रांची: पुलिस में नौकरी करते हुए अपने घर और परिवार को समय दे पाना बेहद मुश्किल भरा काम होता है. पुलिसकर्मियों को छुट्टी भी बहुत कम मिल पाती है. छुट्टी नहीं मिलने को लेकर अक्सर सीनियर अधिकारियों तक शिकायतें पहुंचती हैं. जिसे लेकर अब झारखंड पुलिस में कर्मियों को छुट्टी देने में सहानुभूति पूर्वक विचार करने का निर्देश सभी जिलों के एसपी और पुलिस ईकाईयों के प्रमुख को दिया गया है.
ये भी पढ़ें: बड़ा खतरा-बड़ी चुनौतीः हाथ मिला रहे नक्सली और गैंगस्टर! विदेशी हथियार से चला रहे डर का कारोबार
कार्मिक डीआईजी ने लिखा पत्र
झारखंड पुलिस मुख्यालय की डीआईजी कार्मिक ए विजयालक्ष्मी ने सभी जिलों के एसपी को लिखा है कि पुलिसकर्मियों को 13 माह के वेतन के ऐलान के बाद 20 दिनों का क्षतिपूर्ति अवकाश काट दिया गया था. ऐसे में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां अब कम हो गई हैं. डीआईजी कार्मिक ने लिखा है कि पुलिसकर्मियों को आकस्मिक अवकाश मिल रहा है, लेकिन पुलिसकर्मियों के छुट्टी की जरूरत इससे पूरी नहीं हो पाती. ऐसे में पुलिसकर्मियों को उजार्जित अवकाश दी जाए.
संवेदनशीलता से करें विचार
डीआईजी कार्मिक ने राज्यभर के जिलों के एसपी और पुलिस ईकाईयों के प्रमुखों को लिखा है कि पुलिसकर्मी अगर विशेष परिस्थिति में छुट्टियों की मांग करें तो इस पर संवेदनशीलता से विचार करें. साथ ही उन्हें छुट्टी दें. जानकारी के मुताबिक, राज्य पुलिस एसोसिएशन ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में मांग रखी थी. राज्य में पुलिसकर्मियों को 13 माह का वेतन दिया जा रहा है, लेकिन 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश लेने पर पुलिसकर्मियों को 13वें माह का वेतन नहीं दिया जाता. 13वें माह का वेतन लेने पर क्षतिपूर्ति अवकाश का लाभ पुलिसकर्मियों को नहीं मिलता.
लंबे समय से क्षतिपूर्ति अवकाश लागू करने की मांग
झारखंड पुलिस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा साल 2018 से ही क्षतिपूर्ति अवकाश लागू करने की मांग की जा रही है. इसे लागू करने के लिए पुलिस की दोनों एसोसिएशनों ने कई बार सरकार से गुहार भी लगायी है. हालांकि, अबतक पुलिस की मांगे पूरी नहीं हो पायी हैं. पुलिसकर्मियों की मांग है कि 13 माह के वेतन के साथ साथ पुलिसकर्मियों की क्षतिपूर्ति अवकाश की बहाली भी की जाए.