रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के चौथे फेज के बाद सोमवार से शुरू हुए अनलॉक वन के दौरान मंदिरों के दरवाजे नहीं खोले जाएंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत स्पष्ट किया है कि जब तक लॉकडाउन पूरी तरह से समाप्त नहीं होगा तब तक मंदिर और धार्मिक स्थलों के दरवाजे नहीं खोले जाएंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही राज्य सरकार ने अनलॉक वन के दौरान कुछ रियायत दी हैं. लेकिन संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने पर उन पर पुनर्विचार किया जा सकता है.
बढ़े संक्रमण के मामले तो रियायत वापस ले सकती है सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला समय तय करेगा कि ये रियायतें कंटिन्यू रहेंगी या नहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपराधियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और राज्य सरकार के जिम्मे सारी चीजें डाल दी गई हैं. उन्होंने कहा कि लंबे समय से बंद की वजह से लोग दबाव में आ गए थे. इसे ध्यान में रखते हुए कुछ ढील दी गई हैं. इसी वजह से जो बेस्ट प्रैक्टिसेज हैं उन्हें ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर संक्रमण में उतार-चढ़ाव होगा तो सरकार के नियम निर्णय में भी परिवर्तन किया जाएगा.
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द्वेष से नहीं हो रही कोई कार्रवाई
वहीं, धनबाद के मेयर के ऊपर लगे आरोपों और जल संसाधन विभाग के निविदाओं की जांच संबंधी दिए गए आदेशों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बदले की भावना से कोई काम नहीं करती है. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह पारदर्शिता के साथ काम कर रही है. इसके पीछे कोई द्वेष भावना या राजनीति नहीं है. इस कड़ी में जो भी गलत हुआ होगा उस पर कार्रवाई होगी और जो सही होगा उसे सराहा जाएगा.