ETV Bharat / city

जमशेदपुर एमजीएम की लचर व्यवस्था पर हाई कोर्ट नाराज, स्वास्थ्य सचिव और अस्पताल अधीक्षक को फटकार

झारखंड हाई कोर्ट जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल की लचर व्यवस्था से नाराज है. इसको लेकर हाई कोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को तलब किया और अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने का आदेश दिया.

Jharkhand High Court angry over poor system of Jamshedpur MGM Hospital
Jharkhand High Court angry over poor system of Jamshedpur MGM Hospital
author img

By

Published : Sep 2, 2021, 9:46 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 10:35 PM IST

रांचीः जमशेदपुर में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (MGM) में फरवरी 2021 में एक जली हुई महिला की इलाज में लापरवाही के कारण मौत हो गई थी. झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था. उसी मामले में झालसा को मामले की जांच कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था. अदालत के आदेश पर झालसा की ओर से रिपोर्ट पेश की गई.

इसे भी पढ़ें- एमजीएम में इलाज के दौरान महिला की मौत, हाई कोर्ट के संज्ञान पर झालसा की टीम ने की जांच

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान झालसा की ओर से बताया गया कि जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज की स्थिति काफी भयावह है. मेडिकल कॉलेज में जो जले हुए लोगों के लिए वार्ड बनाया गया है, उसमें किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है. इतना ही नहीं वहां के आईसीयू की भी व्यवस्था सही ढंग से नहीं की गई है और तो और मेडिकल कॉलेज के शौचालय में दरवाजा तक उपलब्ध नहीं है. ये कहा जाए कि पूरी तरह से मेडिकल कॉलेज में इलाज की व्यवस्था ही नहीं है.

झालसा की रिपोर्ट को देखने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. आनन-फानन में सरकार के अधिवक्ता को स्वास्थ्य सचिव और एमजीएम कॉलेज के अधिकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया. अदालत के आदेश पर महज एक घंटे के अंदर सभी अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए.

अदालत ने विभाग के सचिव और कॉलेज के अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था इनती लचर है, आप लोग इस पर थोड़ा सा भी गंभीर नहीं है, व्यवस्था क्यों नहीं ठीक किया जा रहा है, ऐसी क्या कठिनाई है. इसको लेकर विभाग के सचिव को चार सप्ताह के अंदर राज्य के सभी अस्पतालों में जले हुए मरीजों के इलाज की व्यवस्था पर विस्तृत बिंदुवार और अद्यतन रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

इसे भी पढ़ें- मां और नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में किया बवाल, डॉक्टरों पर लापरवाही का लगाया आरोप


कोर्ट ने किस मामले में लिया स्वतः संज्ञान

फरवरी 2021 में जमशेदपुर में एक महिला को जला दिया गया था. काफी जलने के बाद उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां समुचित इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. उसी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. इसी याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

रांचीः जमशेदपुर में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (MGM) में फरवरी 2021 में एक जली हुई महिला की इलाज में लापरवाही के कारण मौत हो गई थी. झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था. उसी मामले में झालसा को मामले की जांच कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था. अदालत के आदेश पर झालसा की ओर से रिपोर्ट पेश की गई.

इसे भी पढ़ें- एमजीएम में इलाज के दौरान महिला की मौत, हाई कोर्ट के संज्ञान पर झालसा की टीम ने की जांच

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान झालसा की ओर से बताया गया कि जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज की स्थिति काफी भयावह है. मेडिकल कॉलेज में जो जले हुए लोगों के लिए वार्ड बनाया गया है, उसमें किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है. इतना ही नहीं वहां के आईसीयू की भी व्यवस्था सही ढंग से नहीं की गई है और तो और मेडिकल कॉलेज के शौचालय में दरवाजा तक उपलब्ध नहीं है. ये कहा जाए कि पूरी तरह से मेडिकल कॉलेज में इलाज की व्यवस्था ही नहीं है.

झालसा की रिपोर्ट को देखने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. आनन-फानन में सरकार के अधिवक्ता को स्वास्थ्य सचिव और एमजीएम कॉलेज के अधिकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया. अदालत के आदेश पर महज एक घंटे के अंदर सभी अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए.

अदालत ने विभाग के सचिव और कॉलेज के अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था इनती लचर है, आप लोग इस पर थोड़ा सा भी गंभीर नहीं है, व्यवस्था क्यों नहीं ठीक किया जा रहा है, ऐसी क्या कठिनाई है. इसको लेकर विभाग के सचिव को चार सप्ताह के अंदर राज्य के सभी अस्पतालों में जले हुए मरीजों के इलाज की व्यवस्था पर विस्तृत बिंदुवार और अद्यतन रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

इसे भी पढ़ें- मां और नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में किया बवाल, डॉक्टरों पर लापरवाही का लगाया आरोप


कोर्ट ने किस मामले में लिया स्वतः संज्ञान

फरवरी 2021 में जमशेदपुर में एक महिला को जला दिया गया था. काफी जलने के बाद उसे एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां समुचित इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. उसी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. इसी याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

Last Updated : Sep 2, 2021, 10:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.