रांची: रिम्स में ब्लैक फंगस से पीड़ित (Black Fungus Patient) गिरिडीह के उषा देवी की मौत मामले में बरती गई लापरवाही की जांच विशेषज्ञों की टीम करेगी. स्वास्थ विभाग की ओर से इसके लिए 3 सदस्य कमेटी गठित कर दी गई है. जमशेदपुर के प्रसिद्ध अस्पताल एमजीएम के ENT के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया है.
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स्वास्थ विभाग का निर्देश
सदस्य टीम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. राकेश दयाल और रांची सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार को शामिल किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि इस मामले की अविलंब जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाए. जांच के लिए बनाई गई टीम को यह भी हिदायत दी गई है कि अगर उषा गुप्ता के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही रिम्स प्रबंधन और वहां के चिकित्सकों के द्वारा बरती गई थी, तो ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित कर उनका नाम विभाग को सौंपा जाए.
क्या है मामला
बता दें कि उषा देवी 5 मई को कोरोना संक्रमित हुई थी. जिसके बाद वो ब्लैक फंगस से भी ग्रसित हो गई थी. उन्हें बेहतर इलाज के लिए 17 मई को रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. महिला के बेटे गौरव गुप्ता ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाया था कि चिकित्सकों ने ऑपरेशन के नाम पर टालमटोल किया था. जिस वजह से उसकी मां की जान चली गई. वहीं अपनी मां के ऑपरेशन के लिए बेटे गौरव गुप्ता और बेटी पूजा गुप्ता ने रिम्स प्रबंधन से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई थी. लेकिन उनकी किसी ने एक न सुनी. जिसके बाद महिला का बेटा हाई कोर्ट के शरण में गया और हाई कोर्ट ने बेटे की फरियाद सुनते रिम्स प्रबंधन को त्वरित संज्ञान लेने का निर्देश दिया था.
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हाई कोर्ट की फटकार के बाद किया था ऑपरेशन
हाई कोर्ट की फटकार के बाद रिम्स प्रबंधन ने 8 जुलाई को महिला का ऑपरेशन किया लेकिन 72 घंटे के बाद ही महिला की मौत हो गई. इसको लेकर महिला के परिजनों ने रिम्स के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद, अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप, इएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. सी के बिरुवा सहित कई चिकित्सकों पर नामजद FIR दर्ज कराई थी.