रांची: झारखंड में फंसे दूसरे राज्य के लोगों और अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों के मूवमेंट को लेकर राज्य के चीफ सेक्रेटरी सुखदेव सिंह ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. शनिवार को जारी दिशा निर्देश के अनुसार, गृह मंत्रालय लॉकडाउन को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देश के हिसाब से तय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को फॉलो किया जाना है. इसी के आधार पर फंसे हुए लोगों का मूवमेंट होगा. मुख्य सचिव के दिशा निर्देश में साफ उल्लेख है कि परिवहन विभाग के सचिव राज्य में परिवहन के नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी में होंगे. जबकि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, सहायक ट्रांसपोर्ट नोडल अधिकारी की भूमिका निभाएंगे.
एप या वेबलिंक होगा डेवलप
मुख्य सचिव ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य के नोडल ऑफिसर अमरेंद्र प्रताप सिंह के दिशा निर्देशों का पालन किया जाना है. उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों के मूवमेंट के पहले उन्हें एक वेब लिंक या फिर एप पर रजिस्टर किया जाना है. साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी होगी कि उस वेब लिंक और एप का पूरा प्रचार प्रसार करें. उसपर लोगों की पूरी डिटेल रजिस्टर्ड करानी होगी. उन्होंने कहा कि यह वेब लिंक एनआईसी की ओर से डिवेलप किया जाएगा. चूंकि इसमें थोड़ा समय लग सकता है, इसलिए एप के लिए उपलब्ध किया हुआ डाटा संबंधित जिलों के उपायुक्त फंसे हुए लोगों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
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बसों से लाए जाएंगे पड़ोसी राज्य में फंसे लोग
मुख्य सचिव ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बसों और रेल से वापस लाया जाना है. इस क्रम में पहले पड़ोसी राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से के लोग बसों से आएंगे, जबकि अन्य इलाकों से ट्रेन से मूवमेंट होगी.
ट्रेन और बस से मूवमेंट पर अपनाना होगा ये एसओपी
ट्रेन और बसों से मूवमेंट को लेकर एसओपी को फॉलो करना है. जिसमें राज्य परिवहन नोडल ऑफिसर डिसाइड करेंगे की ट्रेन कब गंतव्य तक पहुंचेगी. इंटर स्टेट मूवमेंट के दौरान लोगों को खाने और पीने की व्यवस्था ट्रेन में की जानी है. वहीं, गंतव्य स्टेशन पर स्क्रीनिंग की पर्याप्त व्यवस्था होगी. सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो होगा, साथ ही बसों को सेनेटाइज किया जाना है. आ रहे लोगों को मास्क सेनेटाइजर और भोजन बसों में दिया जाना है.
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गाइड लाइन के आधार पर तय होगा ग्रामीण इलाकों में होम क्वॉरेंटाइन
होम क्वॉरेंटाइन होने की स्थिति में ग्राम प्रधान और पंचायती व्यवस्था के प्रतिनिधि के रूप में सोशल पुलिसिंग के लिए तैनात किए जाएंगे, ताकि होम क्वॉरेंटाइन का पूरी तरह से पालन हो. जरूरत पड़ी तो और लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. अगर लौटने वालों का घर कंटेनमेंट जोन में होता है तो उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें सरकार के मॉनिटर किए जाने वाले क्वॉरेंटाइन होम में रखा जाएगा. बसों को यात्रा के पहले और उसके बाद में सेनेटाइज किया जाएगा. बसों का सारा मूवमेंट दिन में हो इसकी भी व्यवस्था की जाएगी.
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झारखंड में फंसे दूसरे राज्यों के लोगों के लिए डीसी करेंगे पास जारी
झारखंड में दूसरे राज्य के फंसे लोगों को बाहर जाने के लिए जिले के उपायुक्त अंतरराज्य मूवमेंट का पास जारी करेंगे. बशर्ते की वे कंटेनमेंट जोन में नहीं रह रहे होंगे और क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा किया होगा. झारखंड के लोग जो दूसरे राज्यों में फंसे हैं उन्हें संबंधित जिलों के डीसी से एनओसी लेकर के अपनी गाड़ी में मूवमेंट करना होगा.