रांची: खेलो इंडिया योजना के तहत वन स्टेट वन गेम में किसी एक खेल का संचालन एक राज्य को करना है. खेल को विकसित करने के लिए हर कदम उठाना है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से झारखंड को तीरंदाजी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दरअसल केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए खेलो इंडिया योजना के तहत वन स्टेट वन गेम में किसी एक खेल का संचालन करने की जिम्मेदारी दी है. इसके तहत राज्य, किसी एक खेल को विकसित करेंगे और उसी खेल पर फोकस करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी गेम में से उभर कर सामने लाएंगे. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने वन स्टेट वन गेम के तहत झारखंड को तीरंदाजी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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राज्य सरकार के खेल विभाग ने खेल निदेशालय को इसका संचालन करने की जिम्मेदारी दी है. निदेशालय को ही राज्य में कहीं भी सेंटर खोलने का काम दिया गया है. खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह की माने तो खेल निदेशालय ने इसके लिए दुमका स्थित तीरंदाजी सेंटर को चिन्हित किया है और इस सेंटर को खेलो इंडिया सेंटर के तर्ज पर विकसित किया जाएगा. केंद्र सरकार इस सेंटर को चलाने के लिए फंड देगी. जानकारी के मुताबिक इस सेंटर में देशभर के खिलाड़ी आकर प्रशिक्षण लेंगे और उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी इसी सेंटर परिसर में ही की जाएगी. यहां खिलाड़ियों के प्रशिक्षण देने के लिए खेल निदेशालय कोच भी नियुक्त करेगा.
झारखंड हॉकी के बाद तीरंदाजी में बेहतर
झारखंड ने हमेशा ही हॉकी और तीरंदाजी में बेहतर किया है. तीरंदाजी को लेकर झारखंड में असीम संभावनाएं तो है ही. यहां इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर है. यहां के तीरंदाजों ने अपनी प्रतिभा से पूरी दुनिया में झारखंड का नाम रोशन किया है. इसमें दीपिका कुमारी, मधुमिता कुमारी, कोमोलिका बारी जैसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल है. दुमका तीरंदाजी सेंटर को खेलो इंडिया के तहत केंद्रीय लेवल पर विकसित किया जाना है. इसके बाद यहां चयन प्रक्रिया के आधार पर चयनित खिलाड़ियों को जगह मिलेगी.