया है. वह जवाब सरकार को अपने जवाब में देना चाहिए उसे क्यों नहीं लगाया है. अदालत ने राज्य सरकार को तमाम बिंदुओं पर राज्य सरकार को फिर से 12 मई तक विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
बता दें, कि लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई चल रही है. पहले भी झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में जवाब पेश किया गया. उसी जवाब पर हाई कोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए फिर से जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.