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हेमंत सरकार की पहल, झारखंड से बिहार भेजे गए मजदूर

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Published : May 4, 2020, 12:58 PM IST

झारखंड से आए दंडाधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार हम लोग इन प्रवासी मजदूरों को बिहार पटना के कंट्रोल रूम में छोड़ने आए हैं और फिर यहां से झारखंड के लोगों को लेकर चले जाएंगे.

jharkhand government sent migrant laborers home
झारखंड से बिहार गए मजदूर

पटनाः कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है. अब लॉक डाउन को 3 मई से 17 मई तक बढ़ा दिया गया है और सरकार अब कई तहत की सुविधा भी दूसरे जगह फंसे लोगों के लिए कर रही है. लेकिन फिर भी लोगों का दूसरे राज्यों से पलायन बंद नहीं हुआ है.

देखिए पूरी खबर

लोग हरियाणा, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, उड़ीसा, झारखण्ड जैसे शहरों से पैदल चलकर अपने-अपने घर प्रस्थान कर रहे हैं. पैदल ही नहीं लोग साइकिल से भी कई राज्यों से अपने-अपने घर पहुंचने में लगे हुए हैं. सरकार के लाख इंजमाम करने के बावजूद भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं. इसी दौरान सोमवार को झारखंड सरकार ने पहल करते हुए झारखंड से 57 मजदूरों को बिहार भेजने का काम किया है.

17 मई तक बढ़ी है लॉक डाउन की अवधि
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार ने पहल करना शुरू कर दिया है और एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को भेजने का काम चल रहा है. उसी कड़ी में झारखंड में मजदूरी कर रहे बिहार के 57 लोगों को झारखंड सरकार ने बस के माध्यम से उन्हें पटना कंट्रोल रूम भेज दिया. जहां से बिहार सरकार लिस्ट बनाकर उन लोगों को अपने-अपने घर तक छोड़ने का काम करेगी.

झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भेजा घर
बता दें कि लॉक डाउन में भारत के कई हिस्सों से लोग पैदल और साइकिल चलाकर बिहार पहुंचे और लोग अपने-अपने घर कई दिनों तक पैदल चलकर पहुंचे है. वहीं, झारखंड से भी 57 मजदूर पैदल यात्रा करके अपने-अपने घर जा रहे थे. तभी झारखण्ड प्रशासन ने उन्हें रास्ते में रोका, फिर उन्हें क्वॉरेन्टाइन सेंटर में 20 दिन रखने के बाद बस से उन्हें पटना भेज दिया.

साइकिल से बिहार पहुंचे मजदूर
झारखंड से आए दंडाधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार हम लोग इन प्रवासी मजदूरों को बिहार पटना के कंट्रोल रूम में छोड़ने आए हैं और फिर यहां से झारखंड के लोगों को लेकर चले जाएंगे.

प्रवासी मजदूर को बस से भेजा गया घर
वहीं, प्रवासी मजदूर राहुल ने बताया कि हम लोग पैदल ही वहां से अपने घर के लिए आ रहे थे. तभी गिरिडीह में ही हम लोगों को प्रशासन के द्वारा रोक लिया गया और वहां 20 दिन क्वॉरेन्टाइन सेंटर में रखा गया और फिर हम लोग को वहां से सर्टिफिकेट देकर बस से पटना भेज दिया गया है. अब यहां से हम लोगों को अपने-अपने घर भेज दिया जाएगा.

पटनाः कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी गई है. अब लॉक डाउन को 3 मई से 17 मई तक बढ़ा दिया गया है और सरकार अब कई तहत की सुविधा भी दूसरे जगह फंसे लोगों के लिए कर रही है. लेकिन फिर भी लोगों का दूसरे राज्यों से पलायन बंद नहीं हुआ है.

देखिए पूरी खबर

लोग हरियाणा, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, उड़ीसा, झारखण्ड जैसे शहरों से पैदल चलकर अपने-अपने घर प्रस्थान कर रहे हैं. पैदल ही नहीं लोग साइकिल से भी कई राज्यों से अपने-अपने घर पहुंचने में लगे हुए हैं. सरकार के लाख इंजमाम करने के बावजूद भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं. इसी दौरान सोमवार को झारखंड सरकार ने पहल करते हुए झारखंड से 57 मजदूरों को बिहार भेजने का काम किया है.

17 मई तक बढ़ी है लॉक डाउन की अवधि
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार ने पहल करना शुरू कर दिया है और एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को भेजने का काम चल रहा है. उसी कड़ी में झारखंड में मजदूरी कर रहे बिहार के 57 लोगों को झारखंड सरकार ने बस के माध्यम से उन्हें पटना कंट्रोल रूम भेज दिया. जहां से बिहार सरकार लिस्ट बनाकर उन लोगों को अपने-अपने घर तक छोड़ने का काम करेगी.

झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भेजा घर
बता दें कि लॉक डाउन में भारत के कई हिस्सों से लोग पैदल और साइकिल चलाकर बिहार पहुंचे और लोग अपने-अपने घर कई दिनों तक पैदल चलकर पहुंचे है. वहीं, झारखंड से भी 57 मजदूर पैदल यात्रा करके अपने-अपने घर जा रहे थे. तभी झारखण्ड प्रशासन ने उन्हें रास्ते में रोका, फिर उन्हें क्वॉरेन्टाइन सेंटर में 20 दिन रखने के बाद बस से उन्हें पटना भेज दिया.

साइकिल से बिहार पहुंचे मजदूर
झारखंड से आए दंडाधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार हम लोग इन प्रवासी मजदूरों को बिहार पटना के कंट्रोल रूम में छोड़ने आए हैं और फिर यहां से झारखंड के लोगों को लेकर चले जाएंगे.

प्रवासी मजदूर को बस से भेजा गया घर
वहीं, प्रवासी मजदूर राहुल ने बताया कि हम लोग पैदल ही वहां से अपने घर के लिए आ रहे थे. तभी गिरिडीह में ही हम लोगों को प्रशासन के द्वारा रोक लिया गया और वहां 20 दिन क्वॉरेन्टाइन सेंटर में रखा गया और फिर हम लोग को वहां से सर्टिफिकेट देकर बस से पटना भेज दिया गया है. अब यहां से हम लोगों को अपने-अपने घर भेज दिया जाएगा.

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