रांची: खनन पट्टा अपने नाम करने को लेकर याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उस याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने इस मामले की विस्तृत बिंदुवार ताजा जानकारी अदालत में पेश करने को कहा है.
झारखंड हाइकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिका 11 फरवरी को दायर की गयी थी. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआईएल दाखिल किया था. प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया था कि हेमंत सोरेन खनन मंत्री, मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं. उन्होंने खुद पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासिल किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआइ से जांच करायी जाए.
प्रार्थी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी कोर्ट से की थी. प्रार्थी ने हाइकोर्ट से मांग की थी कि अदालत राज्यपाल को यह निर्देश दे कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के खिलाफ प्राथमिकी के लिए अभियोजन स्वीकृति प्रदान करें. कुछ दिनों पहले सीएम हेमंत सोरेन के नाम पत्थर खदान का पट्टा एलॉट होने का मामला सामने आया था. इस मामले में हाइकोर्ट में पीआईएल दाखिल हुआ था. कोर्ट ने इस मामले पर महाधिवक्ता से भी जवाब तलब करने का आदेश दिया है.