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5 जुलाई को पेश होगा बजट, जानिए झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स को क्या है उम्मीदें

बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स भी इसे लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहा है. वे इसे रिफॉर्म्स बजट के रूप में देख रहे हैं.

दीपक मारू
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Published : Jul 2, 2019, 8:47 PM IST

रांची: झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने आने वाले बजट को लेकर कहा है कि इस बजट को रिफॉर्म्स बजट के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही उनका मानना है कि स्टेट लेवल पर जो काम हो रहे हैं, उसकी मॉनिटरिंग जरूरी है.

जानकारी देते दीपक मारू

झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने जीएसटी में सुधार किए जाने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि फिजिकल वर्किंग जिसके तहत केंद्र से राज्य को पैसे आते हैं. उसका इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है, इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि खासकर पब्लिक इंटरेस्ट में जो काम हो रहे हैं. उसमें क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिसका आकलन होना चाहिए. इसके अलावा स्टेज वाइज पैसे के मूवमेंट होती है. उसकी रिस्पांसिबिलिटी तय होनी चाहिए और जिस अवधि में काम होना है.

ये भी पढ़ें- झारखंड कैबिनेट की बैठक में 15 प्रस्तावों पर लगी मुहर, 22 जुलाई से विधानसभा का मानसून सेशन

उसके अंदर कामों को कंप्लीट किया जाना चाहिए और सरकार को फोकस करना चाहिए कि पब्लिक इंटरेस्ट के अंदर जो पैसे आने हैं. उसके लिए रिस्पांसिबिलिटी किसकी होगी. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब पर लोगों का फोकस रहता है. ऐसे में सेस की जो व्यवस्था है, उस को सरल बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए सरकार को अलग से फंड की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके लिए जागरूकता और मॉनिटरिंग की जानी जरूरी है और इस पर फोकस किया जाना चाहिए.

रांची: झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने आने वाले बजट को लेकर कहा है कि इस बजट को रिफॉर्म्स बजट के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही उनका मानना है कि स्टेट लेवल पर जो काम हो रहे हैं, उसकी मॉनिटरिंग जरूरी है.

जानकारी देते दीपक मारू

झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने जीएसटी में सुधार किए जाने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि फिजिकल वर्किंग जिसके तहत केंद्र से राज्य को पैसे आते हैं. उसका इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है, इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि खासकर पब्लिक इंटरेस्ट में जो काम हो रहे हैं. उसमें क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिसका आकलन होना चाहिए. इसके अलावा स्टेज वाइज पैसे के मूवमेंट होती है. उसकी रिस्पांसिबिलिटी तय होनी चाहिए और जिस अवधि में काम होना है.

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उसके अंदर कामों को कंप्लीट किया जाना चाहिए और सरकार को फोकस करना चाहिए कि पब्लिक इंटरेस्ट के अंदर जो पैसे आने हैं. उसके लिए रिस्पांसिबिलिटी किसकी होगी. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब पर लोगों का फोकस रहता है. ऐसे में सेस की जो व्यवस्था है, उस को सरल बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए सरकार को अलग से फंड की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके लिए जागरूकता और मॉनिटरिंग की जानी जरूरी है और इस पर फोकस किया जाना चाहिए.

Intro:रांची.झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने आने वाले बजट को लेकर कहा है कि इस बजट को रिफॉर्म्स बजट के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही उनका मानना है कि स्टेट लेवल पर जो काम हो रहे हैं. उसकी मॉनिटरिंग जरूरी है.







Body:झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने जीएसटी में सुधार किए जाने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि फिजिकल वर्किंग जिसके तहत केंद्र से राज्य को पैसे आते हैं. उसका इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है. इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि खासकर पब्लिक इंटरेस्ट में जो काम हो रहे हैं. उसमें क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिसका आकलन होना चाहिए. साथ ही स्टेज वाइज पैसे के मूवमेंट होती है.उसकी रिस्पांसिबिलिटी तय होनी चाहिए और जिस अवधि में काम होना है. उसके अंदर कामों को कंप्लीट किया जाना चाहिए और सरकार को फोकस करना चाहिए कि पब्लिक इंटरेस्ट के अंदर जो पैसे आने हैं. उसके लिए रिस्पांसिबिलिटी किसकी होगी.




Conclusion:उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब पर लोगों का फोकस रहता है. ऐसे में सेस की जो व्यवस्था है. उस को सरल बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए सरकार को अलग से फंड की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके लिए जागरूकता और मॉनिटरिंग की जानी जरूरी है और इस पर फोकस किया जाना चाहिए.
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