रांची: बिहार में सरकार बनाने के बाद जनता दल यूनाइटेड झारखंड में भी अपने आप को मजबूत करने की दिशा में लग गया है. क्योंकि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, जिसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी चिंता जाहिर की थी.
इसी को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड की 27 दिसंबर को हुए राष्ट्रीय परिषद की बैठक में झारखंड के नेताओं को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए. झारखंड जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 दिसंबर को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के नेतृत्व में हुई बैठक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए ताकि राज्य में जदयू का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो सके.
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उन्होंने बताया कि झारखंड में शराब बंदी, सरना धर्म कोड को लागू कराने सहित कई तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, ताकि झारखंड की जनता को जदयू के रूप में एक बेहतर विकल्प मिल सके. प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि जिस प्रकार से सरना धर्म कोड में वर्तमान सरकार ने बिना राज्यपाल की स्वीकृति के ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का काम किया है. इससे सरकार की मंशा साफ होती है कि वह सरना धर्म कोड को लेकर गंभीर नहीं है, क्योंकि नियमानुसार पहले राज्यपाल से स्वीकृति लेने के बाद ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए था.
वहीं, प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी को मजबूत करने के लिए नए लोगों को नई जिम्मेदारियां दी गई. खासकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. उन्होंने, ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए कहा कि आगामी 17 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया है. इस बैठक में प्रदेश प्रभारी और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह सह प्रभारी अरुण कुमार, प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू सहित राज्य के सभी जदयू के बड़े स्तर के नेता शामिल होंगे.
वहीं, विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह भी बताया गया है कि जदयू को झारखंड में मजबूत करने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी में कई फेरबदल भी किए जा सकते हैं. प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिला स्तर के नेताओं को नई जिम्मेदारियां भी दी जा सकती है.