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झारखंड हाई कोर्ट ने नगर विकास विभाग से पूछा, मास्टर प्लान में परेशानी हो तो कहां होगा निवारण

नक्शा विचलन मामले में दायर नक्शा स्वीकृति से संबंधित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. जिसमें नगर विकास विभाग(Urban Development Department) की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया. अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

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Published : Sep 9, 2022, 9:39 AM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट में डॉ. राजेश कुमार के नक्शा विचलन मामले में दायर नक्शा स्वीकृति से संबंधित राधिका शाहदेव एवं लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई(hearing in jharkhand high court) हुई. न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में यह सुनवाई हुई है. मामले में कोर्ट के आदेश के आलोक में नगर विकास विभाग के टाउन प्लानर गजेंद्र राम सशरीर उपस्थित हुए.

नगर विकास विभाग की ओर से उनके द्वारा शपथ पत्र दाखिल किया गया. कोर्ट को बताया गया कि विभाग के निर्देशानुसार उन्होंने शपथ पत्र दाखिल किया है. कोर्ट ने टाउन प्लानर से पूछा कि मास्टर प्लान 2037 में अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी या शिकायत आती है तो वह इसके निवारण के लिए कहां जायेगा. उसकी समस्या दूर करने की क्या व्यवस्था है? कोर्ट ने मामले में नगर विकास विभाग को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

बता दें कि मामले में हस्तक्षेपकर्ता की ओर से कहा गया था कि रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव के लिए 75000 रुपया जमा कर बिल्डर के रूप में निबंधित करते हुए नक्शा जमा करने को कहा था, जो अधिवक्ता अधिनियम के विरुद्ध था. रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने सड़क चौड़ीकरण के लिए निबंधित गिफ्ट डीड जमा करने, नाली निर्माण के लिए 160075 रुपया जमा करने सहित अन्य शर्त पूरा करने के बाद ही नक्शा स्वीकृति करने की बात कही थी.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट में डॉ. राजेश कुमार के नक्शा विचलन मामले में दायर नक्शा स्वीकृति से संबंधित राधिका शाहदेव एवं लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई(hearing in jharkhand high court) हुई. न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में यह सुनवाई हुई है. मामले में कोर्ट के आदेश के आलोक में नगर विकास विभाग के टाउन प्लानर गजेंद्र राम सशरीर उपस्थित हुए.

नगर विकास विभाग की ओर से उनके द्वारा शपथ पत्र दाखिल किया गया. कोर्ट को बताया गया कि विभाग के निर्देशानुसार उन्होंने शपथ पत्र दाखिल किया है. कोर्ट ने टाउन प्लानर से पूछा कि मास्टर प्लान 2037 में अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी या शिकायत आती है तो वह इसके निवारण के लिए कहां जायेगा. उसकी समस्या दूर करने की क्या व्यवस्था है? कोर्ट ने मामले में नगर विकास विभाग को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

बता दें कि मामले में हस्तक्षेपकर्ता की ओर से कहा गया था कि रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने लाल चिंतामणि नाथ शाहदेव के लिए 75000 रुपया जमा कर बिल्डर के रूप में निबंधित करते हुए नक्शा जमा करने को कहा था, जो अधिवक्ता अधिनियम के विरुद्ध था. रांची क्षेत्रीय प्राधिकार ने सड़क चौड़ीकरण के लिए निबंधित गिफ्ट डीड जमा करने, नाली निर्माण के लिए 160075 रुपया जमा करने सहित अन्य शर्त पूरा करने के बाद ही नक्शा स्वीकृति करने की बात कही थी.

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