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शराब नीतिः झारखंड हाई कोर्ट की डबल बेंच में होगी सुनवाई, नई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका दायर

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Published : Jun 29, 2021, 10:35 PM IST

झारखंड सरकार की शराब नीति (Jharkhand Government liquor policy) को लेकर सुनवाई अब झारखंड हाई कोर्ट की डबल बेंच में होगी. सरकार की ओर से थोक शराब बिक्री (Wholesale Wine Sales) को लेकर बनाई गई नई नियमावली को निरस्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

Jharkhand Government liquor policy will be heard in double bench of High Court
Jharkhand Government liquor policy will be heard in double bench of High Court

रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की ओर से थोक शराब बिक्री को लेकर बनाई गई नई नियमावली को निरस्त करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि पूर्व से बनाई गई नियमावली को बिना हटाए दूसरी नियमावली कैसे बनाई जा सकती है. ऐसा नियम के अनुरूप नहीं है, ऐसी नियमावली को कैसे संविधान संवत माना जाएगा, इसलिए इस नियम को रद्द करने की मांग की गई है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand High Court: शराब की थोक बिक्री लाइसेंस के लिए निकाले गए विज्ञापन पर रोक लगाने से इनकार, 26 जुलाई को अगली सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट में दायर इस याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट की डबल बेंच में होगी. देखना अहम होगा कि झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से क्या जवाब दिया जाता है और दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत का क्या फैसला आता है.

जानकारी देते अधिवक्ता

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि याचिका के माध्यम से उन्होंने अदालत को जानकारी दी है कि सरकार की ओर से थोक शराब बिक्री को लेकर बनाई गई नई नियमावली नियमों के अनुकूल नहीं है, इसलिए इस नियमावली को झारखंड हाई कोर्ट मेंं चुनौती दी गई है. यह याचिका झारखंड रिटेल लिकर वेंडर एसोसिएशन (Jharkhand Retail Liquor Vendor Association) के अध्यक्ष अचिंत्य साव की ओर से दाखिल की गई है.

नियमसंगत नहीं है नई नियमावली

जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से थोक शराब बिक्री के लिए बनाई गई नई नियमावली नियम संगत नहीं है. इसमें कानूनी प्रविधानों का पालन नहीं किया गया है. एक्साइज एक्ट-1915 (Excise Act-1915) की धारा 89 के तहत बनने वाली नई नियमावली से पहले उस पर आपत्ति मांगा जाना अनिवार्य है. आपत्ति को समाहित करते हुए उसे कैबिनेट भेजा जाता है. वहां से सहमति मिलने पर नियमावली की अधिसूचना जारी की जाती है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में शराब पर सरकार का बड़ा फैसला, अब निजी कंपनियां भी बेच सकेंगी

लेकिन सरकार ने आपत्ति मंगाने की प्रक्रिया का पालन नहीं है. याचिका में यह भी कहा गया है कि एक्साइज एक्ट-1915 (Excise Act-1915) की धारा 89 के तहत पहले ही एक नियमावली बनी है. ऐसे में जब तक उस नियमावली को हटाया नहीं जाता है, तब तक नई नियमावली नहीं बनाई जा सकती है. अदालत से नई नियमावली को निरस्त करने की मांग की गई है.

इसे भी पढ़ें- शराब कारोबार पर सिंडिकेट का राज! लाइसेंस फी ज्यादा होने से स्थानीय व्यवसायी परेशान

क्या है नई नियमावली में

शराब को लेकर झारखंड सरकार की नई नियमावली के अनुसार, राज्य के 24 जिलों में करीब 30 शराब व्यापारियों को थोक शराब बिक्री का लाइसेंस देने की तैयारी में है. 25 लाख नन रिफंडेबल आवेदन शुल्क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 5 साल का एकमुश्त लाइसेंस फीस के साथ-साथ 50 लाख रुपये जमानत राशि भी देनी होगी.

रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की ओर से थोक शराब बिक्री को लेकर बनाई गई नई नियमावली को निरस्त करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि पूर्व से बनाई गई नियमावली को बिना हटाए दूसरी नियमावली कैसे बनाई जा सकती है. ऐसा नियम के अनुरूप नहीं है, ऐसी नियमावली को कैसे संविधान संवत माना जाएगा, इसलिए इस नियम को रद्द करने की मांग की गई है.

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झारखंड हाई कोर्ट में दायर इस याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट की डबल बेंच में होगी. देखना अहम होगा कि झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से क्या जवाब दिया जाता है और दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत का क्या फैसला आता है.

जानकारी देते अधिवक्ता

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि याचिका के माध्यम से उन्होंने अदालत को जानकारी दी है कि सरकार की ओर से थोक शराब बिक्री को लेकर बनाई गई नई नियमावली नियमों के अनुकूल नहीं है, इसलिए इस नियमावली को झारखंड हाई कोर्ट मेंं चुनौती दी गई है. यह याचिका झारखंड रिटेल लिकर वेंडर एसोसिएशन (Jharkhand Retail Liquor Vendor Association) के अध्यक्ष अचिंत्य साव की ओर से दाखिल की गई है.

नियमसंगत नहीं है नई नियमावली

जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से थोक शराब बिक्री के लिए बनाई गई नई नियमावली नियम संगत नहीं है. इसमें कानूनी प्रविधानों का पालन नहीं किया गया है. एक्साइज एक्ट-1915 (Excise Act-1915) की धारा 89 के तहत बनने वाली नई नियमावली से पहले उस पर आपत्ति मांगा जाना अनिवार्य है. आपत्ति को समाहित करते हुए उसे कैबिनेट भेजा जाता है. वहां से सहमति मिलने पर नियमावली की अधिसूचना जारी की जाती है.

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लेकिन सरकार ने आपत्ति मंगाने की प्रक्रिया का पालन नहीं है. याचिका में यह भी कहा गया है कि एक्साइज एक्ट-1915 (Excise Act-1915) की धारा 89 के तहत पहले ही एक नियमावली बनी है. ऐसे में जब तक उस नियमावली को हटाया नहीं जाता है, तब तक नई नियमावली नहीं बनाई जा सकती है. अदालत से नई नियमावली को निरस्त करने की मांग की गई है.

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क्या है नई नियमावली में

शराब को लेकर झारखंड सरकार की नई नियमावली के अनुसार, राज्य के 24 जिलों में करीब 30 शराब व्यापारियों को थोक शराब बिक्री का लाइसेंस देने की तैयारी में है. 25 लाख नन रिफंडेबल आवेदन शुल्क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 5 साल का एकमुश्त लाइसेंस फीस के साथ-साथ 50 लाख रुपये जमानत राशि भी देनी होगी.

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