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अधिकारियों की कार्य प्रणाली से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, गृह सचिव को किया तलब

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Published : Oct 14, 2022, 4:52 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति मामले की सुनवाई हुई. सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र देख अदालत ने अधिकारियों की कार्य प्रणाली से नाराज (Angry with Functioning of Officers) होकर गृह सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.

Jharkhand High Court
अधिकारियों की कार्य प्रणाली से झारखंड हाई कोर्ट नाराज

रांचीः झारखंड फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति मामले की सुनवाई पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई. राज्य सरकार द्वारा दायर जवाब को देख अदालत ने अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी (Angry with Functioning of Officers) जताई और गृह सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होकर मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand High Court: राज्य गृह सचिव हुए हाजिर, अदालत ने लिखित में मांग जवाब

अदालत ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन से भी कहा है कि सरकार द्वारा नियुक्ति से संबंधित अधियाचना भेजी गई है. उसपर इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराये. इस मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में चतुर्थवर्गीय पदों के लिए जेएसएससी को अधियाचना भेज दी गई है. आउटसोर्सिंग पर लिए गए कर्मियों को रेगुलराइज करने के लिए बैठक की जा रही है. इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. अपने मौखिक टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट एफएसएल में नियुक्ति के संदर्भ में मॉनिटरिंग कर रहा है तो कोर्ट से बिना पूछे कैसे इस संबंध में बैठक की जा रही है.

पहले हुई सुनवाई में अदालत ने सरकार से पूछा था कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं. इसके साथ ही रिक्त पदों की संख्या और काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या कितनी है. इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से मांगी थी. सरकार की ओर से पहले बताया गया था कि रिक्त पदों पर जेपीएससी और जेएसएससी की ओर से जो अनुशंसा की गई थी, उसकी नियुक्ति हो गई है. इसके बाद कोर्ट ने अन्य पदों के बारे में जानकारी मांगी थी. जेएसएससी की ओर से संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार, राकेश रंजन ने पैरवी की.

रांचीः झारखंड फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति मामले की सुनवाई पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई. राज्य सरकार द्वारा दायर जवाब को देख अदालत ने अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी (Angry with Functioning of Officers) जताई और गृह सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होकर मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

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अदालत ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन से भी कहा है कि सरकार द्वारा नियुक्ति से संबंधित अधियाचना भेजी गई है. उसपर इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराये. इस मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में चतुर्थवर्गीय पदों के लिए जेएसएससी को अधियाचना भेज दी गई है. आउटसोर्सिंग पर लिए गए कर्मियों को रेगुलराइज करने के लिए बैठक की जा रही है. इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. अपने मौखिक टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट एफएसएल में नियुक्ति के संदर्भ में मॉनिटरिंग कर रहा है तो कोर्ट से बिना पूछे कैसे इस संबंध में बैठक की जा रही है.

पहले हुई सुनवाई में अदालत ने सरकार से पूछा था कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं. इसके साथ ही रिक्त पदों की संख्या और काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या कितनी है. इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से मांगी थी. सरकार की ओर से पहले बताया गया था कि रिक्त पदों पर जेपीएससी और जेएसएससी की ओर से जो अनुशंसा की गई थी, उसकी नियुक्ति हो गई है. इसके बाद कोर्ट ने अन्य पदों के बारे में जानकारी मांगी थी. जेएसएससी की ओर से संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार, राकेश रंजन ने पैरवी की.

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