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बाल मजदूरी मामले में सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट नाराज, पूछा क्यों नहीं की समय से कार्रवाई बताएं

गढ़वा के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उनके पुनर्वास करने की मांग के मामले की झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब से नाराज कोर्ट ने पूछा क्यों नहीं की समय से कार्रवाई ये बताएं.

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Published : Sep 7, 2021, 9:17 PM IST

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झारखंड हाई कोर्ट

रांचीः गढ़वा जिला के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उनके पुनर्वास करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के जवाब को देखने के बाद कड़ी नाराजगी व्यक्त की और पूछा की समय रहते मामले पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

इसे भी पढ़ें- बाल मजदूरी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट गंभीर, सरकार को दिया ये निर्देश

इस मामले में अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा कि जब जनवरी में आवेदन दिया गया, बच्चे को छुड़ाने के लिए तो समय से क्यों नहीं कार्रवाई की गई, क्या हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा अदालत ने बाल श्रम से मुक्त किए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए क्या किया गया है, इस पर विस्तृत अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने गढ़वा के बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता


झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार की ओर से अदालत में जवाब दायर कर कहा गया कि 47 में से अधिकांश बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर लिया गया है, जिसमें अधिकांश जगह बाल मजदूरी की बात सामने नहीं आई है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जब इनके पास आवेदन दिया गया तो इन्होंने कार्रवाई समय से नहीं की. अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.

रांचीः गढ़वा जिला के 47 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करने और उनके पुनर्वास करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के जवाब को देखने के बाद कड़ी नाराजगी व्यक्त की और पूछा की समय रहते मामले पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

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इस मामले में अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा कि जब जनवरी में आवेदन दिया गया, बच्चे को छुड़ाने के लिए तो समय से क्यों नहीं कार्रवाई की गई, क्या हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा अदालत ने बाल श्रम से मुक्त किए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए क्या किया गया है, इस पर विस्तृत अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने गढ़वा के बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई.

जानकारी देते अधिवक्ता


झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार की ओर से अदालत में जवाब दायर कर कहा गया कि 47 में से अधिकांश बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर लिया गया है, जिसमें अधिकांश जगह बाल मजदूरी की बात सामने नहीं आई है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि जब इनके पास आवेदन दिया गया तो इन्होंने कार्रवाई समय से नहीं की. अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.

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