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सुप्रीम कोर्टः शेल कंपनी से जुड़े मामले में झारखंड सरकार की याचिका पर होगी सुनवाई

सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई हेमंत सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

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Published : Jun 17, 2022, 8:22 AM IST

नई दिल्लीः शेल कंपनी से जुड़े मामले में झाखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हेमंत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. जिस पर आज सुनवाई होगी. यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. राज्य सरकार की ओर से शेल कंपनी से जुड़े मामले में झारखंड हाई कोर्ट के तीन जून को दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है.

बता दें कि 14 जून झारखंड सरकार ने याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई तत्काल करने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने मामले के बारे में रजिस्ट्रार को बताने के लिए कहा था. जिसके बाद याचिका पर आज सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि झारखंड उच्च न्यायालय ने खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं और परिजन एवं सहयोगियों की कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिए लेनदेन के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य बताया है. झारखंड उच्च न्यायालय ने गत तीन जून को कहा था कि उनकी राय है कि रिट याचिकाएं सुनवाई योग्य हैं और उनकी सुनवाई गुण-दोष के आधार पर की जाएगी. बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने तीन जून को सुनाए आदेश में कहा था कि तमात दलीलें सुनने के बाद रिट याचिकाओं को केवल उनकी विचारणीयता के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने 24 मई को इस बिंदु पर पहले उच्च न्यायालय को अपना फैसला देने को कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं. मामले में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. पहली याचिका में मुख्यमंत्री के नाम पर खनन लाइसेंस आवंटित किए जाने को लेकर, जबकि दूसरे में सोरेन एवं उनके निकट संबंधियों द्वारा धनशोधन के लिए मुखौटा कंपनियों के संचालन के आरोप लगाए गए हैं. जनहित याचिका में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये गए हैं. हेमंत सोरेन ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया है.

नई दिल्लीः शेल कंपनी से जुड़े मामले में झाखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हेमंत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. जिस पर आज सुनवाई होगी. यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. राज्य सरकार की ओर से शेल कंपनी से जुड़े मामले में झारखंड हाई कोर्ट के तीन जून को दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है.

बता दें कि 14 जून झारखंड सरकार ने याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई तत्काल करने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने मामले के बारे में रजिस्ट्रार को बताने के लिए कहा था. जिसके बाद याचिका पर आज सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि झारखंड उच्च न्यायालय ने खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं और परिजन एवं सहयोगियों की कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिए लेनदेन के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य बताया है. झारखंड उच्च न्यायालय ने गत तीन जून को कहा था कि उनकी राय है कि रिट याचिकाएं सुनवाई योग्य हैं और उनकी सुनवाई गुण-दोष के आधार पर की जाएगी. बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने तीन जून को सुनाए आदेश में कहा था कि तमात दलीलें सुनने के बाद रिट याचिकाओं को केवल उनकी विचारणीयता के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने 24 मई को इस बिंदु पर पहले उच्च न्यायालय को अपना फैसला देने को कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं. मामले में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. पहली याचिका में मुख्यमंत्री के नाम पर खनन लाइसेंस आवंटित किए जाने को लेकर, जबकि दूसरे में सोरेन एवं उनके निकट संबंधियों द्वारा धनशोधन के लिए मुखौटा कंपनियों के संचालन के आरोप लगाए गए हैं. जनहित याचिका में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये गए हैं. हेमंत सोरेन ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया है.

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