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महात्मा गांधी ने 'बापू कुटीर' में बिताया था घंटों वक्त, जायसवाल परिवार की यादें अब तक हैं ताजा

रांची के कोकर में स्थित 'बापू कुटीर' झारखंड के लिए सबसे यादगार और ऐतिहासिक स्थान है. यहां महात्मा गांधी समेत कई महापुरुष आए थे. जिनकी यादों को आज भी जयसवाल परिवार ने संजो कर रखा है.

बापू कुटीर में रुके थे महात्मा गांधी
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Published : Oct 1, 2019, 9:56 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:16 PM IST

रांची: महात्मा गांधी ने वर्ष 1940 में रामगढ़ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने रांची के जायसवाल परिवार के यहां घंटों बिताया था. जिस स्थान पर उन्होंने घंटों वक्त बिताया था. उसे आज भी जायसवाल परिवार ने 'बापू कुटीर' के नाम से सुरक्षित रखा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 'बापू कुटीर' में घंटों वक्त बिताया था. आज भी उनकी यादों को रांची के जायसवाल परिवार ने संजो कर रखा है.

बापू कुटीर में रुके थे महात्मा गांधी

राजधानी के कोकर में जायसवाल परिवार के निवास स्थान में स्थित 'बापू कुटीर' झारखंड के लिए सबसे यादगार और ऐतिहासिक स्थानों में से एक है. यहां महात्मा गांधी ही नहीं बल्कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और जाकिर हुसैन जैसे देश के महान नेता भी आ चुके हैं. स्वतंत्रता सेनानी राय साहब लक्ष्मी नारायण जयसवाल का पांच पीढ़ियों ने महात्मा गांधी के ठहरने वाले स्थान को 'बापू कुटीर' के रूप में संजोकर रखा है.

5 पीढ़ियों से परिवार कर रहा गांधी की स्मृतियों की रक्षा
राय साहब लक्ष्मी नारायण जायसवाल की पांचवी पीढ़ी के सदस्य आदित्य विक्रम जायसवाल बताते हैं कि 5 पीढ़ियों से उनका परिवार महात्मा गांधी की स्मृतियों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती से महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई छेड़ी थी और 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने घंटों 'बापू कुटीर' में अपना समय बिताया था.

ये भी पढ़ें- रांची के इस दिव्यांग स्कूल के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आये थे महात्मा गांधी!

आज भी 'बापू कुटीर' को संभाल कर रखा गया है
वहीं, आदित्य बताते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर उनके पूर्वजों ने ब्रिटिश गवर्नमेंट के द्वारा दिए गए सभी उपाधि को लौटा दिया था. उन्होंने बताया कि 'बापू कुटीर' उनके दादा शिवनारायण जायसवाल और पिता मनोरंजन जायसवाल ने बापू कुटीर को संजोकर रखा और अब उनके द्वारा इसे सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

रांची से गांधी का लगाव
इधर, कांग्रेस के पुराने नेता अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि महात्मा गांधी का लगाव रांची से हमेशा से जुड़ा रहा था. यही वजह है कि उनका रांची में हमेशा आना जाना होता रहा. उन्होंने बताया कि जायसवाल परिवार के यहां उन्होंने 'बापू कुटीर' में घंटों समय बिताया था. यही वजह है कि जयसवाल परिवार और कांग्रेसी आज भी महात्मा गांधी कि रांची में बिताए गए समय से प्रेरणा लेते हैं और उनके आदर्शों पर चलने का हमेशा प्रयास करते हैं.

रांची: महात्मा गांधी ने वर्ष 1940 में रामगढ़ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने रांची के जायसवाल परिवार के यहां घंटों बिताया था. जिस स्थान पर उन्होंने घंटों वक्त बिताया था. उसे आज भी जायसवाल परिवार ने 'बापू कुटीर' के नाम से सुरक्षित रखा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 'बापू कुटीर' में घंटों वक्त बिताया था. आज भी उनकी यादों को रांची के जायसवाल परिवार ने संजो कर रखा है.

बापू कुटीर में रुके थे महात्मा गांधी

राजधानी के कोकर में जायसवाल परिवार के निवास स्थान में स्थित 'बापू कुटीर' झारखंड के लिए सबसे यादगार और ऐतिहासिक स्थानों में से एक है. यहां महात्मा गांधी ही नहीं बल्कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और जाकिर हुसैन जैसे देश के महान नेता भी आ चुके हैं. स्वतंत्रता सेनानी राय साहब लक्ष्मी नारायण जयसवाल का पांच पीढ़ियों ने महात्मा गांधी के ठहरने वाले स्थान को 'बापू कुटीर' के रूप में संजोकर रखा है.

5 पीढ़ियों से परिवार कर रहा गांधी की स्मृतियों की रक्षा
राय साहब लक्ष्मी नारायण जायसवाल की पांचवी पीढ़ी के सदस्य आदित्य विक्रम जायसवाल बताते हैं कि 5 पीढ़ियों से उनका परिवार महात्मा गांधी की स्मृतियों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती से महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई छेड़ी थी और 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने घंटों 'बापू कुटीर' में अपना समय बिताया था.

ये भी पढ़ें- रांची के इस दिव्यांग स्कूल के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आये थे महात्मा गांधी!

आज भी 'बापू कुटीर' को संभाल कर रखा गया है
वहीं, आदित्य बताते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर उनके पूर्वजों ने ब्रिटिश गवर्नमेंट के द्वारा दिए गए सभी उपाधि को लौटा दिया था. उन्होंने बताया कि 'बापू कुटीर' उनके दादा शिवनारायण जायसवाल और पिता मनोरंजन जायसवाल ने बापू कुटीर को संजोकर रखा और अब उनके द्वारा इसे सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है.

रांची से गांधी का लगाव
इधर, कांग्रेस के पुराने नेता अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि महात्मा गांधी का लगाव रांची से हमेशा से जुड़ा रहा था. यही वजह है कि उनका रांची में हमेशा आना जाना होता रहा. उन्होंने बताया कि जायसवाल परिवार के यहां उन्होंने 'बापू कुटीर' में घंटों समय बिताया था. यही वजह है कि जयसवाल परिवार और कांग्रेसी आज भी महात्मा गांधी कि रांची में बिताए गए समय से प्रेरणा लेते हैं और उनके आदर्शों पर चलने का हमेशा प्रयास करते हैं.

Intro:नोट-:एक बाइट और विजुअल लाइव यू से गई है।

रांची.महात्मा गांधी ने वर्ष 1940 में रामगढ़ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने से पहले रांची के जयसवाल परिवार के यहां घंटों बिताया था।जिस स्थान पर उन्होंने घंटों वक्त बिताया था। उसे आज भी जयसवाल परिवार 'बापू कुटीर' के नाम से सुरक्षित रखे हुए हैं।




Body:राजधानी के कोकर में जयसवाल परिवार के निवास स्थान में स्थित 'बापू कुटीर' झारखंड के लिए सबसे यादगार और ऐतिहासिक स्थान है। यहां महात्मा गांधी ही नहीं बल्कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ,पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और जाकिर हुसैन जैसे देश के महान नेता भी पधार चुके हैं। स्वतंत्रता सेनानी राय साहब लक्ष्मी नारायण जयसवाल के वंसज पांच पीढ़ियों से महात्मा गांधी के ठहरने वाले स्थान को 'बापू कुटीर' के रूप में संजोकर रखे हुए हैं।


राय साहब लक्ष्मी नारायण जयसवाल के वंशज के पांचवी पीढ़ी के सदस्य आदित्य विक्रम जायसवाल बताते हैं कि 5 पीढ़ियों से उनका परिवार महात्मा गांधी की स्मृतियों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती से महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई छेड़ी थी और वर्ष 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने घंटों 'बापू कुटीर' में अपना समय बिताया था। आदित्य बताते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कहने पर हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश गवर्नमेंट के द्वारा दिए गए सभी उपाधि को लौटा दिया था। उन्होंने बताया कि 'बापू कुटीर' हमारे दादा शिवनारायण जयसवाल और हमारे पिता मनोरंजन जयसवाल ने बापू कुटीर को संजो कर रखा और अब मेरे द्वारा इसे सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है।



Conclusion:वहीं कांग्रेस के पुराने नेता अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि महात्मा गांधी का लगाव रांची से हमेशा से जुड़ा रहा था। यही वजह है कि उनका रांची में आगमन हमेशा होता रहा।उन्होंने बताया कि जयसवाल परिवार के यहां उन्होंने 'बापू कुटीर' में घंटों समय बिताया था। यही वजह है कि जयसवाल परिवार और कांग्रेसी आज भी महात्मा गांधी कि रांची में बिताए गए समय से प्रेरणा लेते हैं और उनके आदर्शों पर चलने का हमेशा प्रयास करते हैं।
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:16 PM IST
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