रांचीः हेमंत सरकार गिराने की साजिश और विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में कांग्रेस विधायकों का नाम सबसे अधिक चर्चा में है. लेकिन, पार्टी के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि विधायक अनूप सिंह ने हवाला कारोबार को लेकर पुलिस से शिकायत की थी. ना कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर. आलमगीर आलम के इस बयान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले का खुलासा गलती से हो गया? और अगर यह खुलासा नहीं होता तो क्या वर्तमान राजनीतिक तस्वीर कुछ होती.
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कहा जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक दिल्ली के एक होटल में थे जिसका सीसीटीवी फुटेज भी देखा गया है. हालांकि, विधायक इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला को पार्टी ने क्लिनचिट दे दिया है. अब कांग्रेस पार्टी के विधायकों का कहना है कि बीजेपी भले ही गठबंधन सरकार को गिराने का कोशिश कर लें लेकिन झारखंड की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगली बार भी सरकार बनाएगी.
साजिश का हुआ पर्दाफाश
विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि बीजेपी को ओर से प्रलोभन दिया गया और इसकी जानकारी उन्होंने विधायक दल के नेता, प्रभारी और मुख्यमंत्री को दे दी थी. इसके बाद ही सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश हुआ. उन्होंने कहा कि जनता के मन में भय का माहौल था जो खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की इस करतूत का असर आने वाले चुनाव में दिखेगा.
सोची-समझी थी साजिश
विधायक ममता देवी ने कहा कि बीजेपी सोची समझी साजिश के तहत सरकार गिराना चाहती है. उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी की सरकार गई है तब से बीजेपी बौखलाई हुई है. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करना है तो जनता के लिए करें. हेमंत सरकार पांच साल नहीं, बल्कि 25 साल चलने वाली है.
बीजेपी जनतांत्रित व्यवस्था में नहीं करती विश्वास
पार्टी विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि जिन जिन प्रदेशों में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई वहां बीजेपी नेता विचलित हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी जनतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं करती है. उन्होंने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए जो भी षड्यंत्र करेगा वह बेनकाब होगा.
क्या है मामला
23 जुलाई को झारखंड सरकार की स्पेशल ब्रांच से मिली सूचना के आधार पर रांची पुलिस ने होटलों में छापेमारी की. इस छापेमारी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि झारखंड सरकार गिराने की साजिश रची जा रही थी. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे. इसी बीच दिल्ली के एक होटल के सीसीटीवी में कांग्रेस के विधायक देखे गए, जिससे कांग्रेस विधायक सरकार गिराने की साजिश में संदेह के घेरे में आ गए.