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DVC ने काटा राज्य सरकार का बकाया पैसा, जेएमएम ने केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

दामोदर वैली कॉरपोरेशन और झारखंड सरकार में बिजली को लेकर विवाद बना हुआ. इसको लेकर राज्य सरकार लगातार केंद्र पर निशाना साध रही है. इस बार डीवीसी की ओर से राज्य सरकार के खाते से बकाया काट लेने पर तगड़ी आपत्ति जेएमएम की ओर से जताई गई है.

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विनोद पांडे
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Published : Aug 31, 2021, 7:54 PM IST

रांची: झारखंड में हेमंत सरकार के गठन के बाद डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) और राज्य सरकार के बीच बिजली का विवाद लगातार देखा जा रहा है. डीवीसी के करोड़ों रुपए बकाए होने की वजह से केंद्र सरकार राज्य सरकार के खाते से पैसे काट रही है. जिसको लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि इस तरह से बिना बताए राज्य सरकार के खाते से पैसे काटना केंद्र सरकार के गलत रवैए को दर्शाता है.

इसे भी पढ़ें- DVC की बकाया राशि को लेकर सौतेला व्यवहार कर रही है केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट जाने की हो रही है तैयारी:कांग्रेस


इसी मुद्दे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता विनोद पांडे ने मंगलवार को रांची में पत्रकारों से बात की. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार की ओर से डीवीसी की बकाया राशि को जबरदस्ती राज्य सरकार के खाते से काटा जाता है, वो कहीं ना कहीं केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है.

जानकारी देते जेएमएम प्रवक्ता विनोद पांडे


उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना की वजह से सभी राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब है और झारखंड भी उसी में शामिल है, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार झारखंड की सरकार की मजबूरी को समझने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि डीवीसी के बकाया राशि को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व्यक्तिगत तौर पर कई केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके हैं और बकाया राशि को देने के लिए प्रतिमाह सवा सौ करोड़ रुपए किश्त भरने की बात भी कही है.

इसे भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिया झटका, खाते से डीवीसी का 714 करोड़ रुपये बकाया काटा

इसके बाद भी केंद्र सरकार सभी वार्ता को नजरअंदाज कर राज्य सरकार के खाते से जबरदस्ती पैसा काटने रही है. अगर केंद्र सरकार हमारी मजबूरी को नहीं समझेगी तो आने वाले समय में हम अपने राज्य के कर्मचारी को वेतन देने तक में असमर्थ हो जाएंगे. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार अपना बकाया राशि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य सरकार के खाते से काट लेती है. लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार के जीएसटी और अन्य टैक्स के पैसे केंद्र सरकार देने में पीछे हट रही है जो कि दर्शाता है कि केंद्र सरकार झारखंड के लोगों के साथ गलत एवं सौतेले व्यवहार कर रही है.

रांची: झारखंड में हेमंत सरकार के गठन के बाद डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) और राज्य सरकार के बीच बिजली का विवाद लगातार देखा जा रहा है. डीवीसी के करोड़ों रुपए बकाए होने की वजह से केंद्र सरकार राज्य सरकार के खाते से पैसे काट रही है. जिसको लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि इस तरह से बिना बताए राज्य सरकार के खाते से पैसे काटना केंद्र सरकार के गलत रवैए को दर्शाता है.

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इसी मुद्दे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता विनोद पांडे ने मंगलवार को रांची में पत्रकारों से बात की. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार की ओर से डीवीसी की बकाया राशि को जबरदस्ती राज्य सरकार के खाते से काटा जाता है, वो कहीं ना कहीं केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है.

जानकारी देते जेएमएम प्रवक्ता विनोद पांडे


उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना की वजह से सभी राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब है और झारखंड भी उसी में शामिल है, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार झारखंड की सरकार की मजबूरी को समझने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि डीवीसी के बकाया राशि को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व्यक्तिगत तौर पर कई केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके हैं और बकाया राशि को देने के लिए प्रतिमाह सवा सौ करोड़ रुपए किश्त भरने की बात भी कही है.

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इसके बाद भी केंद्र सरकार सभी वार्ता को नजरअंदाज कर राज्य सरकार के खाते से जबरदस्ती पैसा काटने रही है. अगर केंद्र सरकार हमारी मजबूरी को नहीं समझेगी तो आने वाले समय में हम अपने राज्य के कर्मचारी को वेतन देने तक में असमर्थ हो जाएंगे. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार अपना बकाया राशि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य सरकार के खाते से काट लेती है. लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार के जीएसटी और अन्य टैक्स के पैसे केंद्र सरकार देने में पीछे हट रही है जो कि दर्शाता है कि केंद्र सरकार झारखंड के लोगों के साथ गलत एवं सौतेले व्यवहार कर रही है.

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