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रांची: बदहाली का रोना रो रहा है जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम, उदासीन है विभाग

रांची के जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम की स्थिति काफी बदहाल है. यह झारखंड का पहला मैदान है जो कई खेल आयोजनों का गवाह बना है. बदहाली के कारण ही कुछ साल पहले यहां एक रेसलर की मौत हो गई थी.

बदहाल स्थिबदहाल जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियमति में है जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम
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Published : Aug 29, 2019, 8:37 AM IST

Updated : Aug 29, 2019, 5:23 PM IST

रांची: जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम राज्य का ऐसा पहला स्टेडियम है, जो कई खेल आयोजनों का गवाह बना है. लेकिन, आज यह मैदान बदहाली का रोना रो रहा है. यहां एक होनहार खिलाड़ी की पैर फिसलने से जान भी गई है. फिलहाल, इस मैदान की बदहाली की ओर विभाग का कोई ध्यान नहीं है.

बदहाल स्थिति में है जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम

क्यों नाम पड़ा जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम?

जयपाल सिंह मुंडा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वे भारत के पहले हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाया था. उन्हीं के नाम से कचहरी के समीप स्टेडियम का निर्माण हुआ था. इसी मैदान परिसर में अटल स्मृति भवन भी बना है, लेकिन, स्टेडियम के मुख्य स्थानों का अभी तक जीर्णोद्धार नहीं हुआ है. बल्कि, पास में ही बन रहे रवींद्र भवन की मिट्टियों को भी यहीं फेंका जा रहा है.

ये भी पढ़ें - खेल दिवस विशेष: हॉकी के प्रति समर्पित थे जयपाल सिंह मुंडा, ब्रिटिश भी थे इनकी कप्तानी के मुरीद

मैदान की बदहाली को लेकर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि इस दिशा में सरकार काम कर रही है. यहां स्टेडियम का निर्माण निश्चित रूप से किया जाएगा. वह भी जयपाल सिंह मुंडा के नाम से ही. बता दें कि झारखंड कुश्ती संघ का कार्यालय भी जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में ही हुआ करता था. इससे जुड़े पदाधिकारी भोला सिंह कहते हैं कि एक जमाना था जब इस स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम हुआ करता था. खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस करते थे. इस स्टेडियम की ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

रांची: जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम राज्य का ऐसा पहला स्टेडियम है, जो कई खेल आयोजनों का गवाह बना है. लेकिन, आज यह मैदान बदहाली का रोना रो रहा है. यहां एक होनहार खिलाड़ी की पैर फिसलने से जान भी गई है. फिलहाल, इस मैदान की बदहाली की ओर विभाग का कोई ध्यान नहीं है.

बदहाल स्थिति में है जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम

क्यों नाम पड़ा जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम?

जयपाल सिंह मुंडा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. वे भारत के पहले हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाया था. उन्हीं के नाम से कचहरी के समीप स्टेडियम का निर्माण हुआ था. इसी मैदान परिसर में अटल स्मृति भवन भी बना है, लेकिन, स्टेडियम के मुख्य स्थानों का अभी तक जीर्णोद्धार नहीं हुआ है. बल्कि, पास में ही बन रहे रवींद्र भवन की मिट्टियों को भी यहीं फेंका जा रहा है.

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मैदान की बदहाली को लेकर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि इस दिशा में सरकार काम कर रही है. यहां स्टेडियम का निर्माण निश्चित रूप से किया जाएगा. वह भी जयपाल सिंह मुंडा के नाम से ही. बता दें कि झारखंड कुश्ती संघ का कार्यालय भी जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में ही हुआ करता था. इससे जुड़े पदाधिकारी भोला सिंह कहते हैं कि एक जमाना था जब इस स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम हुआ करता था. खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस करते थे. इस स्टेडियम की ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:खेल दिवस विशेष.

रांची।

राजधानी रांची के कचहरी स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम राज्य का पहला स्टेडियम है जो कई खेल आयोजनों का गवाह बना है .लेकिन आज यह स्टेडियम अपने ही बदहाली का रोना रो रहा है .इस स्टेडियम में एक होनहार खिलाड़ी का जान भी गया है. फिलहाल इस ओर विभाग का तो ध्यान नहीं है लेकिन खेल से जुड़े लोगों ने इस स्टेडियम को एक बार फिर जीवंत देखना चाहते हैं.


Body:बदहाली का रोना रो रहा है जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम, जयपाल सिंह मुंडा पहचान के मोहताज नहीं है. यह भारत का वह पहला हॉकी खिलाड़ी है .जिन्होंने भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलवाया था और उन्हीं के नाम से झारखंड में पहला जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का निर्माण कचहरी के समीप हुआ था .इस स्टेडियम में कई खेलों का आयोजन भी हुआ है .जिसका गवाह यह स्टेडियम खुद है .लेकिन आज यह स्टेडियम बदहाली का रोना रोने को मजबूर है .फिलहाल इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. इसी स्टेडियम परिसर में अटल स्मृति भवन बना है. वह भी जमीन जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का ही है. लेकिन स्टेडियम के मुख्य स्थानों का अब तक जीर्णोद्धार नहीं हुआ है. बल्कि इसी स्टेडियम परिसर पर बगल में बन रहे रविंद्र भवन के मिट्टियों का डंप भी यहां हो रहा है. इस मामले को लेकर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि इस दिशा में सरकार काम कर रही है .यहां जरूर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा. वह भी जयपाल सिंह मुंडा के नाम से ही.


Conclusion:वहीं झारखंड कुश्ती का कार्यालय भी जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में ही हुआ करता था .इससे जुड़े पदाधिकारी भोला सिंह कहते हैं कि उस स्टेडियम में एक जमाना था जब रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता था. खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस करते थे और एक खिलाड़ी ने इस स्टेडियम की बदहाली के कारण ही जान गवा दिया है .यह काफी दुखदाई है .इस स्टेडियम की ओर राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.

बाइट-सीपी सिंह ,मंत्री,राज्य सरकार।

बाइट-भोला नाथ सिंह,अध्यक्ष, हॉकी झारखंड।
Last Updated : Aug 29, 2019, 5:23 PM IST
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