रांची: झारखंड में कोरोना की रफ्तार अब कम हो गई है तो सरकार ने पूरा फोकस संभावित कोरोना के तीसरे वेव से बच्चों को बचाने की तैयारियों में लगा दिया है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि राज्य में अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो सात लाख 17 हजार के करीब बच्चे कोरोना से संक्रमित होंगे जिसमें से 40% यानी दो लाख 87 हजार बच्चे वैसे होंगे जिनमें कोरोना का लक्षण दिखेगा. इनमें से 3% यानी 8610 बच्चे ऐसे हो सकते हैं, जिनको कोरोना संक्रमण के चलते आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है. इसको ध्यान में रखकर झारखंड सरकार अभी से ही तीसरे वेव से निपटने की तैयारियों में लगी है.
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सभी प्रमंडल मुख्यालय में 20-20 बेड का पीडियाट्रिक ICU
इसके लिए सभी जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू खोलने के आदेश सभी सिविल सर्जन को दिए गए हैं. राज्य के सभी पांच प्रमंडल मुख्यालय में 20 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू खोला जाएगा. अन्य सभी जिला मुख्यालय में 10-10 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू खोले जाएंगे. जिसमें वेंटीलेटर थेरेपी, एचएसएनसी, सिपेप की व्यवस्था होगी. सभी सीएससी में हाई फ्लो ऑक्सीजन वाले चार बेड ऑक्सीजन युक्त दस बेड की व्यवस्था होगी.
रिम्स का पार्किंग भवन बनेगा पीडियाट्रिक ICU
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के मल्टी स्टोरी पार्किंग भवन जिसमें अभी अस्थायी कोविड-19 रहा है. उसे बच्चों के इलाज के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू में तब्दील किया जा रहा है तो रांची सदर अस्पताल में 20 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू और 40 बेड का ऑक्सीजन सपोर्टेड वार्ड खासकर बच्चों के लिए बनाए जा रहे हैं.
डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी
कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टरों और नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. कोरोना के संभावित तीसरे लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. इसकी संभावना को देखते हुए झारखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग राज्य के डॉक्टरों और नर्सों को covid-19 संक्रमण के दौरान बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है. इस योजना के पहले चरण में सभी जिला से दो शिशु रोग विशेषज्ञ दो मेडिकल ऑफिसर और 2 नर्सों को प्रशिक्षित किया जाएगा.