रांची: झारखंड विधानसभा की ओर से आयोजित प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 (Jharkhand First Student Parliament) का समापन हो गया. प्रतियोगिता के आधार पर राज्य के सभी जिलों से चुने गए छात्र प्रतिनिधियों ने विधानसभा में बनाए गए प्रथम छात्र संसद सभा वेश्म में यह नजीर पेश कर बताया कि विधानसभा की कार्यवाही बिना हो हंगामे के चल सकती है. जन सरोकार के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सार्थक बहस के बाद किसी एक नतीजे पर भी पहुंचा जा सकता है.
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सदन में प्रोटेम स्पीकर के द्वारा कार्यवाही शुरू होने के बाद सर्वसम्मति से लोहरदगा की डेजी लकड़ा को स्पीकर बनाया गया. उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अल्प सूचित और तारांकित प्रश्नों के माध्यम से छात्र संसद के सदस्यों ने राज्य में साइबर अपराध बढ़ने और इसके लिए कठोर कानून, झारखंड में प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने जैसे मुद्दे को सामने लाए गए. वहीं ग्रामीण विकास पथ निर्माण विभाग, उच्च तकनीकी शिक्षा, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, पेयजल और स्वच्छता जैसे जन सरोकार के मुद्दों पर विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की.
विपक्ष ने सत्ता पक्ष से पूछे सवाल
छात्र संसद में विपक्ष की भूमिका निभा रहे सदस्यों ने सत्ता पक्ष से पूछा कि राज्य में सड़कों की खस्ताहाल स्थिति क्यों है. उन्होंने सवाल किया कि राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दिए गए आवेदनों में से बड़ी संख्या में आवेदन रद्द क्यों कर दिए गए. राज्य में आवासीय कन्या विद्यालयों में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं के लिए आवास की व्यवस्था क्यों नहीं है?
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महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश
छात्र संसद की कार्यवाही के दौरान सबसे ज्वलंत मुद्दा महंगाई को लेकर विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने की कोशिश की गई. छात्र संसद में विपक्ष की भूमिका निभा रहे छात्रों ने महंगाई के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग कर कहा कि इस मुद्दे पर विशेष बहस की जरूरत है. लेकिन स्पीकर डेजी लकडा ने कहा कि सरकार के अभी डेढ़ साल हुए हैं और वह काम कर रही है. इसलिए मौका देना चाहिए. उन्होंने कार्य स्थगन प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी.
झारखंड वन संरक्षण अधिनियम 2021 संशोधनों के साथ पारित
छात्र संसद की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से झारखंड को हरा भरा बनाए रखने के लिए ज्यादा कठोर कानून झारखंड वृक्ष संरक्षण विधेयक 2021 लाया गया. जिस पर सार्थक बहस हुई और कई संशोधनों के साथ विधेयक पारित हो गया.
छात्र संसद में 50 % थी छात्राएं
यूथ फॉर ग्रीन झारखंड की मूल भावना के साथ आयोजित झारखंड छात्र संसद की विशेषता यह रही कि सदन में आधी आबादी की भागीदारी भी 50% थी और 24 में से पहले तीन स्थान पर बेटियां ही रहीं. स्पीकर की भूमिका निभाने वाली लोहरदगा की डेजी लकड़ा को प्रथम, गिरिडीह की सभ्यता भूषण यादव को दूसरा और देवघर की श्वेता सिंह को तीसरा स्थान मिला.
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छात्र-छात्राओं ने पेश की मिसाल
विधानसभा का सत्र हो हंगामे के भेंट चढ़ जाना इन दिनों आम हो गया है. ऐसे में छात्र संसद में हमारे युवाओं की ओर से प्रस्तुत किए गए उदाहरण की झलक वास्तविक विधानसभा के दौरान भी दिखेगा, यह एक बड़ा सवाल है. क्योंकि युवा छात्र-छात्राओं ने तो बता दिया है कि वह विधानसभा और लोकसभा में कैसी चर्चा चाहते हैं.