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कैसे भरेगा गरीब यात्रियों का पेट जब 'जनता खाना' गटक जा रहे हैं रेलवे वेंडर्स, पढ़ें ये खबर

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के प्रयास से रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में सस्ती कीमत में जनता खाना योजना चलाई गई थी. हालांकि अब यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जागरूकता की कमी के कारण लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है. यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है. नतीजतन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है.

रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल रहा जनता खाना
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Published : Sep 18, 2019, 10:04 PM IST

रांची: पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के प्रयास से रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में सस्ती कीमत में जनता खाना योजना चलाई गई थी. उस दौरान यह योजना काफी हिट रही. योजना से गरीब जनता को सीधे तौर पर जोड़ा गया था. रेलवे बोर्ड ने जनता खाना के लिए ट्रेन में 20 और स्टेशन पर 15 रुपये मूल्य तय किए थे. हालांकि अब यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जागरूकता की कमी के कारण लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है. नतीजतन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. हटिया-रांची रेलवे स्टेशन पर फेस्टिवल सीजन के दौरान ट्रेनों में अमूमन यात्रियों की भीड़ अधिक बढ़ जाती है. इससे यात्रियों का अधिकतर समय स्टेशन पर ही गुजरता है. यात्रियों को 15 रुपये में मिलने वाला जनता खाना उनके लिए सपना सा बन गया है. हालांकि कुछ एक स्टॉल में एक-दो पैकेट जनता खाना आपको जरूर मिल जाएगा. वह भी जब किसी अधिकारी के निरीक्षण की सूचना मिलती है.

आनन-फानन में स्टाफ द्वारा जनता खाने का पैकेट मुहर मारकर रख दिया जाता है. जिससे लगे कि जनता खाने की बिक्री इन स्टॉल्स में हो रही है. गौरतलब है कि रेलवे द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि जिन स्टॉल धारक के पास जनता खाना नहीं होगा, उन पर कार्रवाई होगी. इसके बावजूद अधिकतर स्टॉल्स में जनता खाना गायब दिखा.

ये भी पढ़ें- रांची रेल मंडल ने जारी किया सर्कुलर, 2 अक्टूबर से इस्तेमाल हुई सिंगल यूज प्लास्टिक तो होगी सख्त कार्रवाई

ईटीवी भारत की टीम की पड़ताल
हमारी टीम ने इस पूरे मामले को लेकर पड़ताल की और यात्रियों से खास बातचीत की है. यात्रियों की मानें तो उन्हें जनता खाना के बारे में जानकारी ही नहीं है. तो आप अंदाजा लगाइए कि जनता खाना जैसी योजना की हालत क्या हो रही है. फिलहाल ये योजना दम तोड़ती दिखाई दे रही है. गरीब यात्री भूखे ही ट्रेन में सफर करते हैं, जबकि उनके लिए जनता खाना जैसी कम कीमत पर योजना उपलब्ध है.

ये भी पढ़ें- अब कचहरी चौक से राजेंद्र चौक तक चलेंगी सिटी बसें, महिलाओं के लिए स्पेशल बस की होगी शुरुआत

क्या कहता है फूड मैनुअल
फूड मैनुअल के अनुसार पूरी 175 ग्राम, सब्जी 150 ग्राम और अचार 15 ग्राम इस जनता खाना योजना के तहत निर्धारित किया गया है. रेलवे स्टेशनों में 15 रुपये इसकी कीमत तय की गई है. रेल प्रशासन ने गरीबों की जरूरतों को देखते हुए जनता खाना की व्यवस्था तमाम स्टेशनों पर करने की हिदायत दी है. हालांकि कैंटीन और स्टॉल वाले अधिकारियों को ही ठेंगा दिखा रहे हैं. जबकि इसके लिए स्टॉल धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने का प्रावधान भी है.

रांची: पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के प्रयास से रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में सस्ती कीमत में जनता खाना योजना चलाई गई थी. उस दौरान यह योजना काफी हिट रही. योजना से गरीब जनता को सीधे तौर पर जोड़ा गया था. रेलवे बोर्ड ने जनता खाना के लिए ट्रेन में 20 और स्टेशन पर 15 रुपये मूल्य तय किए थे. हालांकि अब यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जागरूकता की कमी के कारण लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है. नतीजतन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. हटिया-रांची रेलवे स्टेशन पर फेस्टिवल सीजन के दौरान ट्रेनों में अमूमन यात्रियों की भीड़ अधिक बढ़ जाती है. इससे यात्रियों का अधिकतर समय स्टेशन पर ही गुजरता है. यात्रियों को 15 रुपये में मिलने वाला जनता खाना उनके लिए सपना सा बन गया है. हालांकि कुछ एक स्टॉल में एक-दो पैकेट जनता खाना आपको जरूर मिल जाएगा. वह भी जब किसी अधिकारी के निरीक्षण की सूचना मिलती है.

आनन-फानन में स्टाफ द्वारा जनता खाने का पैकेट मुहर मारकर रख दिया जाता है. जिससे लगे कि जनता खाने की बिक्री इन स्टॉल्स में हो रही है. गौरतलब है कि रेलवे द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि जिन स्टॉल धारक के पास जनता खाना नहीं होगा, उन पर कार्रवाई होगी. इसके बावजूद अधिकतर स्टॉल्स में जनता खाना गायब दिखा.

ये भी पढ़ें- रांची रेल मंडल ने जारी किया सर्कुलर, 2 अक्टूबर से इस्तेमाल हुई सिंगल यूज प्लास्टिक तो होगी सख्त कार्रवाई

ईटीवी भारत की टीम की पड़ताल
हमारी टीम ने इस पूरे मामले को लेकर पड़ताल की और यात्रियों से खास बातचीत की है. यात्रियों की मानें तो उन्हें जनता खाना के बारे में जानकारी ही नहीं है. तो आप अंदाजा लगाइए कि जनता खाना जैसी योजना की हालत क्या हो रही है. फिलहाल ये योजना दम तोड़ती दिखाई दे रही है. गरीब यात्री भूखे ही ट्रेन में सफर करते हैं, जबकि उनके लिए जनता खाना जैसी कम कीमत पर योजना उपलब्ध है.

ये भी पढ़ें- अब कचहरी चौक से राजेंद्र चौक तक चलेंगी सिटी बसें, महिलाओं के लिए स्पेशल बस की होगी शुरुआत

क्या कहता है फूड मैनुअल
फूड मैनुअल के अनुसार पूरी 175 ग्राम, सब्जी 150 ग्राम और अचार 15 ग्राम इस जनता खाना योजना के तहत निर्धारित किया गया है. रेलवे स्टेशनों में 15 रुपये इसकी कीमत तय की गई है. रेल प्रशासन ने गरीबों की जरूरतों को देखते हुए जनता खाना की व्यवस्था तमाम स्टेशनों पर करने की हिदायत दी है. हालांकि कैंटीन और स्टॉल वाले अधिकारियों को ही ठेंगा दिखा रहे हैं. जबकि इसके लिए स्टॉल धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने का प्रावधान भी है.

Intro:special story.

बाइट-यात्री,यात्री,यात्री

बाइट-नीरज कुमार,सीपीआरओ, रांची रेल मंडल

बाइट-संदीप नागपाल, मेंबर, रेलवे एडवाइजरी कमिटी



रांची।

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के प्रयास से रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में सस्ती कीमत वाली जनता खाना योजना चलाई गई थी .उस दौरान यह योजना काफी हिट रही .इस योजना से गरीब जनता को सीधा जोड़ा गया था. वहीं पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी यात्रियों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए जनता खाना को प्राथमिकता दी थी. रेलवे बोर्ड ने जनता खाना के लिए ट्रेन में 20 और स्टेशन पर 15 रुपये मूल्य तय किए थे .लेकिन अब यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. जागरूकता की कमी के कारण लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है.


Body:यात्रियों को जनता खाना नहीं मिल रहा है .नतीजा रेलवे स्टेशन पर यहां यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. हटिया -रांची रेलवे स्टेशनों में फेस्टिवल सीजन के दौरान ट्रेनों में अमूमन यात्रियों की भीड़ अधिक बढ़ जाती है .जिससे यात्रियों का अधिकतर समय स्टेशन पर ही गुजरता है .यात्रियों को 15 रुपये में मिलने वाला जनता खाना उनके लिए सपना सा बन गया है .हालांकि कुछ एक स्टॉल में एक-दो पैकेट जनता खाना आपको जरूर मिल जाएंगे. वह भी जब सूचना मिलती है किसी अधिकारी का निरीक्षण का तब. आनन-फानन में स्टाफ द्वारा जनता खाना का पैकेट मुहर मार कर रख दिया जाता है. ताकि लगे कि जनता खाना की बिक्री इन स्टॉल्स में हो रहा है. बता दूं कि रेलवे द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि जिन स्टॉल धारक के पास जनता खाना नहीं होगा .उन पर कार्रवाई होगी .लेकिन रेलवे के पदाधिकारियों के इस निर्देश के बावजूद अधिकतर स्टॉल्स में जनता खाना गायब दिखा .

ईटीवी भारत की टीम की पड़ताल:

हमारी टीम ने इस पूरे मामले को लेकर पड़ताल की है और यात्रियों से खास बातचीत की है. यात्रियों की मानें तो उन्हें जनता खाना के बारे में जानकारी ही नहीं है. जनता खाना किस चिड़िया का नाम है वह भी यात्री नहीं जानते हैं .तो आप अंदाजा लगाइए कि जनता खाना जैसे योजना का हालत क्या हो रहा है .यह योजना दम तोड़ती दिखाई दे रही है. मजबूरन यात्रियों को महंगे दाम पर खाना खरीद कर खाना पड़ता है .गरीब यात्री भूखे ही ट्रेन में सफर करते हैं .जबकि उनके लिए जनता खाना जैसे कम कीमत पर योजना उपलब्ध है.


Conclusion:क्या कहता है फ़ूड मैनुअल:

फूड मैनुअल के अनुसार पूरी 175 ग्राम ,सब्जी 150 ग्राम और आचार 15 ग्राम इस जनता खाना योजना के तहत निर्धारित किया गया है. रेलवे स्टेशनों में 15 रुपये इसके कीमत तय किए गए हैं .रेल प्रशासन ने गरीबों की जरूरतों को देखते हुए जनता खाना की व्यवस्था तमाम स्टेशनों पर करने की हिदायत दी है. लेकिन कैंटीन और स्टॉल वाले अधिकारियों को ही ठेंगा दिखा रहे हैं. जबकि इसके लिए स्टॉल धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने का प्रावधान भी है .रेलवे बोर्ड ने भी बाकायदा खाना का मैन्यू पैकिंग और मानक तय किए हैं. यात्रियों के दिए जाने वाले भोजन के डिब्बे पर बाकायदा बड़े अक्षरों में जनता खाना लिखने का निर्देश भी दी गई है. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस योजना के प्रति काफी उदासीनता देखी जा रही है. लेकिन आज तक रेलवे के अधिकारियों ने एक भी खानपान के ठेकेदार पर मामला नहीं दर्ज कर पाई है.

अधिक से अधिक जनता खाना उपलब्ध कराना लक्ष्य:

रेलवे स्टेशनों पर गरीब यात्रियों के लिए अधिक से अधिक स्थानों पर जनता खाना उपलब्ध कराना लक्ष्य है. समय-समय पर रेलवे अधिकारी निरीक्षण भी करते हैं .लेकिन जब अधिकारी निरीक्षण कर चले जाते हैं .तब जनता खाना गायब हो जाता है .हाय रे रेल प्रशासन हाय रे आपकी योजना .

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