रांची: सिल्ली-बंता, टिकर-रंगामाटी रोड बनाने में किए गए जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सरायकेला खरसावां डीसी को मामले का नियम पूर्वक निष्पादन करने का निर्देश दिया है. वहीं प्रार्थी को डीसी के पास आवेदन देने का नर्देश दिया है. इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने बताया कि उनकी रैयती जमीन सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अधिग्रहित कर ली गई है, लेकिन उन्हें मुआवजे की राशि नहीं दी गई. इसलिए उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि उन्हें मुआवजे की राशि देने का आदेश जारी कर दिया जाए. इस पर अदालत ने सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी. जिस पर सरकारी अधिवक्ता ने अनभिज्ञता (Ignorance) जाहिर की.
सिल्ली रोड भूमि अधिग्रहण मामले (Silli Road Land Acquisition Cases) में बीरेंद्र नाथ प्रमाणिक, भीम प्रमाणिक, अर्जुन प्रमाणिक, खगेंद्र नाथ नापित, क्षितिश नापित, अघनू राम गोप, इंद्र नाथ गोप, अब्दुल गफ्फार और अजीत गोप की ओर से याचिका दायर की गई थी. वहीं इचागढ़ के अंचल अधिकारी, झारखंड सरकार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख, एमएसवी ग्रुप ऑफ कंपनीज समेत आठ लोगों की पार्टी बनाया गया था.